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Sakshi Jagtap 4 years, 11 months ago

What is the way to write sar lekhan in Hindi? सारलेखन saarlekhan is the correct word . Saar is summary ,gist , conclusion . Lekhan is to write . Actually saarlekhan is the precis writing . It's a precise way of writing . Summary of an article in main points .In other words we can say a miniature of an article. But essential points must be there . It should be one third of the main passage . And in it only one has to express the points clearly in a concise manner .( In a gist ) .In few words one should give all necessary and essential points so that one can understand the idea expressed in the original passage . In saarlekhan one should not forget the main topic . One should read the main passage two or three times and after understanding the main subject one should write the gist in one's own words . After that there should be a simple and Beautiful small heading in two or three words . I think I made my best to make you understand the way of writing saarlekhan .
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Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

लेखक किसकी मदद से अपनी पढ़ाई जारी रख सका ?

A) अपने घर वालो की मदद से
b) दोस्तों की मदद से
c) हेडमास्टर साहिब की मदद से
D) कोई नहीं

Answer: c) हेडमास्टर साहिब की मदद से
 

Rajani Singh 4 years, 11 months ago

Lehak kisiki help se apni padhai chalu rakh sake
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Bobby Dubey 4 years, 10 months ago

इस कविता का भाव है कि जिस व्यक्ति के हृदय में ईश्वर के प्रति प्रेम रुपी विरह का सर्प बस जाता है, उस पर कोई मंत्र असर नहीं करता है। अर्थात भगवान के विरह में कोई भी जीव सामान्य नहीं रहता है। उस पर किसी बात का कोई असर नहीं होता है।
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Sakshi Jagtap 4 years, 11 months ago

पदबंध- जब दो या अधिक (शब्द) पद नियत क्रम और निश्र्चित अर्थ में किसी पद का कार्य करते हैं तो उन्हें पदबंध कहते हैं। दूसरे शब्दों में- कई पदों के योग से बने वाक्यांशो को, जो एक ही पद का काम करता है, 'पदबंध' कहते है।
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Bobby Dubey 4 years, 10 months ago

दूसरा उदाहरण- सज्जन मनुष्य बहुत बातें नहीं बनाते। इस वाक्य में 'सज्जन' और 'बहुत' विशेषण पद हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा : सज्जन : विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, इसका विशेष्य 'मनुष्य' है। बहुत : विशेषण, संख्यावाचक, अनिश्चयवाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, 'बातें' इसका विशेष्य है।
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Sourav Keshri 4 years, 11 months ago

Work hard in our daily life

Yogita Ingle 4 years, 11 months ago

हमारी सफलता का मूलमंत्र है कि हम अपने स्वप्न के अनुसार अपने लक्ष्य पाने का कार्य प्रारंभ करें।

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Uzair Nawaz Khandey 4 years, 5 months ago

laghu katha on bhagwan ki den

Snehasree Parida 4 years, 5 months ago

Answer koi bol do??

Rinki Agrawal 4 years, 6 months ago

show answer

Rohan Patnaik 4 years, 6 months ago

Laghu katha in ganga aur mai
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Jitendra Gehlot 4 years, 11 months ago

अव्ययीभाव समास
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Harshita Patidar 4 years, 10 months ago

Tatara Ek shaktishali avam Sundar yuvak tha jo pasa Gaon Mein rahata Tha .vah sadaiv dusron ki madad Karta Tha vah Ek Nek Dil Insan tha
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Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

आपा खो

 

shayad usne apna आपा खो diya 

If you keep your head, you remain calm in a difficult situation. If you lose your head, you panic or do not remain calm.

If you lose your temper, you become very angry.

If someone throws a fit or tantrum, they are suddenly very angry and start to behave in an uncontrolled way.

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Misty Chan 4 years, 9 months ago

Karamdharya samas m h, jo, ke ,rupi Jaise Mahajan mahan h jo jan Aur karkamal kamal ke sman haath aur mukhchandra mukh rupi Chandra examples h samaj m aa jayega Bahuvrih samas m vaala, vaalo, jiska ,jiski, jisme Jaise kamalyan kamal ke samn aankhon vaala artharth vishno Nakata naak kati h jiski arthath vyakti vishesh Your answer If u find this answer appropriate then thank you in advance...
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Sarthak Bandil 4 years, 8 months ago

Kyu likhu mein kudh kmata hu

Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

मीरा मॉडल स्कूल छात्रावास,
बी – 2ए जनकपुरी,
दिनांकः 29, 6, 2017

पूज्य पिताजी,

सादर चरण स्पर्श।

आपको यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता होगी कि मैंने द्वितीय सैमिस्टर (सत्र) में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि मुझे अगले सत्र में छात्रवृति भी अवश्य मिलेगी।

परन्तु इस समय मुझे आठ सौ रूपये की आवश्यकता आ पड़ी है। छुट्टियों में हम सब छात्रों ने मिलकर शिमला जाने का कार्यक्रम बनाया है। मेरा नाम भी भ्रमणार्थियों  की सूची में शामिल है। इसलिए आप कृपया शीघ्र ही आठ सौ रूपये भिजवा दें।

आशा है आप अपना स्नेह बनाएं रखेंगे। माता जी को नमस्ते और रीतू को प्यार।

आपका प्रिय पुत्र,
रोहित
 

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Sejal Kesarwani 4 years, 6 months ago

sajjan ka gunwan putr
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Gaurav Seth 3 years, 8 months ago

सेवा में,

 

प्रशासनिक आधिकारी,

वन एवं पर्यावरण विभाग,

दिल्ली सरकार, दिल्ली।

 

विषयः वृक्षों का काटा जाना।

 

महोदय,

मैं आपका ध्यान पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार क्षेत्र में पेड़ों के काटे जाने की ओर आकर्षित कराना चाहता हूॅं।

यहाॅं पर राष्ट्रमंडलीय खेलों के आयोजन हेतु मुख्य सड़क को चैड़ा किया जा रहा है। इस काम हेतू बीच में आ रहे कुछ पेड़ांें को काटा जाना था। इनकी संख्या मुश्किल से 50 थी। लेकिन यहाँ लगभग 200 पेड़ों को काटा गया है। सड़क चैड़ा करने के बहाने आवश्यकता से बहुत अधिक पेड़ काटे गए हैं। यह काम सर्वथा नियम विरूद्ध है। इससे पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। यहाँ के स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध भी किया था, पर कर्मचारी अपनी मनमानी करने पर आमादा थे। किसी उच्च अधिकारी ने मौके पर निरीक्षण करने का कष्ट तक नहीं उठाया। ऐसा प्रतीत होता हैं कि इसमें कुछ व्यक्तियों का स्वार्थ निहित था। इस पूरे मामले की जाँच की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस गलती को न दोहराया जा सके।

धन्यवाद सहित,

दिनांक…………

 

भवदीय

उमाकांत ; संयोकजक 

पर्यावरण बचाओ अभियान,

नई दिल्ली 

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Gaurav Seth 4 years, 11 months ago

वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास मे इस पृथ्वी पर कम्प्यूटर के माध्यम से सूचना के राजमार्ग इन्टरनेट पर चलकर समस्त मानव-जाति एकीकरण के लिए प्रयत्नशील है ।

मानव-जीवन की सभी गतिविधियां यथा-राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक आदि इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं से लाभान्वित हो रही हैं । दुनिया के किसी कोने में बैठा कोई व्यक्ति अपने कम्प्यूटर को इन्टरनेट से जोड़कर सूचना सम्राट बन सकता है । इन्टरनेट से जुड़ा कम्प्यूटर होस्ट कहलाता है ।

इस साम्राज्य में राजा व रंक सभी अपने होस्ट कम्प्यूटर से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं । इन्टरनेट का जन्म शीत-युद्ध के गर्म से अमेरिका में हुआ । 1960 के दशक में सोवियत संघ के परमाणु आक्रमण से चिंतित अमेरिकी सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था की संरचना की जिसमें अमेरिकी शक्ति किसी एक जगह पर केन्द्रित न रहे ।

सत्तर के दशक में अमेरिका की रक्षा अनुसंधान परियोजना एजेंसी में इन्टरनेट से समबन्धित दस्तावेजों के प्रकाशन और प्रोटोकाल संचालन के लिए इन्टरनेट कारवाई बोर्ड होता है । इंटरनेट की लोकप्रियता के पीछे इसकी विविध प्रणालियां, सेवाएं प्रमुख हैं । इंटरनेट में प्रयुक्त उपकरण भी उल्लेखनीय हैं जो प्रयोक्ताओं की बहुरंगी सेहाओं का उपभोग करने का अवसर देते हैं ।

इलेक्ट्रानिक डाक सर्वाधिक प्रचलित उपकरण है जो लोगों की टेलीफोन निर्भरता को कम करता है एवं संवादों का आदान-प्रदान करता है । ई-डाक दो तरह के हो सकते हैं- इंटरनेट ई-डाक व गैर इंटरनेट डाक । तेजी से और कम खर्च में डाक भेजने का साधन है- वर्तमान ई-डाक प्रणाली ।

इसके बाद महत्वपूर्ण हैं डाक सूचियां, सूची सेवाएं और बुलेटिन बिलबोर्ड । बुलेटिन बोर्ड के द्वारा कोई प्रयोक्ता होस्ट कम्प्यूटर से जुड़ता है । इंटरनेट से जुड़कर हम नेटवर्कपरक समाचार बुलेटिन भी प्राप्त कर सकते हैं और उसे दूसरे कम्प्युटर से जोड़ सकते हैं ।

आर्ची एक अन्य उपकरण है जो एफ टी.पी. रथलों को ढूंढने में मदद करता है । वेब के प्रचलित होने के कारण मोफर आँकडों को व्यवस्थित कर वेब स्थलों में बदला जा रहा है । गोफर प्राबी से वणर्य-विषयों को फाइलों की श्रेणीबद्ध सूची में प्रस्तुत करते

ADVERTISEMENTS:

हैं । ‘आई.सी.क्यू’ और ‘आई.आर.सी’ ऐसे कार्यक्रम है जो आन लाईन वार्तालाप के लिए इटरनेट से जुड़े मित्रों की तलाश करने में प्रयोक्ता को मदद करते है । इसमें टंकित शब्दों के माध्यम से दूसरों बातचीत की जाती है । ये सुविधा बहुतेरे वेबसाइट्‌स उपलब्ध कराते हैं ।

किसी भी व्यवसाय के मुख्यत तीन पहलू होते है- उत्पादों का विपणन, शरीद-बिक्री का लेखा-जोखा और सेवा या उत्पाद की प्रस्तुति । इंटरनेट से जुड़कर प्रयोक्ता व्यवसायिकता के तीनों पहलुओं का अंकिक सम्पर्क प्राप्त करता है ।

इंटरनेट की व्यापकता के कारण इलांक्ट्रानिक वाणिज्य का बाजार किसी भी भौगोलिक सीमा से मुक्त होकर परिवद्धित होता है । उपभोक्ता व व्यवसायी बिना शारीरिक परिश्रम के अल्पतम समय मे व्यापारिक मामले तय कर सकते हैं । सभी प्रशासनिक फैसले अब इंटरनेट से जुड़े कम्यूटरों पर होंगे और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समुचित उपाय की भी जानकारी प्राप्त होगी ।

ग्राम पंचायतों को भी इंटरनेट से जोड़ने का विचार है, जिससे ग्रामीण लोगों को सूचनाओं की सरल प्राप्ति हो सके । व्यक्तिगत लाभ से लेकर जनकल्याण तक की दृष्टि से इटरनेट पर उपयोगी उपलब्धि का रूप प्रकट हो रहा है । भविष्य में इटरनेट से जुडा विश्व समुदाय एक प्रजातांत्रिक वैज्ञानिक व्यवस्था में सूचना शक्ति का बराबर हकदार होगा ।

भारत जैसे देश में जहाँ अभी भी बिजली, पानी, आवास, साक्षरता, रचारथ्य सुविधा, पोषक भोजन आदि की समस्या है । गांवों में सामुदायिक कम्प्यूटर के लिए भी बिजली की आवश्यकता होगी । हम इंटरनेट पर दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले अपने मित्र से बातचीत कर सकते हैं । विभिन्न दुकानों मे बिकने वाली वस्तुओं को देख सकते हैं और ऑर्डर दे सकते हैं ।

मंडियों और शेयर बाजार पर नजर रख सकते हैं । और सेवाओं का विज्ञापन कर सकते है । इंटरनेट पर हम न केवल अखबार पढ़ सकते हैं बल्कि पुस्तकालयों से जरूरी सूचना प्राप्त कर सकते हैं । ठीक उसी प्रकार इंटरनेट के द्वारा पूरे विश्व मे कहीं से किसी कोने में सूचना तीव्र गति से दिया और लिया जा सकता है । इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि इंटरनेट विश्व गांव की संकल्पना को साकार कर सकता है ।

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