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Preeti Dabral 1 year, 10 months ago

विशेषण पदबंध

Parul Lather 1 year, 10 months ago

Visheshan
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Vanshika Nagar 1 year, 11 months ago

प्रभु की चाकरी करके प्रतिदिन बाग में उनके दर्शन पाना चाहती है। कुंज गली में गिरधर गोपाल के लीलाओं का गुणगान करना चाहती हैं। उनकी चाकरी करके उनके दर्शन प्राप्त करेगी। इस प्रकार भाव भक्ति से मीरा अपनी तीनों बातें पूर्ण करना चाहती हैं।
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Vanshika Nagar 1 year, 11 months ago

लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली इसलिए लगवानी पड़ी ताकि कबूतर अंदर ना आ सके। लेखक के फ्लैट के मचान में दो कबूतरों ने घोंसला बना लिया था। कबूतर के बच्चे अभी छोटे थे इसलिए उन्हें खिलाने-पिलाने की जिम्मेदारी अभी बड़े कबूतरों की थी। वे दिन में कई कई बार आते-जाते थे। इससे लेखक का घर और पुस्तकालय गंदा होता था और आवश्यक सामान भी टूट जाता था। इस समस्या से परेशान होकर लेखक की पत्नी ने कबूतर को घर में आने से रोकने के लिए खिड़की में जाली लगवा दी।
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Vanshika Nagar 1 year, 11 months ago

अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने निंदा करने वाले को सम्मान सहित अपने आंगन में कुटिया बनाकर रखने के लिए कहा है क्योंकि वही हमारी गलतियों को बताता है और हम अपने में सुधार करके अपना स्वभाव निर्मल बनाते हैं अर्थात निंदा करने वाला हमारे सभा को निर्मल बनाता है।

Anshika Sharma 1 year, 11 months ago

क) निंदक निकट रहने पर बिना साबुन एवं पानी के हमारे स्वभाव को स्वच्छ तथा निर्मल करता है। (ख) आलोचक हमारी कमजोरियाँ उजागर करता है, जिनको हम सुधार कर दूर कर लेते हैं। (ग) बुराइयाँ दूर होने पर मनुष्य उच्च पद को प्राप्त करने योग्य बन जाता है।
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Harshita Sarda 1 year, 10 months ago

रंग दिखाना-प्रभाव दिखाना ठंडा पड़ना-ढीला पड़ना
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Shubham Yadav 2 years ago

Sambodhit Patra
Bt
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Sweta Rani 2 years ago

564=
Format Your Name Adress City Date- Receiver name Receiver adress Sub(if it is a formal letter) Dear,Sir/Ma'am (sir or mam will be used just for formal letters) Matter You truly .... Name Degisgnation
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Vanshika Nagar 1 year, 11 months ago

कवि ने सहानुभूति को मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी इसलिए कहा है क्योंकि यही गुण मनुष्य को, उदार और सर्वप्रिय बनाता है। इसी के कारण सारी दुनिया मनुष्य के वश में हो जाती है। दूसरों के साथ दया, करुणा और सहानुभूति का व्यवहार करके धरती को वश में किया जा सकता है। वही महान विभूति होते है। जो दूसरों को सहानुभूति देते हैं। बुद्ध ने करुणा वश उस समय ही पारंपरिक मान्यताओं का विरोध किया था। उदार वही होता है जो परोपकार करता है। जो मनुष्यता के काम आता है, सबके लिए जीता-मरता है। उदारता, विनम्रता आदि गुणों के सामने सभी नतमस्तक हो जाते हैं।
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Vanshika Nagar 1 year, 11 months ago

दूसरी बार पास होने पर लेखक के व्यवहार में स्वच्छंदता (आजादी) का समावेश हो गया। उसे इस बात का विश्वास हो गया कि मैं पास ही हो जाऊंगा प‌ढे या ना पढेमेरी तकदीर बलवान है। अब वह भाई साहब की सहनशीलता का अनुचित लाभ उठाने लगा

Piyush Jain 1 year, 11 months ago

दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में यह परिवर्तन आया कि वह पहले की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही स्वच्छंद और मनमानी करनेवाला बन गया था। उसने ज्यादा समय मौज-मस्ती में व्यतीत करना शुरू कर दिया। उसे लगने लगा की वह पढ़े ना पढ़े अच्छे नम्बरों से पास हो जाएगा। उसे कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया।
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Sorry, बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
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