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Piyush Dewangan 3 years, 9 months ago

gaya kalk lise kahte hai

Satyavati Yadav 3 years, 9 months ago

Bair bhav chhutkar kab shant ras ka kab avirbhav hota hai
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Rani Mishra ??? 3 years, 9 months ago

क्या तुम दृश्य लेखन की बात कर रही हो @devanshi jain
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Anshika Garg 3 years, 9 months ago

Hindi ka sample paper hoga 2021 ka class 11 ka
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Deepak Bhati Gangwa 3 years, 8 months ago

Kbir born 1398 and died 1518
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Nayanika Mallick 3 years, 10 months ago

काव्य भाग: १. हम तो एक एक करि जाना २. मेरे तो गिरधर गोपाल, पग घुंघरू ३. वे आंखे ४. घर की याद ५. गजल गद्य भाग: १. नमक का दारोगा २. गलता लोहा ३. स्पीति में बारिश ४. जामुन का पेड़ ५. भारत माता वितान भाग: १. भारतीय गायिका में बेजोड़ लता मंगेशकर २. राजस्थान के रजत बूंदे ३. आलो अंधारी। I hope this is helpful for you!!
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Rishu Srivastava 3 years, 10 months ago

Sample paper

Divyanshi Kesherwani 3 years, 10 months ago

han iss pe available hai

Gauri Varshney. 3 years, 10 months ago

Class 11
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Ranjeet Jat 3 years, 10 months ago

???. मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा कहा गया है क्योंकि वे साधारण नानबाई नहीं हैं। वे खानदानी नानबाई हैं जो मसीहाई अंदाज़ से रोटी बनाने की कला जानते हैं । अन्य नानबाई रोटी केवल पकाते हैं, पर मियाँ नसीरुद्दीन अपने पेशे को कला मानते हैं । उनके पास छप्पन प्रकार की रोटियाँ बनाने का हुनर है। वे अपने को सर्वश्रेष्ठ नानबाई बताते हैं ।
`12. निम्नलिखित गंद्याश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (कोई दो) (6) जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वर-प्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार करने लगे। अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का सूत्रपात हुआ कोई घूस से काम निकालता था कोई चालाकी से। अधिकारियों के पौ-बारह थे। पटवारीगिरी का सर्वसम्मानित पद छोड़- छोड़कर लोग इस विभाग की बरकंदाजी करते थे। इसके दारोगा पद के लिए तो वकीलों का भी जी ललचाता था। यह वह समय था जब अंग्रेज़ी शिक्षा और ईसाई मत को लोग एक ही वस्तु समझते थे। फ़ारसी का प्राबल्य था। प्रेम की कथाएँ और श्रृंगार रस के काव्य पढ़कर फारसीदां लोग सर्वोच्च पदों पर नियुक्त हो जाया करते थे क. पाठ के लेखक और पाठ का नाम बताइए। (3) ख. लेखक की भाषा शैली स्पष्ट कीजिए। (3) ग. प्रस्तुत गद्य का आशय स्पष्ट कीजिए। (3) `
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Astha . 3 years, 8 months ago

Corona ke Karan हमारे जीवन में अनेक प्रकार के परिवर्तन हुए है । कुछ नुकसान तो कुछ फायदे हुए है । हमारा ओजोन layer Jo hat rha tha wo ab thik ho gya hai hmara पर्यावरण साफ हो गया है। लेकिन नुकसान भी बहुत हुआ है लोगो की जाने गई है । और जा भी रही है। एक शोध के अनुसार कहा जा रहा है कि मौत की दरे बढ़ेंगी अगर हमारे और आपके द्वारा ऐसे ही लापरवाही होगा तो । तो इसलिए हमे इसके बचाव के लिए अपना योगदान देना जरूरी है।
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Keshav Chandrakar 3 years, 10 months ago

saat ravati

Keshav Chandrakar 3 years, 10 months ago

saat raawati
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Kãrâñ Siñgh Bhãttī 3 years, 9 months ago

Badhiya

Ranjeet Jat 3 years, 10 months ago

???. - कबीरदास इस संसार को बौराया हुआ अर्थात् पागलपन की स्थिति तक पहुँचा हुआ बताते हैं। उनका ऐसा मानना इसलिए है क्योंकि संसार के लोग झूठी बातों पर तो विश्वास कर लेते हैं और सच कहने पर मारने के लिए दौड़ते है; ऐसे लोगों को सत्य और असत्य का ज्ञान नहीं है। कबीरदास जी के कहने का तात्पर्य यह है कि संसार के लोग बाह्य आडंबरों में उलझे रहते हैं और ईश्वर के सच्चे स्वरुप को नहीं पहचानते।
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Divyanshi Kesherwani 3 years, 10 months ago

ya check it on my cbse guide app

Royal Thakur ? 3 years, 10 months ago

May be it will be available on this app....
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Jaat King 3 years, 10 months ago

Nothing

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