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Sakshi Chouhan 4 years, 9 months ago

यदि हम हामिद के स्थान पर होते और मेले में जाते तो अपने तीन पैसों में कोई ऐसी वस्तु खरीदते जो उपयोगी होती। हामिद ने चिमटा खरीदा था। हम भी ऐसी ही वस्तु खरीदते। वह कोई कॉपी या कलम भी हो सकती थी। हामिद ने अपने पैसों का सही प्रयोग किया था। हम भी ऐसा ही करते ।

Akhil Roy 4 years, 9 months ago

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Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

भारत मेलों का देश है यहां पर हर रोज कहीं ना कहीं मेला लगा ही रहता है. मुझे मेले में जाना बहुत अधिक पसंद है हमारे गांव में हर साल दशहरा के दिन मेला भरता है. मेला दशहरा के दिन सुबह लगता है और रात 10:00 बजे तक मेले में चहल पहल रहती है.

दशहरा के दिन हमारे विद्यालय की छुट्टी होने के कारण हम पूरे दिन मेले में ही रहते है. मेले वाले दिन हम सुबह-सुबह नए कपड़े पहन कर तैयार हो जाते हैं फिर मैं अपने दोस्तों के पास जाता हूं फिर हम सब मिलकर मेले में जाते है. मेले में जाने के बाद हम खूब मस्ती करते हैं झूला झूलते हैं समोसे, कचोरी, गोलगप्पे खाते है.

मेले में कई प्रकार के कार्यक्रम होते है. उन सभी कार्यक्रमों को हम बड़े चाव से देखते है. मेले में कई जादूगर आते हैं जो कि जादू दिखाते है. पूरा मेला देखने के बाद हम शाम को घर लौट आते है.

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Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

लेखक बताता है कि स्पीति में वर्षा बहुत कम होती है। इस कारण वर्षा ऋतु मन की साध पूरी नहीं करती। वर्षा के बिना यहाँ की धरती सूखी, ठंडी व बंजर होती है। जब कभी यहाँ वर्षा हो जाती है तो लोग इसे अपना सुखद सौभाग्य मानते हैं। वर्षा के दिन को वे सुख का संकेत मानते हैं। लेखक के आने के बाद यहाँ वर्षा हुई। लोगों ने उसे बताया कि वर्षा होने के कारण आपकी यात्रा सुखद होगी।

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Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

उत्तर : प्रस्तुत पूरी कहानी ‘ईद’ तथा ‘ईदगाह’ के सम्मुख घूमती है। हामिद के गाँव में ईदगाह जाने का उल्लास बच्चे से लेकर बूढ़े तक के हृदय में है। सभी वहाँ जाने की तैयारी करते हैं। हामिद के गुणों पर प्रकाश ईदगाह में ही चलता है। अतः इस कहानी का नाम ईदगाह सही दिया गया है। वैसे इसका नाम ‘हामिद और उसकी दादी’ भी हो सकता था।

 

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Yogita Ingle 4 years, 10 months ago

पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के घिरने में परस्पर संबंध कवि की बीती स्मृति और उससे होने वाली पीड़ा से है। पानी के लगातार बरसने के कारण कवि को अपने घर-परिवार के सदस्यों की याद आ गई। कवि को परिवार के सदस्यों के साथ बिताए गए खुशी के उन पलों की याद आ गई जो उसने कभी उनके साथ रहकर बिताएँ थे। इस कारण उसके प्राण व मन घर की याद में व्याकुल हो जाते हैं। इस तरह पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के घिरने की बात कवि की समृति के संदर्भ में की गई है।

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Divyanka Maurya 4 years, 10 months ago

Vnnfh
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Gaurav Seth 4 years, 10 months ago

संज्ञा-

किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

जैसे - पशु (जाति), सुंदरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया)।

यह पाँच प्रकार की होती है --

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

2. जातिवाचक संज्ञा

3. समूहवाचक संज्ञा

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

5. भाववाचक संज्ञा

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Sandeep Ram 4 years, 8 months ago

sides vari ke jagah aap hote to kya karte

Mr. Tabassum 4 years, 8 months ago

OK
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Ankit Kumar 4 years, 10 months ago

khana is clour kesha hota ha
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Komal Arya 4 years, 10 months ago

T.P , B.P , L.P ye kese niklte h Ye CHAMISTRY ka h

Komal Arya 4 years, 10 months ago

Ha kiye h hindi antral ke que or ans..

Karan Yadav 4 years, 10 months ago

Hey tumne hindi antra part 1 ke question answer kiye y

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