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Ask questions which are clear, concise and easy to understand.

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Arjun Singh Bisht 3 years, 1 month ago

जयशंकर प्रसाद
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Khushi Bebo 3 years, 1 month ago

Yes aayega

Bhumika Yadav 3 years, 1 month ago

Bilkul aayege ...jivni ka pkka nhi h but aap tyari rakho
  • 2 answers

Sachin Sharma 3 years ago

Ram chandra Shukla ke pita farsi ke gyata or hindi premi the. Unke ghar mein Bhartendu rachit hindi natako tatha ramcharitmans or ramchandika ka vachan hota tha . Unke pita dwara ramchandra ko bachpan mein hi sahitya se parichit. Bhartendu rachit natak lekhak ko aakrshit krte the.aage chal kr pandit kedarnath ji ne ismein mil ke pathar ka kam kiya.lekhak jis pustakalya mein jate the kedarnath uske santhapak the or ve roj lekhak ko books le jate hue dekhte the. Bache ke ander hindi lekhak or pustako ke liye aaderbhav dekhkr vah bahot prabhavit hue. Unhi ki wajhe se ramchandra 16 sal ki aayu mein hindi premiyo ki mandali se parichay hua . Is mandli ke sabhi sadasya hindi jagat mein bahot mahetvpuran (important) sthan rakhte hai. Insabke rahte lekhak ka hindi ke prati jhukav teji se badhha..

Muskan Sharma 3 years, 1 month ago

Refer to ncert soln in cbse app
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Tanuja Sha 3 years, 2 months ago

3/3/2021

Tanuja Sha 3 years, 2 months ago

Vishaka rojoria
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Iffat Shaikh 3 years, 1 month ago

Harki pori per aarti ke samay ek alag hi mahol dikhne ko milta h aarti k samay logo bheed tadha speaker per sangeet and aarti ki aawaz madhur sawar me gungti rehti h aarti k samay phoolo k done anay samay ke mukble mehge ho jate h aarti shuru hote hi sb aarti me shamil hote h kuchh log geele sanan yukt vastr me hi aarti me khade ho jate h log badi door door se ja kr waha apni manokamna mangte h pooja samapt hote hi sb maathe pr tika tatha parshad le kr aarti se alwida lete h harki podi aarti k samay jagmaga uthta h har jagah jahag pr diye tatha sugandh logo k man ko moh leta h
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Iffat Shaikh 3 years, 1 month ago

Kavita me logo ka maalamaal or gatisheel hone se kavi dwara logo yah sanket diya gaya h ki ve vayakti nirlajja,jhooth, farev and logo ko thag kr apni sukh subhidha ektrit ki h
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Ronak Mor 3 years, 3 months ago

Kisi vishas smachar ka ghtnasathal se durdarsan pr sidha prasran live khlata hai

Manshi Rawat 3 years, 3 months ago

Live yaani abhi abhi ki Vedio hai jo abhi ke abhi jo raha ha
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (11) भारत की वैज्ञानिक प्रगति ने भारतीय नागरिकों के जीवन को सरल और सुख-सुविधाओं से संपन्न कर दिया है। उसने खाना बनाने के ईधन से लेकर कपड़े धोने, मसाला कूटने-पीसने, गर्मी में कमरों को ठंडा रखने और सर्दी में गर्म रखने के उपकरण उपलब्ध कराकर प्रकृति को उसकी दासी बना दिया है। विज्ञान ने काल तथा स्थान की बाधाएँ मिटा दी हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए विदेशों से खाद्यान्न का आयात करता था लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधानों के द्वारा उन्नत किस्म के बीजों को विकसित किया, अच्छी खादों का निर्माण किया, मिट्टी की जाँच और खेती करने की नई तकनीकों का विकास कर कृषि को नई दिशा दी। कृषि विज्ञान में प्रगति के कारण ही देश में हरित क्रांति हुई। देश अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बना। आज तो देश खाद्यान्नों का निर्यात कर रहा है। इस हरित क्रांति के पश्चात् तो देश श्वेत क्रांति, पीली क्रांति और नीली क्रांति करने में सक्षम हुआ। देश ने ऊर्जा विज्ञान के क्षेत्र में भी उन्नति की है। यह अलग बात है कि देश की माँग के अनुरूप अभी तक ऊर्जा उत्पन्न करने में देश सक्षम नहीं हुआ। देश की नदियों पर विशालकाय बाँधों का निर्माण कर जल-विद्युत गृहों का निर्माण किया गया। विदेशों की सहायता से परमाणु बिजली घर स्थापित किए गए, लेकिन अब भारत स्वयं अपने परमाणु रियेक्टर बना रहा है और विद्युत की कमी को दूर करने का प्रयास कर रहा है। इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश ने उन्नति की है। अब जहाँ जल-विद्युत का पहुँचना संभव नहीं है या अत्यंत व्ययकारी है, वहाँ सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा से बिजली की व्यवस्था की जा रही है। इतना ही नहीं, अब सी.एन.जी. गैस के द्वारा वाहनों, कल-कारखानों को चलाया जा रहा है। ऊर्जा के लिए पेट्रोल और डीजल का तो परंपरा से प्रयोग हो रहा है। पेट्रोल और डीजल की पूर्ति आयात के द्वारा की जाती है। देश के वैज्ञानिक देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। वे भूगर्भ में छिपे तेल के भंडारों का पता लगा रहे हैं। उन्होंने बंबई में तेल का भंडार खोजकर तेल उत्पादन आरंभ कर दिया है। अब तो वे रेगिस्तान में भी तेल के भंडार खोजने में जुटे हैं और उन्हें सफलता भी मिल रही है। खनिज-तेल शोधन के लिए शोधशालाएँ स्थापित की गई हैं। भारत ने सैन्य विज्ञान में आशातीत प्रगति की है। भारत दो दशक पूर्व तक अपनी सेना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विदेशों पर पूरी तरह आश्रित था, किंतु अब रक्षा अनुसंधान शालाओं में वैज्ञानिकों ने भारत की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नई तकनीकों का आविष्कार किया है। इससे भारत परंपरागत हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है। अब भारत में हथियारों के कारखानों में आधुनिकतम तोप-टैंक का निर्माण हो रहा है। इतना ही नहीं, भारत ने वायुसेना के लिए मानवरहित लक्ष्य विमान भी बनाया है तथा लाइसेंस के आधार पर मिग मिराज और जगुआर विमान भी बना रहा है। उसने हल्के हैलीकाप्टर तथा हल्के लड़ाकू विमान बनाने की ओर भी कदम बढ़ा दिए है। नौसेना के लिए जंगी जहाज तो भारत में भी बनाए जा रहे हैं। पनडुब्बी बनाने का भी प्रयास हो रहा है। इसके अतिरिक्त सेना के लिए आवश्यक राडार का निर्माण भी भारत में हो रहा है। वैज्ञानिक प्रगति का भारतीय नागरिकों पर क्या प्रभाव पड़ा? (2) स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले और बाद की स्थितियों में क्या और आया है? (2) उर्जा विज्ञान से आप क्या समझते हैं? (2) देश के वैज्ञानिक किस बात के लिए कृत-संकल्प हैं? (2) सैन्य विज्ञान के क्षेत्र में भारत की क्या स्थिति है? (2) भारत कौन-कौन से विमान बना रहा है? (1) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1×5=5) जाड़े की एक सुबह अलसाई पा गई है कुहरे की मोटी रजाई। घाटी के ऊपर झुक फैला-सा अंबर ज्यों सजल-सरल शब्दों से बेमन दुलार रहा दे रहा हो थपकी-सी आ रही हो झपकी-सी घाटी को या फिर खुद घाटी ने मानव का दर्द जान मानव को अपने ही अंतर का भाग मान लोरी के कपसीले बादल बिखराए हों कहरे के झीने से कबूतर के डैने-से पुल ये बनाए हों जिससे कि मानव भी पा सके सिद्धि-स्वर्ग। जाड़े की सुबह को अलसाई क्यों कहा गया है? घाटी को झपकी क्यों आ रही है? घाटी ने पुल कैसे और किसलिए बनाए हैं? मानव के प्रति घाटी की क्या दृष्टि है? आशय स्पष्ट कीजिए- लोरी के कपसीले बादल बिखराए हो कुहरे के झीने-से कबूतर के डैने-से पुल ये बनाए हों। अथवा मैंने कब कहा कोई मेरे साथ चले चाहा जरूर! अक्सर दरख्तों के लिए जूते सिलवा लाया और पास उनके खड़ा रहा प्रयवे अपनी हरियाली अपने फूल-फल पर इतराते अपनी चिड़ियों में उलझे रहे। मैं आगे बढ़ गया अपने पैरों को उनकी तरह जड़ों में नहीं बदल पाया। यह जानते हुए भी कि आगे बढ़ते जाना निरंतर कुछ खोते जाना है मैं यहाँ आ गया हूँ कवि ने कुछ चाहा, कह नहीं सका, क्यों? 'दरख्तों' के लिए जूते सिलवा लाया-आशय स्पष्ट कीजिए। पेड़ कवि का साथ क्यों नहीं दे पाए? आगे बढ़ते जाना निरंतर कुछ खोते जाना है-कैसे? पैरों को जड़ों में बदलने का क्या तात्पर्य है? खण्ड - ख नीचे दिए गए नए और अप्रत्याशित विषयों में से किसी एक विषय पर रचनात्मक लेखन करें। (5) कोचिंग सेन्टर में बढ़ती असुरक्षा मैं और मेरा मोबाइल कक्षा में नए शिक्षक का आगमन वर्षा ऋतु की पहली सुबह 'बैंक ऑफ महाराष्ट्र' के बैंक मैनेजर को अपनी चेकबुक खो जाने की सूचना देते हुए पत्र लिखिए। (5) अथवा स्ववृत्त का विवरण देते हुए मॉर्डन पब्लिक स्कूल में प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए आवेदन पत्र लिखिए। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अतिसंक्षेप में लिखिए- (1×4=4) लाइव किसे कहते है? भारत में समाचार-पत्रकारिता का प्रारम्भ कब और किससे हुआ? एंकर बाइट से आप क्या समझते हैं? पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं? कविता लेखन के लिए आवश्यक तीन प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए? (3) अथवा नाटक में समय के बन्धन का क्या महत्व है? वसन्तकुंज दिल्ली में एक वृद्ध दम्पती की हत्या कर डकैती के समाचार को उल्टा पिरामिड शैली में लिखिए। (3) अथवा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक आलेख लिखिए खंड - ग निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (6) जैसे बहन 'दा' कहती है ऐसे किसी बँगले के किसी तरु (अशोक ?) पर कोई चिड़िया कुऊकी चलती सड़क के किनारे लाल बजरी पर चुरमुराए पाँव तले ऊँचे तरुवर से गिरे बड़े-बड़े पियराए पत्ते कोई छह बजे सुबह जैसे गरम पानी से नहाई हो खिली हुई हवा आई, फिरकी-सी आई, चली गई। ऐसे फुटपाथ पर चलते चलते चलते। कल मैंने जाना कि वसंत आया। अथवा कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि, मूंदि रहए दु नयान। कोकिल-कलरव, मधुकर-धुनि सुनि, कर देइ झाँपइ कान।। माधब. सुन-सुन बचन हमारा। तुअ गुन सुंदरि अति भेल दूबरि- गुनि-गुनि प्रेम तोहारा।। धरनी धरि धनि कत बेरि बइसइ, पुनि तहि उठइ न पारा। कातर दिठि करि, चौदिस हेरि-हेरि नयन गरए जल-धारा।। तोहर बिरह दिन छन-छन तनु छिन- चौदसि चाँद-समान। भनइ विद्यापति सिबसिंह नर-पति लखिमादेइ रमान।। निम्नलिखित में से किंही दो प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (2+2=4) सरोज का विवाह अन्य विवाहों से किस प्रकार भिन्न था? 'सरोज स्मृति' कविता के आधार पर बताइए। 'रहि चकि चित्रलिखी सी' काव्य पंक्ति का मर्म कौशल्या के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। बनारस की पूर्णता और रिक्तता को कवि ने किस प्रकार दर्शाया है? 'बनारस' कविता के आधार पर लिखिए। निम्नलिखित में से किन्हीं दो काव्यांशों का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- (3+3=6) मामा-मामी का रहा प्यार, भर जलद धरा को ज्यों अपार वे ही सुख दुख में रहे न्यस्त तेरे हित सदा समस्त, व्यस्त। कोई छह बजे सुबह जैसे गरम पानी से नहाई हो- खिली हुई हवा आई, फिरकी-सी आई, चली गई। छल छल थे संध्या के श्रमकण, आँसू-से गिरते थे प्रतिक्षण। मेरी यात्रा पर लेती थी- निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (5) यह समूचा दृश्य इतना साफ और सजीव है-अपनी स्वच्छ मांसलता में इतना संपूर्ण और शाश्वत-कि एक क्षण के लिए विश्वास नहीं होता कि आने वाले वर्षों में सब कुछ मटियामेट हो जाएगा-झोंपड़े, खेत, ढोर, आम के पेड़ -सब एक, माटी आधुनिक औद्योगिक कॉलोनी की ईंटों के नीचे दब जाएगा और ये हँसती-मुस्कुराती औरतें, भोपाल, जबलपुर या बैढन का सड़कों पर पत्थर कूटती दिखाई देंगी। शायद कुछ वर्षों तक उनकी स्मृति में अपने गाँव की तस्वीर एक स्वप्न की तरह धुंधलाती रहेगी किंतु धूल में लोटते उनके बच्चों को तो कभी मालूम भी नहीं होगा कि बहुत पहले उनके पुरखों का गाँव था-जहाँ आम झरा करते थे। अथवा संवाद पहुँचाने का काम सभी नहीं कर सकते। आदमी भगवान के घर से संवदिया बनकर आता है। संवाद के प्रत्येक शब्द को याद रखना, जिस सुर और स्वर में संवाद सुनाया गया है, ठीक उसी ढंग से जाकर सुनाना सहज काम नहीं। गाँव के लोगों की गलत धारणा है कि निठल्ला, कामचोर और पेटू आदमी ही संवदिया का काम करता है। न आगे नाथ, न पीछे पगहा। बिना मजदूरी लिए ही जो गाँव-गाँव संवाद पहुँचावे, उसको और क्या कहेंगे?... औरतों का गुलाम। जरा-सी मीठी बोली सुनकर ही नशे में आ जाए, ऐसे मर्द को भी भला मर्द कहेंगे? निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (3+3=6) शेर कहानी में हमारी व्यवस्था पर जो व्यंग्य किया गया है, उसे अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए। 'दूसरा देवदास' कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए। बालक द्वारा इनाम में लड्डू मांगने पर लेखक ने सुख की सांस क्यों ली? 'निर्मल वर्मा' अथवा 'असगर वजाहत' का साहित्यिक परिचय दीजिए। (5) अथवा 'तुलसीदास' अथवा 'जयशंकर प्रसाद' का साहित्यिक परिचय दीजिए। यह फूस की राख न थी, उसकी अभिलाषाओं की राख थी। संदर्भ सहित विवेचन कीजिए। (4) अथवा शैला और भूप ने मिलकर पहाड़ पर नई जिन्दगी की कहानी किस प्रकार लिखी? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (4+4=8) पग-पग पर नीर वाला मालवा नीरविहीन कैसे हो गया? इसका पर्यावरण पर क्या दुष्प्रभाव पड़ा। स्पष्ट कीजिए। भैरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई इससे उसके चरित्र की किस प्रमुख विशेषता का पता चलता है। फूल केवल गंध ही नहीं देते दवा भी करते है। कैसे?
  • 4 answers

Jat Boy 1 year, 5 months ago

send me a answer

Rubeen Khan 3 years, 2 months ago

solution

Rubeen Khan 3 years, 2 months ago

वैज्ञानिक प्रगति ka भारतीय नागरिकों पर क्या प्रभाव पड़ा

Rubeen Khan 3 years, 2 months ago

1 q ka answer
  • 1 answers

Saima Ansari 3 years, 3 months ago

History sample paper 1 ke answers in Hindi
  • 2 answers

Santosh Kunjam 3 years, 2 months ago

सिंदू sabyas sadn snmnhn thi pr bwyta ka aahdnbar नहीं था कैसे चार बिंदु हो me smjakr likheeye

Ad A.D 3 years, 4 months ago

आरोहण कहानी की मूल संवेदना
  • 1 answers

Sachin Sharma 3 years ago

Abhivyakti or madhyam-8 marks (MCQ) Apathit padhyansh ( kayansh) -8 Marks (MCQ) Apathit gadhyansh-10 Marks MCQ ANTRA(30Marks) Kavya khand -5 MCQ,3marks-2Questions ,2marks -2Qus. Gadhya khand 5 MCQ, 3marks -2Qus, 2 marks 2 questions Antral (7marks) 7mcq Aupcharik patra lekhan -5 Marks Kavita,kahani,natak ki rachna prakrya 5 marks total (1qus-3 marks, 2 questions 2 marks) Samachar lekhan 5 marks (1qus-3 marks, 2 questions 1-1marks)
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Deepak Kumar Meena 3 years, 3 months ago

रूप सिंह भूप सिंह का छोटा भाई था। 11 वर्ष पहले गांव में एक विषण भूकंप आया है , जिसमे भूप सिंह के माता पिता की मलबे में दबकर मृथू है जाती है। वह अपने गांव मही को छोड़कर रोजगार कि तलाश में शरी चला जाता है , वहां वह पर्वतारोहण संस्थान में नौकरी करता है ।

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