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Ask QuestionPosted by Piyush Kumar 2 years, 11 months ago
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Posted by Rdm 😈 2 years, 11 months ago
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Golu Singh Rajput 2 years, 10 months ago
K_Hushii 🍁 2 years, 11 months ago
Posted by Anish Kumar 2 years, 11 months ago
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Posted by Reeshikesh Verma 2 years, 11 months ago
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Posted by Artitechk Arti 2 years, 11 months ago
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Preeti Dabral 2 years, 11 months ago
मोह और प्रेम में अंतर होता है | मोह में व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है जबकि प्रेम में व्यक्ति के लिए अपने प्रेमी का हित-चिंतन ही सर्वोपरि होता है | इसे भगत के जीवन के आधार पर इस प्रकार समझा जा सकता है -
i. भगत अपने बेटे से प्रेम करते थे मोह नहीं इसलिए उसकी मृत्यु पर वे मोही व्यक्ति के समान विलाप नहीं करते क्योंकि उनका पुत्र इस सांसारिक बंधन से मुक्त हो गया | उनके अनुसार यह प्रसन्नता का अवसर है |
ii. अपने पुत्र के श्राद्ध की अवधि पूरी होने पर भगत पुत्रवधू के भाई को बुलाकर उसके पुनर्विवाह का आदेश देते हैं | यदि वे मोही होते तो बुढ़ापे में अपनी देखभाल के लिए वे अपनी पुत्रवधू को उसके भाई के साथ नहीं भेजते और न ही उसे पुनर्विवाह का आदेश देते | यहाँ अपने प्रिय का हित-चिंतन उनके लिए सर्वोपरि हो था और यही उनके प्रेम की अंतहीन सीमा थी |
Posted by Aadish Jain 2 years, 11 months ago
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Posted by Saloni Kumari 2 years, 11 months ago
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Aadarsh Shahu 2 years, 11 months ago
Chinki 🦋👈🏻 2 years, 11 months ago
Posted by Pranju Wadaskar 2 years, 11 months ago
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Kunal Fauzdar 2 years, 11 months ago
Posted by Anshika Sharma 2 years, 10 months ago
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Posted by Samriddhi Singh 2 years, 11 months ago
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Vishnu Singh 2 years, 11 months ago
Posted by A.K Modi 2 years, 11 months ago
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Posted by 🥺 🐼 2 years, 11 months ago
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Posted by Ajeet Singh Maurya 2 years, 11 months ago
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Preeti Dabral 2 years, 11 months ago
व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एक वचन, कर्ता कारक, 'पढ़ता है'क्रिया का कर्ता। पुस्तक – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, 'पढ़ता है'क्रिया का कर्म।
Posted by Sneha Chechani 3 years ago
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Nirupama Varma P. K 3 years ago
Posted by Ankit Class 3 years ago
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Posted by Anshika Sharma 2 years, 11 months ago
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Posted by Ansh Jain 3 years ago
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Ⓚⓐⓥⓨⓐ 🦋 3 years ago
Posted by Rekha Lodhi 3 years ago
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Preeti Dabral 3 years ago
प्रस्तावना
हाल के कुछ दशकों में मानवीय गतिविधियों के कारण पर्यावरण पर बहुत बुरा असर पड़ा है। ओजोन परत का क्षरण इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। साथ ही वैश्विक उष्मीयता (ग्लोबल वार्मिंग) दुनिया के लिए खतरे की घंटी है। मानवों द्वारा वनों की कटाई ही पर्यावरण असंतुलन का सबसे बड़ा कारण है।
पर्यावरण को कई अवांछनीय कारक जोकि मानव स्वास्थ्य, प्राकृतिक संसाधनों और प्रदूषण के कारकों जैसे प्रदूषण, हरितगृह प्रभाव (ग्रीनहाउस) आदि के कारण प्रभावित होते हैं।
पर्यावरण सुरक्षा का उद्देश्य, कारण एवं प्रभाव
पर्यावरण की सुरक्षा और मानव अस्तित्व के लिए उसकी प्रासंगिकता को देखते हुए 3-14 जून 1992, के मध्य ब्राजील के शहर ‘रियो डी जेनेरियो’ में प्रथम पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें विश्व के 174 देशों नें हिस्सा लिया। पर्यावरण का संरक्षण समस्त मानव जाति के साथ-साथ इस धरती के सभी जीव-जंतुओं के जीवन के लिए अति आवश्यक है।
यह सिलसिला आगे भी प्रवाहमान रहा और दस साल बाद सन् 2002 में जोहान्सबर्ग में पृथ्वी सम्मेलन का पुनः आयोजन किया गया और विश्व के सभी देशों से पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाये गये नियमों का पालन करने का आग्रह किया गया। यदि पर्यावरण संरक्षित रहेगा, तभी यह पृथ्वी सुरक्षित रहेगी, और पृथ्वी सही सलामत रहेगी, तभी हम जीवित रह पायेंगे। सभी एक-दूसरे से जुड़े है। पर्यावरण का संरक्षण हमें किसी और के लिए नहीं, बल्कि अपने लिए करना है।
जलवायु परिवर्तन
97% जलवायु वैज्ञानिक इस बात को मानते है कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन इसका मुख्य कारण है। शायद अधिक चरम मौसम की घटनाओं जैसे कि सूखा, जंगल की आग, गर्मी की लहरें और बाढ़ जैसी घटनाओं कार्बन के अधिक उत्सर्जन के कारण ही होता है।
अब दुनिया को सावधान हो जाना चाहिए और कार्बन उत्सर्जन को कम कर देना चाहिए, अन्यथा इसके भीषण परिणाम भोगने पड़ सकते हैं। इस वक़्त विश्व का लगभग 21 प्रतिशत कार्बन अकेले अमेरिका उत्सर्जित करता है।
अगर प्रत्येक व्यक्ति मिल कर अपना योगदान दें तो कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सकता है। हम अपने घर से ही शुरुआत कर सकते हैं। कम से कम गाड़ियों का इस्तमाल करें, और कोशिश करें कि विद्युत चलित वाहनों का इस्तमाल करें।
वनोन्मूलन
वनों की कटाई से कार्बन की मात्रा पर्यावरण में बहुत ज्यादा हो गयी है। पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड का अवशोषण कर लेते हैं और हमें प्राणवायु ऑक्सीजन देते हैं, किंतु उनकी कटाई से पूरा चक्र ही बाधित हो गया है। यह अनुमान है कि कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 15 प्रतिशत वनों की कटाई से होता है।
उपसंहार
वन्यजीवों के आवासों पर मानव अतिक्रमण बढ़ने से जैव विविधता का तेजी से नुकसान हो रहा है जिससे खाद्य सुरक्षा, जनसंख्या स्वास्थ्य और विश्व स्थिरता को खतरा है। जैव विविधता के नुकसान में जलवायु परिवर्तन का भी बड़ा योगदान है, क्योंकि कुछ प्रजातियां बदलते तापमान के अनुकूल नहीं बन पाती हैं। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के लिविंग प्लेनेट इंडेक्स के अनुसार, पिछले 35 वर्षों में जैव विविधता में 27 प्रतिशत की गिरावट आई है।
उपभोक्ताओं के रूप में हम सभी पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाले उत्पादों को खरीदकर जैव विविधता की रक्षा में मदद कर सकते हैं। साथ ही पॉलिथीन के स्थान पर घर का बना कपड़े का थैला प्रयोग कर सकते हैं। यह प्रयास भी पर्यावरण संरक्षण में हाथ बंटाएगा।
Posted by Deepanshu Chaudhary 3 years ago
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Posted by Naman Rawat 3 years ago
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Posted by Aman Kumar 3 years ago
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Posted by Pushkal Sudhir 3 years ago
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Shanu Yadav 3 years ago
Shubh Lakshna Pandey 3 years ago
Posted by Muskan Khan 3 years ago
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Preeti Dabral 3 years ago
मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना। वित्तीय प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण करना। विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन करना। मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना और परिचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करना।
Posted by Nikhil Pal 3 years ago
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Preeti Dabral 3 years ago
राम ने लक्ष्मण से कहा कि वह किसी को भी अंदर न आने दें, अगर कोई अंदर आ गया तो वे उसे मृत्युदंड दे देंगे। लक्ष्मण ने अपने बड़े भाई की आज्ञा को स्वीकार किया और द्वारपाल बनकर बाहर खड़ा हो गया। फिर राम और मुनि रूपी यमराज अंदर वार्तालाप करने चले गए।
Posted by Ishita Shukla 3 years ago
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Preeti Dabral 3 years ago
क्योंकि गांधी जी आध्यात्मिक प्रयोगों के माध्यम से देश की गरीब जनता की सेवा करने और उनकी तकदीर बदलने के साथ देश को आजाद कराने के लिए समर्पित व्यक्तिगो की एक ऐसी जमात तैयार करना चाह रहे थे , जो सत्याग्रह की भट्टी से उसी तरह तपकर निखरे, जिस तरह भट्टी में सोना तपकर निखरता और कीमती बनता है।
Posted by Ishita Shukla 3 years ago
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Preeti Dabral 3 years ago
सच्चे मन से ही एक-दूसरे से मिलने को सच्ची एकता कहा है। इसके लिए भारतीयों को आपसी बैर और विरोध को सप्रयास बलपूर्वक दबा देना चाहिए और एकता मज़बूत करनी चाहिए। कविता सदा जंग लड़ती है।

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Shubham Pathak 2 years, 11 months ago
1Thank You