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Ask QuestionPosted by Chirag Chaudhary 5 years, 8 months ago
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Posted by Jagdees Meena 5 years, 8 months ago
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Posted by Meena Jadhav 5 years, 8 months ago
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Posted by Shabbir Patrawala 5 years, 8 months ago
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Posted by Christina Susan Aju 5 years, 8 months ago
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Posted by ? ? 5 years, 8 months ago
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Posted by Archita Jha 5 years, 8 months ago
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Posted by Priyanshu Depawat 5 years, 8 months ago
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Samar .. 5 years, 8 months ago
Posted by Pragati Jadav 5 years, 8 months ago
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Hiru ? 5 years, 8 months ago
Posted by Bhavika Lalcheta 5 years, 8 months ago
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Posted by Deepshi B 5 years, 8 months ago
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Faraz ??? 5 years, 8 months ago
Posted by Mrunu Js? 5 years, 8 months ago
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Posted by Renuka More 5 years, 8 months ago
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Posted by Anshi Ahlawat 5 years, 8 months ago
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Posted by Anshuman Barman 5 years, 8 months ago
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Posted by Lukhoi Singh 5 years, 8 months ago
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Posted by Bhoomi 5 years, 8 months ago
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Posted by Khanjan Gohain 5 years, 8 months ago
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Posted by Ashish Dagar 5 years, 8 months ago
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Gaurav Seth 5 years, 8 months ago
Format for writing Informal letter (अनौपचारिक पत्र) in Hindi with example CBSE
यह पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनसे हमारा व्यक्तिगत संबद्ध रहता है । अनौपचारिक पत्र अपने परिवार के लोगों को जैसे माता, पिता, भाई, सगे-संबंधियों और मित्रों को उनका हाल-चाल, निमत्रण आदि हेतु किया जाता है ।
प्रश्न : आपका नाम राहुल है | अपने मित्र को जन्म-दिवस पर भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद पत्र लिखिए |
उत्तर :
परीक्षा भवन,
कानपुर
दिनांक: 05 जून 2016
प्रिय मित्र अमित,
सप्रेम नमस्कार !
मैं यहाँ कुशल पूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी कुशल पूर्वक होगे । कल तुम्हारे द्वारा भेजा गया पार्सल प्राप्त हुआ । उसे खोल कर देखा तो उसमें एक सुन्दर घड़ी थी जिसे देखकर मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा । मित्र, परीक्षा निकट है और मुझे घड़ी की आवश्यकता थी । मुझे पता था की तुम्हे मेरा जन्मदिन याद होगा पर यह पता ना था की तुम उपहार भी भेजोगे । इस उपहार के लिए तुम्हारा धन्यवाद । मेरे जन्मदिन पर ना आने पर मैं तुमसे नाराज था पर कारण जानकर मेरी नाराजगी दूर हो गयी । आशा करता हूँ कि तुम अपनी परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण होगे । परीक्षा ख़त्म होने पर तुम्हारा मेरे घर स्वागत है मित्र ।
तुम्हारी परीक्षाओं के लिए मेरी ओर से शुभकामनाएं । आशा है हम जल्दी ही मिलेंगे और ढेर सारी बातें करेंगे । आशा करता हूँ चाचा चाची भी स्वस्थ होंगे । उनको मेरा प्रणाम कहना और दीपू को स्नेह भरा प्यार ।अभी के लिए विदा लेता हूँ मित्र ।
तुम्हारा मित्र,
राहुल
Gaurav Seth 5 years, 8 months ago
Format for writing Formal letter (औपचारिक पत्र ) in Hindi with example CBSE
यह पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो । इस पत्र कोई व्यक्तिगत लगाव ना होकर सिर्फ कामकाज के सिलसिले में लिखा जाता है । पत्र लिखते समय सूचनाओं और तथ्यों पर ही ध्यान जाता है । इसमें औपचारिकताओं पर ही ज्यादा ध्यान जाता है ।
प्रश्न : आपका नाम राहुल है | बहन की शादी में जाने के लिए प्रधानाचार्य को अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र लिखें |
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिनांक : 3 जून 2016
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
क. ख. ग. विद्यालय,
नई दिल्ली
विषय: अवकाश हेतु आवेदन पत्र |
द्वारा : वर्ग शिक्षक
महोदय,
सविनय निवेदन यह है की मैं आपके विद्यालय के कक्षा नवमीं का छात्र हूं | मेरी बड़ी बहन की शादी 8 जून को तय हुई है | इस कारण मैं अपनी कक्षा में दिनांक 5 जून 2016 से 9 जून 2016 तक कक्षा में अनुपस्थित रहूँगा |
अतः आपसे अनुरोध है की मुझे 5 दिन की अवकाश देने की कृपा करें जिससे मैं विवाहोत्सव में शामिल हो सकूं | इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा |
धन्यवाद |
आपका आज्ञाकारी छात्र,
राहुल
कक्षा : नवमी 'ब '
क्रमांक : 19
Ankit? Raj ??⚽️??? 5 years, 8 months ago
Posted by Akanksha Devgan 5 years, 8 months ago
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Gaurav Seth 5 years, 8 months ago
रूढ़ियाँ और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है। इस कहानी के सन्दर्भ में देखा जाए तो तांतरा-वामीरो का विवाह एक रूढ़ि के कारण नही हो सकता था जिसके कारण उन्हें जान देनी पड़ती है। बंधनों में जकड़कर व्यक्ति और समाज का विकास, सुख-आनंद, अभिव्यक्ति आदि रुक जाती है। यदि हमें आगे बढ़ना है तो इन रुढ़िवादी विचारधाराओं को तोड़ना ही होगा।
Posted by Arsh Dhaliwal 5 years, 8 months ago
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Gaurav Seth 5 years, 8 months ago
महंत का काम होता है समाज के भटके हुए लोगों को सही रास्ता दिखाना।
जो सही है उसे बताना और जो गलत है उसे सुधारना।
मगर हरिहर काका में महंत जी बहुत स्वार्थी थे। वे हरिहर काका से बहुत बुरा आचरण करते थे।
कहानी के महंत की तरह हमारे समाज में भी कुछ महंत ऐसे ही हैं जो लोगो को लूटते हैं।
संपत्ति हथियाकर बड़े आश्रम बनाते हैं।
हरिहर काका कहानी में महंत जी हरिहर काका की संपत्ति का लुत्फ उठाना चाहते थे।
Posted by Eliza ? 5 years, 8 months ago
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Posted by Dr. Kamaljeet Shahi 5 years, 8 months ago
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Chunduri Sushen 5 years, 8 months ago
Posted by Lalit Rathore 5 years, 8 months ago
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Posted by Vikram Jha 5 years, 8 months ago
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Posted by Anjul Bhatia 5 years, 8 months ago
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Nipun Varshney 5 years, 8 months ago
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