No products in the cart.

Ask questions which are clear, concise and easy to understand.

Ask Question
  • 0 answers
  • 2 answers

Preeti Dabral 1 year, 8 months ago

रेल इंजन        1814 ई. जॉर्ज स्टीफेन्सन ने
भाप शक्ति      न्यू कॉमन व जेम्स वाट ने
जिन               यह कपास साफ करने वाली मशीन थी। 1792 ई. में एली व्हिटने ने इस मशीन का आविष्कार किया
स्टीमर            1812 ई. हेनरी बेल ने

Pawan Kumar 1 year, 7 months ago

Answers
  • 1 answers

Pawan Kumar 1 year, 8 months ago

यूरोपवासियों के लिए मेसोपोटामिया इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि बाइबिल के प्रथम भाग 'ओल्ड टेस्टामेंट' में इसका उल्लेख कई सन्दर्भो में किया गया है जैसे कि ओल्ड टेस्टामेंट में 'बुक ऑफ जेनेसिस' में शिमार अर्थात् सुमेर ईंटों से बने शहरों की भूमि का उल्लेख है। यूरोप के लोग मेसोपोटामिया को अपने पूर्वजों की भूमि मानते थे।
  • 0 answers
  • 3 answers

Nishant Choudhary 11 months, 2 weeks ago

This content has been hidden. One or more users have flagged this content as inappropriate. Once content is flagged, it is hidden from users and is reviewed by myCBSEguide team against our Community Guidelines. If content is found in violation, the user posting this content will be banned for 30 days from using Homework help section. Suspended users will receive error while adding question or answer. Question comments have also been disabled. Read community guidelines at https://mycbseguide.com/community-guidelines.html

Few rules to keep homework help section safe, clean and informative.
  • Don't post personal information, mobile numbers and other details.
  • Don't use this platform for chatting, social networking and making friends. This platform is meant only for asking subject specific and study related questions.
  • Be nice and polite and avoid rude and abusive language. Avoid inappropriate language and attention, vulgar terms and anything sexually suggestive. Avoid harassment and bullying.
  • Ask specific question which are clear and concise.

Remember the goal of this website is to share knowledge and learn from each other. Ask questions and help others by answering questions.

Pawan Kumar 1 year, 7 months ago

Answers

Meenakshi Sahu 1 year, 9 months ago

This content has been hidden. One or more users have flagged this content as inappropriate. Once content is flagged, it is hidden from users and is reviewed by myCBSEguide team against our Community Guidelines. If content is found in violation, the user posting this content will be banned for 30 days from using Homework help section. Suspended users will receive error while adding question or answer. Question comments have also been disabled. Read community guidelines at https://mycbseguide.com/community-guidelines.html

Few rules to keep homework help section safe, clean and informative.
  • Don't post personal information, mobile numbers and other details.
  • Don't use this platform for chatting, social networking and making friends. This platform is meant only for asking subject specific and study related questions.
  • Be nice and polite and avoid rude and abusive language. Avoid inappropriate language and attention, vulgar terms and anything sexually suggestive. Avoid harassment and bullying.
  • Ask specific question which are clear and concise.

Remember the goal of this website is to share knowledge and learn from each other. Ask questions and help others by answering questions.
  • 1 answers

Preeti Dabral 1 year, 8 months ago

विवरण 'ईसाई धर्म' या 'मसीही धर्म' या 'मसयहयत' विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं मुख्य सम्प्रदाय कैथोलिक, प्रोटैस्टैंट, आर्थोडोक्स, मॉरोनी, एवनजीलक प्रवर्तक ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) आस्था सूत्र मैं आकाश तथा पृथ्वी एवं सभी गोचर-अगोचर वस्तुओं के सृजक एकमात्र महाशक्तिमान पिता प्रभु तथा उनके पुत्र ईसा मसीह में विश्वास करता हूँ। ईसाई त्रयंक ईसाई लोग ईश्वर को 'पिता' और ईसा मसीह को 'ईश्वर पुत्र' मानते हैं। ईश्वर, ईश्वर पुत्र और पवित्र आत्मा– ये तीनों ईसाई त्रयंक (ट्रिनीटी) माने जाते हैं। धर्म ग्रन्थ बाइबिल धर्म प्रचार ईसा मसीह के प्रमुख शिष्यों में से एक संत टामस ने प्रथम शताब्दी ईस्वी में ही भारत में मद्रास के पास आकर ईसाई धर्म का प्रचार किया था। अन्य जानकारी वर्तमान में भारत में ईसाई धर्मावलम्बियों की संख्या लगभग 1 करोड़ 65 लाख है, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 2.5% है। ईसाई धर्म या मसीही धर्म या मसयहयत विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं। ईसाई धर्म के पैरोकार ईसा मसीह की तालीमात पर अमल करते हैं। ईसाईओं में बहुत से समुदाय हैं मसलन कैथोलिक, प्रोटैस्टैंट, आर्थोडोक्स, मॉरोनी, एवनजीलक आदि। 'ईसाई धर्म' के प्रवर्तक ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) थे, जिनका जन्म रोमन साम्राज्य के गैलिली प्रान्त के नज़रथ नामक स्थान पर 6 ई. पू. में हुआ था। उनके पिता जोजेफ़ एक बढ़ई थे तथा माता मेरी (मरियम) थीं। वे दोनों यहूदी थे। ईसाई शास्त्रों के अनुसार मेरी को उसके माता-पिता ने देवदासी के रूप में मन्दिर को समर्पित कर दिया था। ईसाई विश्वासों के अनुसार ईसा मसीह के मेरी के गर्भ में आगमन के समय मेरी कुँवारी थी। इसीलिए मेरी को ईसाई धर्मालम्बी 'वर्जिन मेरी (कुँवारी मेरी) तथा ईसा मसीह को ईश्वरकृत दिव्य पुरुष मानते हैं। ईसा मसीह के जन्म के समय यहूदी लोग रोमन साम्राज्य के अधीन थे और उससे मुक्ति के लिए व्याकुल थे। उसी समय जॉन द बैप्टिस्ट नामक एक संत ने ज़ोर्डन घाटी में भविष्यवाणी की थी कि यहूदियों की मुक्ति के लिए ईश्वर शीघ्र ही एक मसीहा भेजने वाला है। उस समय ईसा की आयु अधिक नहीं थी, परन्तु कई वर्षों के एकान्तवास के पश्चात् उनमें कुछ विशिष्ट शक्तियों का संचार हुआ और उनके स्पर्श से अंधों को दृष्टि, गूंगों को वाणी तथा मृतकों को जीवन मिलने लगा। फलतः चारों ओर ईसा को प्रसिद्धि मिलने लगी। उन्होंने दीन दुखियों के प्रति प्रेम और सेवा का प्रचार किया। यरुसलम में उनके आगमन एवं निरन्तर बढ़ती जा रही लोकप्रियता से पुरातनपंथी पुरोहित तथा सत्ताधारी वर्ग सशंकित हो उठा और उन्हें झूठे आरोपों में फ़ँसाने का प्रयास किया। यहूदियों की धर्मसभा ने उन पर स्वयं को ईश्वर का पुत्र और मसीहा होने का दावा करने का आरोप लगाया और अन्ततः उन्हें सलीब (क्रॉस) पर लटका कर मृत्युदंड की सज़ा दी गई। परन्तु सलीब पर भी उन्होंने अपने विरुद्ध षड़यंत्र करने वालों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की कि वह उन्हें माफ़ करे, क्योंकि उन्हें नहीं मालूम कि वे क्या कर रहे हैं। ईसाई मानते हैं कि मृत्यु के तीसरे दिन ही ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे थे। ईसा मसीह के शिष्यों ने उनके द्वारा बताये गये मार्ग अर्थात् ईसाई धर्म का फ़िलीस्तीन में सर्वप्रथम प्रचार किया, जहाँ से वह रोम और फिर सारे यूरोप में फैला। वर्तमान में यह विश्व का सबसे अधिक अनुयायियों वाला धर्म है। ईसाई लोग ईश्वर को 'पिता' और मसीह को 'ईश्वर पुत्र' मानते हैं। ईश्वर, ईश्वर पुत्र ईसा मसीह और पवित्र आत्मा–ये तीनों ईसाई त्रयंक (ट्रिनीटी) माने जाते हैं।

  • 1 answers

Preeti Dabral 1 year, 8 months ago

 उन्नासवीं सदी के मध्य में चीन और मुख्यतः ब्रिटेन के बीच लड़े गये दो युद्धों को अफ़ीम युद्ध कहते हैं। प्रथम अफीम युद्ध 1839 से 1842 तक हुआ। 

इस युद्ध के कारण चीनवासियों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े :- 

  1. अफीम युद्ध के परिणामस्वरूप चीनियों को ब्रिटेन को अफीम का मूल्य इंग्लैंड की मुद्रा में चुकाना पड़ता था।
  2. अफीम का चीनवासियों के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा ।
  3. अफीम के व्यापार के परिणामस्वरूप साम्राज्यवादी ताकतों को चीन में अपने उपनिवेश स्थापित करने के लिए अनुकूल अवसर मिला गया।
  • 1 answers

Sunny Verma 1 year, 10 months ago

Tellie ek parkaar ka kar hai jo bade rajao dwara kisaano par lagaye jate the
  • 1 answers

Ritika Singh 10 months, 1 week ago

अंगूरी शराब
  • 0 answers
  • 1 answers

Ritika Sehrawat 1 year, 10 months ago

Is samrajya ka vistar pura dakshini europe ke alava utari africa aur Anatolia k satr h
  • 1 answers

Preeti Dabral 1 year, 10 months ago

हादज़ा शिकारियों व संग्राहकों का एक छोटा समूह था जो 'लेक इयासी' एक खारे पानी की झील के आसपास रहते थे। हादज़ा लोग आमतौर पर अपने शिविर जलस्रोत से एक किलोमीटर की दूरी पर पेड़ों या चट्टानों के बीच तथा जहाँ पर सुविधाएँ मौजूद हों वहाँ बनाते थे। पूर्वी हादज़ा लोग जमीन तथा संसाधनों पर अपने अधिकारों का दावा नहीं करते, क्योंकि वे अपना अधिकांश जीवन भोजन की तलाश व कंदमूल, फल-फूल की खोज में ही अस्थायी शिविरों में बिताते थे। 

  • 1 answers

Preeti Dabral 1 year, 11 months ago

यूनानी और रोमन परंपराओं से जुड़े हुए विचारों का इस युग में पुनः सूत्रपात किया गया। इंग्लैंड के पीटर बर्क (Peter Burke) जैसे आधुनिक लेखकों का यह सुझाव था कि बर्कहार्ट के ये विचार अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। वस्तुतः बर्कहार्ट इस युग और इससे पूर्व के युग के अंतर को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत कर रहे थे। ऐसा करने में उन्होंने पुनर्जागरण शब्द का प्रयोग किया। इस शब्द में यह आशय अंतर्निहित है कि यूनानी और रोमन सभ्यताओं का चौदहवीं शताब्दी में पुनर्जन्म हुआ तथा समकालीन विद्वानों और कलाकारों ने ईसाई विश्वदृष्टि के स्थान पर पूर्व ईसाई विश्वदृष्टि का प्रचार-प्रसार किया। 
पुनर्जागरण काल गतिशीलता और कलात्मक सृजनशीलता का युग था। ठीक इसके विपरीत, मध्यकाल अंधकारमय काल था जिसमें किसी प्रकार का विकास नहीं हुआ था। इटली में पुनर्जागरण से संबंधित अनेक तत्व बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी में पाए जा सकते हैं। 
यूरोप में इस समय आए सांस्कृतिक परिवर्तन में रोम और यूनान की शास्त्रीय सभ्यता का ही केवल योगदान नहीं था अपितु रोमन संस्कृति के पुरातात्विक और साहित्यिक पुनरुद्धार ने भी इस सभ्यता के प्रति अनेक प्रशंसनीय भाव उभारने की कोशिश की। साथ ही एशिया में प्रौद्योगिकी और कार्यकुशलता यूनानी तथा रोमन लोगों की अपेक्षा अधिक विकसित थी। अतिरिक्त इस्लाम के विस्तार और मंगोलों की विजयों ने एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका को यूरोप के अनेक देशों को राजनीतिक दृष्टि के साथ-साथ व्यापार और कार्य-कुशलता के ज्ञानार्जन के लिए आपस में जोड़ने का महत्त्वपूर्ण काम किया। फलतः यूरोपियों ने न केवल यूनानियों और रोमवासियों से सीखा अपितु भारत, अरब, ईरान, मध्य एशिया और चीन से भी ज्ञान प्राप्त किया।

 सार्वजनिक क्षेत्र का तात्पर्य सरकार के कार्यक्षेत्र और औपचारिक धर्म से संबंधित था और निजी क्षेत्र में परिवार और व्यक्ति का निजी धर्म था। निःसंदेह किसी व्यक्ति की दो महत्त्वपूर्ण भूमिकाएँ थीं-निजी तथा सार्वजनिक। वह न केवल तीन वर्गों में से किसी एक वर्ग का सदस्य ही था अपितु अपने आपमें एक स्वतंत्र व्यक्ति भी था। 
इस युग की एक अन्य विशेषता यह थी कि भाषायी आधार पर यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों ने अपनी अलग-अलग पहचान बनानी शुरू कर दी थी। पहले आंशिक रूप से रोमन साम्राज्य द्वारा और बाद में लैटिन भाषा और ईसाई धर्म द्वारा जुड़ा हुआ यूरोप अब अलग-अलग राज्यों में विभाजित होने लगा। इन राज्यों के आंतरिक रूप से जुड़े होने का एक प्रमुख कारण समान भाषा का होना था। अतः हम कह सकते हैं कि इस काल में मानव का हर दृष्टिकोण से पुनर्जन्म हुआ।

  • 1 answers

Preeti Dabral 1 year, 11 months ago

समानता का वास्तविक अर्थ है एक जैसे लोगों के साथ समान व्यवहार करना । समाज में प्रत्येक व्यक्ति का समान महत्व है अतः समाज तथा राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को अपना विकास करने के लिए समान अवसर प्राप्त हो तथा समाज में राज्य सभी व्यक्तियों के साथ निष्पक्ष आचरण करे ।

  • 1 answers

Rinku Bisht Bisht 1 year, 11 months ago

Hello
  • 1 answers

Tarun Bundel 2 years, 2 months ago

मंगता को 😁😁😁
  • 1 answers

Nitish Kumar 2 years, 1 month ago

August ya augastash
  • 2 answers
उरूक। उर। मारी। बाबिलोनिया। सुमेर

Nitish Kumar 2 years, 1 month ago

Three cities only 1urak 2 ur 3 mari
  • 2 answers

Nitish Kumar 2 years, 1 month ago

Mesopotamia me mandir kendr bindo tha Aur mandir Mesopotamia me vesh ang the Mesopotamia me ke mandir (chandrdev aur Devi inana uadh ki devi Any more douts to Instagram pe puch sakte ho. (Nitish_sahni_55)

Hitesh Deora 2 years, 2 months ago

पाठ 4 इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200ई अभ्यास उत्तर 3
  • 1 answers

Shahid Hussain 2 years, 2 months ago

प्राचीन मेसोपोटामिया में कृषि मुख्य आर्थिक गतिविधि का अनुपात है । कठोर बाधाओं, विशेष रूप से शुष्क जलवायु के तहत काम करते हुए, मेसोपोटामिया के किसानों ने प्रभावी रणनीतियां विकसित कीं, जो उन्हें पहले राज्यों, पहले शहरों और फिर पहले ज्ञात साम्राज्यों के विकास का समर्थन करने में सक्षम बनाती हैं, जो उन संस्थानों की देखरेख में हैं जो अर्थव्यवस्था पर हावी हैं: शाही और प्रांतीय महल, मंदिर और कुलीन वर्ग के क्षेत्र। उन्होंने सबसे ऊपर अनाज (विशेषकर जौ ) और भेड़ की खेती पर ध्यान केंद्रित किया , लेकिन साथ ही साथ फलियां , साथ ही साथ दक्षिण में खजूर और उत्तर में अंगूर की खेती की। वास्तव में, मेसोपोटामिया की कृषि दो प्रकार की थी, जो दो मुख्य पारिस्थितिक क्षेत्रों के अनुरूप थी, जो बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक भेदों के साथ अतिच्छादित थी। दक्षिणी या निचले मेसोपोटामिया की कृषि, सुमेर और अक्कड़ की भूमि , जो बाद में बेबीलोनिया बन गई, में लगभग कोई बारिश नहीं हुई और बड़े पैमाने पर सिंचाई कार्यों की आवश्यकता थी जो मंदिर सम्पदा की देखरेख में थे, लेकिन उच्च रिटर्न दे सकते थे। उत्तरी या ऊपरी मेसोपोटामिया की कृषि, वह भूमि जो अंततः असीरिया बन जाएगी , में अधिकांश समय शुष्क कृषि की अनुमति देने के लिए पर्याप्त वर्षा होती थी ताकि सिंचाई और बड़े संस्थागत सम्पदा कम महत्वपूर्ण हों, लेकिन रिटर्न भी आमतौर पर कम था।
  • 1 answers

Sunny Verma 1 year, 10 months ago

Varkashirsh ek istri ka shirsh hai jo uruk nagar main Mila jo afed sangmarmar ko trash kar banaya gaya tha
  • 1 answers

Shahid Hussain 2 years, 2 months ago

इससे पानी के अभाव में इन स्थानों में फसलों के खराब होने का खतरा बना रहता था। ⦁ इसके अलावा ऊपरी धारा के लोग अपने यहाँ बहने वाली धारा में से गाद नहीं निकालते थे, जिससे नीचे की ओर पानी का बहाव रुक जाता था। यही कारण था कि मेसोपोटामिया के गाँवों में जमीन तथा पानी के प्रश्न पर प्रायः संघर्ष होते रहते थे।
  • 1 answers

Shahid Hussain 2 years, 2 months ago

शहर के निर्माताओं के लिए धातु, ईंधन, लकड़ी, विभिन्न पत्थर आदि कई अलग-अलग जगहों से आते थे। इसलिए संगठित व्यापार और भंडारण की आवश्यकता थी। सामाजिक संगठन रोकथाम, हस्तक्षेप और कार्यक्रम विकास गतिविधियों में शामिल पेशेवरों के लिए कई साइनपोस्ट प्रदान करता है
  • 2 answers

Pawan Sahni 2 years, 1 month ago

चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु अल्फ्रेड पार्क में खुद के द्वारा गोली मारने से हुई। जब मैं लगा के वे अंग्रेजों के द्वारा पकड़े जाएंगे तब उन्होंने स्वयं को बची हुई है गोली मार ली।

Shahid Hussain 2 years, 2 months ago

वर्ष 1931 में इसी पार्क में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चन्द्र शेखर आज़ाद को अंग्रेज़ों द्वारा एक भयंकर गोलीबारी में वीरगति प्राप्त हुई। आज़ाद की मृत्यु 27 फ़रवरी 1931 में 24 साल की उम्र में हो गई।

myCBSEguide App

myCBSEguide

Trusted by 1 Crore+ Students

Test Generator

Test Generator

Create papers online. It's FREE.

CUET Mock Tests

CUET Mock Tests

75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app

Download myCBSEguide App