Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Harsh Vaishnav 1 year, 7 months ago
- 0 answers
Posted by Harsh Vaishnav 1 year, 7 months ago
- 0 answers
Posted by Umesh Kumar 1 year, 8 months ago
- 0 answers
Posted by Khushi Dahiya 1 year, 8 months ago
- 2 answers
Preeti Dabral 1 year, 8 months ago
रेल इंजन 1814 ई. जॉर्ज स्टीफेन्सन ने
भाप शक्ति न्यू कॉमन व जेम्स वाट ने
जिन यह कपास साफ करने वाली मशीन थी। 1792 ई. में एली व्हिटने ने इस मशीन का आविष्कार किया
स्टीमर 1812 ई. हेनरी बेल ने
Posted by Akash Vishwakarma 1 year, 8 months ago
- 1 answers
Pawan Kumar 1 year, 8 months ago
Posted by Shivang Trigunayat 1 year, 9 months ago
- 3 answers
Nishant Choudhary 11 months, 2 weeks ago
Few rules to keep homework help section safe, clean and informative.
- Don't post personal information, mobile numbers and other details.
- Don't use this platform for chatting, social networking and making friends. This platform is meant only for asking subject specific and study related questions.
- Be nice and polite and avoid rude and abusive language. Avoid inappropriate language and attention, vulgar terms and anything sexually suggestive. Avoid harassment and bullying.
- Ask specific question which are clear and concise.
Remember the goal of this website is to share knowledge and learn from each other. Ask questions and help others by answering questions.
Meenakshi Sahu 1 year, 9 months ago
Few rules to keep homework help section safe, clean and informative.
- Don't post personal information, mobile numbers and other details.
- Don't use this platform for chatting, social networking and making friends. This platform is meant only for asking subject specific and study related questions.
- Be nice and polite and avoid rude and abusive language. Avoid inappropriate language and attention, vulgar terms and anything sexually suggestive. Avoid harassment and bullying.
- Ask specific question which are clear and concise.
Remember the goal of this website is to share knowledge and learn from each other. Ask questions and help others by answering questions.
Posted by Neha Pathak 1 year, 8 months ago
- 1 answers
Preeti Dabral 1 year, 8 months ago
विवरण 'ईसाई धर्म' या 'मसीही धर्म' या 'मसयहयत' विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं मुख्य सम्प्रदाय कैथोलिक, प्रोटैस्टैंट, आर्थोडोक्स, मॉरोनी, एवनजीलक प्रवर्तक ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) आस्था सूत्र मैं आकाश तथा पृथ्वी एवं सभी गोचर-अगोचर वस्तुओं के सृजक एकमात्र महाशक्तिमान पिता प्रभु तथा उनके पुत्र ईसा मसीह में विश्वास करता हूँ। ईसाई त्रयंक ईसाई लोग ईश्वर को 'पिता' और ईसा मसीह को 'ईश्वर पुत्र' मानते हैं। ईश्वर, ईश्वर पुत्र और पवित्र आत्मा– ये तीनों ईसाई त्रयंक (ट्रिनीटी) माने जाते हैं। धर्म ग्रन्थ बाइबिल धर्म प्रचार ईसा मसीह के प्रमुख शिष्यों में से एक संत टामस ने प्रथम शताब्दी ईस्वी में ही भारत में मद्रास के पास आकर ईसाई धर्म का प्रचार किया था। अन्य जानकारी वर्तमान में भारत में ईसाई धर्मावलम्बियों की संख्या लगभग 1 करोड़ 65 लाख है, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 2.5% है। ईसाई धर्म या मसीही धर्म या मसयहयत विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं। ईसाई धर्म के पैरोकार ईसा मसीह की तालीमात पर अमल करते हैं। ईसाईओं में बहुत से समुदाय हैं मसलन कैथोलिक, प्रोटैस्टैंट, आर्थोडोक्स, मॉरोनी, एवनजीलक आदि। 'ईसाई धर्म' के प्रवर्तक ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) थे, जिनका जन्म रोमन साम्राज्य के गैलिली प्रान्त के नज़रथ नामक स्थान पर 6 ई. पू. में हुआ था। उनके पिता जोजेफ़ एक बढ़ई थे तथा माता मेरी (मरियम) थीं। वे दोनों यहूदी थे। ईसाई शास्त्रों के अनुसार मेरी को उसके माता-पिता ने देवदासी के रूप में मन्दिर को समर्पित कर दिया था। ईसाई विश्वासों के अनुसार ईसा मसीह के मेरी के गर्भ में आगमन के समय मेरी कुँवारी थी। इसीलिए मेरी को ईसाई धर्मालम्बी 'वर्जिन मेरी (कुँवारी मेरी) तथा ईसा मसीह को ईश्वरकृत दिव्य पुरुष मानते हैं। ईसा मसीह के जन्म के समय यहूदी लोग रोमन साम्राज्य के अधीन थे और उससे मुक्ति के लिए व्याकुल थे। उसी समय जॉन द बैप्टिस्ट नामक एक संत ने ज़ोर्डन घाटी में भविष्यवाणी की थी कि यहूदियों की मुक्ति के लिए ईश्वर शीघ्र ही एक मसीहा भेजने वाला है। उस समय ईसा की आयु अधिक नहीं थी, परन्तु कई वर्षों के एकान्तवास के पश्चात् उनमें कुछ विशिष्ट शक्तियों का संचार हुआ और उनके स्पर्श से अंधों को दृष्टि, गूंगों को वाणी तथा मृतकों को जीवन मिलने लगा। फलतः चारों ओर ईसा को प्रसिद्धि मिलने लगी। उन्होंने दीन दुखियों के प्रति प्रेम और सेवा का प्रचार किया। यरुसलम में उनके आगमन एवं निरन्तर बढ़ती जा रही लोकप्रियता से पुरातनपंथी पुरोहित तथा सत्ताधारी वर्ग सशंकित हो उठा और उन्हें झूठे आरोपों में फ़ँसाने का प्रयास किया। यहूदियों की धर्मसभा ने उन पर स्वयं को ईश्वर का पुत्र और मसीहा होने का दावा करने का आरोप लगाया और अन्ततः उन्हें सलीब (क्रॉस) पर लटका कर मृत्युदंड की सज़ा दी गई। परन्तु सलीब पर भी उन्होंने अपने विरुद्ध षड़यंत्र करने वालों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की कि वह उन्हें माफ़ करे, क्योंकि उन्हें नहीं मालूम कि वे क्या कर रहे हैं। ईसाई मानते हैं कि मृत्यु के तीसरे दिन ही ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे थे। ईसा मसीह के शिष्यों ने उनके द्वारा बताये गये मार्ग अर्थात् ईसाई धर्म का फ़िलीस्तीन में सर्वप्रथम प्रचार किया, जहाँ से वह रोम और फिर सारे यूरोप में फैला। वर्तमान में यह विश्व का सबसे अधिक अनुयायियों वाला धर्म है। ईसाई लोग ईश्वर को 'पिता' और मसीह को 'ईश्वर पुत्र' मानते हैं। ईश्वर, ईश्वर पुत्र ईसा मसीह और पवित्र आत्मा–ये तीनों ईसाई त्रयंक (ट्रिनीटी) माने जाते हैं।
Posted by Prashant Kumar 1 year, 8 months ago
- 1 answers
Preeti Dabral 1 year, 8 months ago
उन्नासवीं सदी के मध्य में चीन और मुख्यतः ब्रिटेन के बीच लड़े गये दो युद्धों को अफ़ीम युद्ध कहते हैं। प्रथम अफीम युद्ध 1839 से 1842 तक हुआ।
इस युद्ध के कारण चीनवासियों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े :-
- अफीम युद्ध के परिणामस्वरूप चीनियों को ब्रिटेन को अफीम का मूल्य इंग्लैंड की मुद्रा में चुकाना पड़ता था।
- अफीम का चीनवासियों के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा ।
- अफीम के व्यापार के परिणामस्वरूप साम्राज्यवादी ताकतों को चीन में अपने उपनिवेश स्थापित करने के लिए अनुकूल अवसर मिला गया।
Posted by Sameer Khan 1 year, 9 months ago
- 0 answers
Posted by Vaibhav Mehta 1 year, 10 months ago
- 1 answers
Sunny Verma 1 year, 10 months ago
Posted by Manu Kumar 1 year, 10 months ago
- 1 answers
Posted by Reiya Naskar 1 year, 10 months ago
- 0 answers
Posted by Saniya Ansari 1 year, 10 months ago
- 0 answers
Posted by Veer Singh 1 year, 10 months ago
- 1 answers
Ritika Sehrawat 1 year, 10 months ago
Posted by Om Jain 1 year, 10 months ago
- 1 answers
Preeti Dabral 1 year, 10 months ago
हादज़ा शिकारियों व संग्राहकों का एक छोटा समूह था जो 'लेक इयासी' एक खारे पानी की झील के आसपास रहते थे। हादज़ा लोग आमतौर पर अपने शिविर जलस्रोत से एक किलोमीटर की दूरी पर पेड़ों या चट्टानों के बीच तथा जहाँ पर सुविधाएँ मौजूद हों वहाँ बनाते थे। पूर्वी हादज़ा लोग जमीन तथा संसाधनों पर अपने अधिकारों का दावा नहीं करते, क्योंकि वे अपना अधिकांश जीवन भोजन की तलाश व कंदमूल, फल-फूल की खोज में ही अस्थायी शिविरों में बिताते थे।
Posted by Ayaan Ali 1 year, 11 months ago
- 1 answers
Preeti Dabral 1 year, 11 months ago
यूनानी और रोमन परंपराओं से जुड़े हुए विचारों का इस युग में पुनः सूत्रपात किया गया। इंग्लैंड के पीटर बर्क (Peter Burke) जैसे आधुनिक लेखकों का यह सुझाव था कि बर्कहार्ट के ये विचार अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। वस्तुतः बर्कहार्ट इस युग और इससे पूर्व के युग के अंतर को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत कर रहे थे। ऐसा करने में उन्होंने पुनर्जागरण शब्द का प्रयोग किया। इस शब्द में यह आशय अंतर्निहित है कि यूनानी और रोमन सभ्यताओं का चौदहवीं शताब्दी में पुनर्जन्म हुआ तथा समकालीन विद्वानों और कलाकारों ने ईसाई विश्वदृष्टि के स्थान पर पूर्व ईसाई विश्वदृष्टि का प्रचार-प्रसार किया।
पुनर्जागरण काल गतिशीलता और कलात्मक सृजनशीलता का युग था। ठीक इसके विपरीत, मध्यकाल अंधकारमय काल था जिसमें किसी प्रकार का विकास नहीं हुआ था। इटली में पुनर्जागरण से संबंधित अनेक तत्व बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी में पाए जा सकते हैं।
यूरोप में इस समय आए सांस्कृतिक परिवर्तन में रोम और यूनान की शास्त्रीय सभ्यता का ही केवल योगदान नहीं था अपितु रोमन संस्कृति के पुरातात्विक और साहित्यिक पुनरुद्धार ने भी इस सभ्यता के प्रति अनेक प्रशंसनीय भाव उभारने की कोशिश की। साथ ही एशिया में प्रौद्योगिकी और कार्यकुशलता यूनानी तथा रोमन लोगों की अपेक्षा अधिक विकसित थी। अतिरिक्त इस्लाम के विस्तार और मंगोलों की विजयों ने एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका को यूरोप के अनेक देशों को राजनीतिक दृष्टि के साथ-साथ व्यापार और कार्य-कुशलता के ज्ञानार्जन के लिए आपस में जोड़ने का महत्त्वपूर्ण काम किया। फलतः यूरोपियों ने न केवल यूनानियों और रोमवासियों से सीखा अपितु भारत, अरब, ईरान, मध्य एशिया और चीन से भी ज्ञान प्राप्त किया।
सार्वजनिक क्षेत्र का तात्पर्य सरकार के कार्यक्षेत्र और औपचारिक धर्म से संबंधित था और निजी क्षेत्र में परिवार और व्यक्ति का निजी धर्म था। निःसंदेह किसी व्यक्ति की दो महत्त्वपूर्ण भूमिकाएँ थीं-निजी तथा सार्वजनिक। वह न केवल तीन वर्गों में से किसी एक वर्ग का सदस्य ही था अपितु अपने आपमें एक स्वतंत्र व्यक्ति भी था।
इस युग की एक अन्य विशेषता यह थी कि भाषायी आधार पर यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों ने अपनी अलग-अलग पहचान बनानी शुरू कर दी थी। पहले आंशिक रूप से रोमन साम्राज्य द्वारा और बाद में लैटिन भाषा और ईसाई धर्म द्वारा जुड़ा हुआ यूरोप अब अलग-अलग राज्यों में विभाजित होने लगा। इन राज्यों के आंतरिक रूप से जुड़े होने का एक प्रमुख कारण समान भाषा का होना था। अतः हम कह सकते हैं कि इस काल में मानव का हर दृष्टिकोण से पुनर्जन्म हुआ।
Posted by Yash Raj 1 year, 11 months ago
- 1 answers
Preeti Dabral 1 year, 11 months ago
समानता का वास्तविक अर्थ है एक जैसे लोगों के साथ समान व्यवहार करना । समाज में प्रत्येक व्यक्ति का समान महत्व है अतः समाज तथा राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को अपना विकास करने के लिए समान अवसर प्राप्त हो तथा समाज में राज्य सभी व्यक्तियों के साथ निष्पक्ष आचरण करे ।
Posted by Asuna Chan 2 years ago
- 1 answers
Posted by Naitik Bisht 2 years ago
- 1 answers
Posted by Rahul Dagar 2 years, 1 month ago
- 1 answers
Posted by Anshu Panchal 2 years, 2 months ago
- 1 answers
Posted by Pinky Salvi 2 years, 2 months ago
- 1 answers
Posted by Arihant Jain 2 years, 2 months ago
- 2 answers
Posted by Riya Riya 2 years, 2 months ago
- 2 answers
Nitish Kumar 2 years, 1 month ago
Hitesh Deora 2 years, 2 months ago
Posted by Monika Khatri 2 years, 2 months ago
- 1 answers
Shahid Hussain 2 years, 2 months ago
Posted by Priyanshu Markam 2 years, 3 months ago
- 1 answers
Sunny Verma 1 year, 10 months ago
Posted by Nikita Sharma 2 years, 3 months ago
- 1 answers
Shahid Hussain 2 years, 2 months ago
Posted by Sachin Tiwari 2 years, 3 months ago
- 1 answers
Shahid Hussain 2 years, 2 months ago
Posted by Vande Matram Jai Hind 2 years, 3 months ago
- 2 answers
Pawan Sahni 2 years, 1 month ago
Shahid Hussain 2 years, 2 months ago
myCBSEguide
Trusted by 1 Crore+ Students
Test Generator
Create papers online. It's FREE.
CUET Mock Tests
75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app