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Ask QuestionPosted by Payal Suryawanshi 4 years, 2 months ago
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Posted by Payal Suryawanshi 4 years, 2 months ago
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Posted by Payal Suryawanshi 4 years, 2 months ago
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Posted by Payal Suryawanshi 4 years, 2 months ago
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Posted by Payal Suryawanshi 4 years, 2 months ago
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Posted by Varun Verma 4 years, 2 months ago
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Posted by Priyanshu Chaudhary 4 years, 2 months ago
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Posted by Neha Kumari 4 years, 2 months ago
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Posted by Nancy Sharma ? 4 years, 2 months ago
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Posted by Nancy Sharma ? 4 years, 2 months ago
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Posted by Tameshwar Sahu 4 years, 2 months ago
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Y@Ogesh Ninama 4 years, 2 months ago
Gaurav Seth 4 years, 2 months ago
मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी उस युग की है जब भारत में नमक बनाने और बेचने पर कई तरह के कर लगा दिए गए थे . इस कारण भ्रष्ट अधिकारीयों की चांदी हो गयी थी और नमक विभाग में काम करने वाले कर्मचारी दूसरे बड़े से बड़े विभागों की तुलना में अधिक ऊपरी कमाई कर रहे थे . कहानी के नायक है मुंशी बंसीधर जो एक निर्धन और कर्ज में डूबे परिवार के इक्लूते कमाने वाले हैं.किस्मत से उन्हें नमक विभाग मैं दरोगा की नौकरी मिल जाती है . अतिरिक्त आमदनी के अनेक मौके मिलने और वृद्ध पिता की अनेकों नसीहतों के बाद भी उनका मन धरम से डिगने को नहीं चाहता एक दिन अचानक उन्हें नमक की बहुत बड़ी तस्करी के बारे मैं पता चलता है और वे वहां पहुँच जाते हैं . इस तस्करी के पीछे वहां के सबसे बड़े ज़मींदार अलोपी दीन का हाथ है . जब पंडित अलोपी दीन को वहां बुलाया जाता है तो वे बड़ी निश्चिन्तता से आते हैं क्योंकि उन्हें पता है की पैसे से हर दरोगा को खरीदा जा सकता है. वे मुंशी जी को हज़ार रुपये की रिश्वत देने की पेशकश करते हैं लेकिन वाशी धर इसके लिए तैयार नहीं होते और उन्हें गिरफ्तार होने का हुक्म दे देते हैं. रकम बड़ते बड़ते चालीस हज़ार तक पहुँच जाने के बाद भी वंशी धर का इमान नहीं डिगता . पूरे शहर मैं पंडित जी की खूब बदनामी और थुक्काफजीहत होने के बाद भी जब वे पैसे के दम पर आदालत से बाइज्जत बरी हो जाते हैं और अपने रसूख से मुंशी जी को नौकरी से भी हटवा देते है तो वंशी धर की मुसीबतों का कोई ठिकाना नहीं रहता . पैसे की तंगी के साथ साथ उन्हें घर वालों के गुस्से का भी सामना करना पड़ता है .तभी अचानक एक अनहोनी होती है पंडित अलोपी दीन मुंशी जी के घर आकर उन्हें अपने बढ़िया वेतन और अनेक सुख सुविधाओं के साथ पूरे व्यवसाय और संपत्ति का प्रबंधक नियुक्त कर देते हैं. क्योंकि वे उनकी इमानदारी से बहुत प्रभावित होते हैं .
Posted by Sher Gill Saab ?? 4 years, 2 months ago
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Posted by Rajat Chaturvedi 4 years, 2 months ago
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Y@Ogesh Ninama 4 years, 2 months ago
Posted by Anjali Dhami 4 years, 2 months ago
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Y@Ogesh Ninama 4 years, 2 months ago
Posted by Raj Kumar 4 years, 2 months ago
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Posted by Kanan Jagotra 4 years, 2 months ago
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Posted by Kanan Jagotra 4 years, 2 months ago
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Posted by Kamal Gupta 4 years, 2 months ago
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Y@Ogesh Ninama 4 years, 2 months ago
Posted by Naresh Rathor 4 years, 2 months ago
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Ashutosh Gupta 4 years, 2 months ago
Posted by Naresh Rathor 4 years, 2 months ago
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Posted by Xavier Collins 4 years, 2 months ago
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Ashutosh Gupta 4 years, 2 months ago
Posted by Rishika Yadav 4 years, 2 months ago
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Posted by Bhawani Gujjar 4 years, 2 months ago
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Posted by Shruti Rawat 4 years, 2 months ago
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Xavier Collins 4 years, 2 months ago
Posted by Rimjhim Minj 4 years, 2 months ago
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Posted by Puja Yadav 4 years, 2 months ago
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Sujata Tripathi 4 years, 2 months ago
Posted by C_Nitin Pandit 4 years, 2 months ago
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Posted by C_Nitin Pandit 4 years, 2 months ago
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Y@Ogesh Ninama 4 years, 2 months ago
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