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Anand Sah 4 years ago

दूसरे पद में कबीर जी आडम्बर वादी तथा पाखंड करने वाले व्यक्तियों पर करारा कटाक्ष करते हैं और कहते है कि सच्ची भक्ति तो हमे सजीव की करनी चाहिए या तो आस्था की , न कि किसी पत्थर की। साथ ही साथ वो बोलते हैं कि मनुष्य तो मोह माया और छल से भरी दुनिया में जकड़ा हुआ है जो स्वयं बाहर नही निकलना चाहता । ख़ाश तौर पर उन्होंने उन पंडित व औलियों का विरोध किया है जो झूठ का पाखण्ड किए हैं और प्रभु से मुनुष्यों को दूर कर रहे हैं।
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Anand Sah 4 years ago

कृपया प्रश्न पूछने वक्त हिंदी भाषा का प्रयोग करें , दूरभाष यंत्र में सारी भाषाओं का संग्रह है।।

Anand Sah 4 years ago

कहने तात्पर्य कि जिस प्रकार पूर्णिमा की चांद एक बार साफ़ व पूर्ण नज़र आती है उसी प्रकार मासिक वेतन भी महीने में एक बार जैसे तैसे करके मिलता है ये अनिश्चित है की कभी मिलेगा भी या नहीं।
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Anand Sah 4 years ago

यह गद्यांश कक्षा _XIवीं की अरोह पुस्तिका, पाठ "गलता लोहा" से उद्धरित है, यहां त्रिलोक सिंह मास्टर जी ने लोहार विद्यार्थी , धनराम को 'ताप खाने ' को कहते हैं,वह धनराम को बताना चाहते हैं जिस प्रकार लोहा को गर्म करके ठीक किया जा सकता है उसी प्रकार धनराम को भी आग की 'ताप' लेनी चाहिए जिससे उसकी अक्ल सही हो।
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Isha Mitruka 4 years, 1 month ago

श्री कृष्ण को

Nikita Pawar 4 years, 1 month ago

श्री कृष्ण को

Tanya Nagar 4 years, 1 month ago

Girdhar Gopal ko

Nutan Tiwari 4 years, 1 month ago

Girdhar ko

Rahul Rahul 4 years, 1 month ago

Kanhaiya ko
  • 2 answers

Sia ? 4 years, 2 months ago

◾ घर में औधरा, मस्जिद में दीया अवश्य । जलाएँगे। ( अर्थात् घर की स्थति दयनीय है फिर भी बाहर जाकर दिया जलाएंगे अर्थात् समाज सेवा करेंगे )

◾ चोरी - छिपे ( अर्थात् गुप्त होकर, सबकी नजरों से पड़े कोई काम को अंजाम ।देना )

◾ कगारे पर का वृक्ष होना

◾ पीर का मजार ( पीर के मजार पर चढ़ावा चढ़ाना अर्थात् घुस देना )

◾ पूर्णमासी का चांद ( पूर्णमासी का चांद, एक महीने में केवल एक बार निकलता है ठीक उसी प्रकार वेतन होता है। वह भी महीने में एक बार मिलता है।

◾ मीठी नींद में सोना ( अच्छी नींद में सोना)

◾ गोलमाल है ( किसी उलझन में होना )

◾ चलते - पुरजे आदमी ( जो किसी भी । चीज में अत्यधिक सक्रिय हो )

◾ टीका टिपण्णी करना । ( किसी के विषय में बात करना , चुगली करना )

◾ उछल पड़े ( खुश होना )

◾ उदारता का सागर उमड़ना ( अत्यधिक आदर भाव देना , सत्कार करना )

Nikita Saini 4 years, 1 month ago

Murshid hokar kyon gir pade

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