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(2) 'दादा जी चाहते है वक मै लशकक बनूं। ' इसका सरल वाकय मे रपांतरर है :- क) दादाजी लशकक बनना चाहते है। ख) मै चाहता हं दादा जी लशकक बन जाएं। ग) दादा जी मुझे लशकक बनाना चाहते है। घ) दादा जी मुझे लशकक बनाना नही चाहते। (3) आभशत उपवाकय के भेद बताइए जो आदमी खेत जोतता है वह वकसान होता है। क) संजा उपवाकय। ख ) ववशेषर उपवाकय ग) वकया ववशेषर उपवाकय। घ ) इनमे से कोई नही (4) इनमे से संयुक वाकय का उदाहरर है : क) वे दटकट याती रेलगाडी से उतर जाएं। ख) लसपाही ने उस वलक को पीटा जो चोर था। ग) गायक ने सुंदर गाना पसतुत वकया। घ) बचचो ने नाशता वकया और ववदालय गए। (5) वनमनललखखत मे से धमश वाकय है क) लसपाही ने चोर को देखा और पकडने दौडा। ख) हरीश नौकरी करना चाहता है। ग) जो पथम आएगा वह पुरसकार पाएगा। घ) मोबाइल फोन वगरा और टूट गया।
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Adithya Dev A 3 years, 7 months ago

(2) ग) (4) घ)
Sa
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Sweta Mishra 3 years, 10 months ago

I think she wants to ask something related to music ?

Bhoomika Verma 3 years, 10 months ago

???????

Malaika Sharma 3 years, 10 months ago

??
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Nandini Soni 3 years, 9 months ago

Same problem

Bhumi Agarwal 3 years, 10 months ago

Same
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Pradeep Sahu 3 years, 10 months ago

Kanyadan
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Palvi Bawa 3 years, 1 month ago

कबीर को क्रांतिदर्शी कवि कहा जाता है।

Shivkanya Sase 3 years, 10 months ago

Do lghukthay saransh lekhan
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Sumesh ☺️☺️☺️ 3 years, 10 months ago

Dushman enemy, ☺️
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Good Day 3 years, 10 months ago

महावीर : महान है जो वीर ( कर्मधारय समास )

Naba Chisti 3 years, 10 months ago

कर्मधारय समास – महावीर शब्द में कर्मधारय समास है।
  • 3 answers

Bhoomika Verma 3 years, 10 months ago

1398

Zakir Mohammad 3 years, 10 months ago

कबीर दास जी का जन्म 1398 में हुआ है और मृत्यु 1518 में हुआ है। गुरु रामानंद के शिष्य ने 120 आयु पाई थी

Kaushiki😀 Sharma 3 years, 10 months ago

1398
You are Amit/Anita, Class X, New Age Public School, Ram Nagar, Agra.There is a busy road in front of your school. A large number of students have to cross the road while going back home. They run a great risk. Write a letter to the Editor, Navjiwan Times, Agra drawing the attention of the concerned authorities to the problem. Make a request to mark a zebra crossing and to put traffic lights in front of your school. [2017] Answer: New Agra Public School Ram Nagar Agra March 30, 20XX The Editor Navjiwan Times Agra. Sir, Subject: Request to make zebra crossing Through the column of your reputed newspaper, I wish to draw the immediate attention of concerned authorities towards the traffic menace on the road in front of New Agra Public School, Ram Nagar. The road is always congested and traffic jams are common here. There are lots of bike-riders and four-wheeler drivers. They ride their bikes and drive their car in a very fast manner in front of the school. The major concern arises due to the movement of heavy vehicles on the road. These things happen because, at front of the school, there are no speed breakers, traffic lights or zebra crossings on the road, which makes it tough for the people, especially school students to cross the road. Thus, this road is accident prone. I, student of class X, New Agra Public School, on behalf of the students and school authorities, humbly request the authorities to install a traffic light, build speed breaker and build a zebra crossing on the road so that crossing the road would not be a life-threatening task for the children and other people. Thus, students can come to school safely. Thanking you Yours sincerely, Anita.
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Sia ? 3 years, 5 months ago

कबीर की उद्धत साखियों की भाषा की विशेषता स्पष्ट कीजिए। कबीर ने अपनी साखियाँ सधुक्कड़ी भाषा में लिखी है। अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने बताया है कि हमें अपने आसपास निंदक रखने चाहिए ताकि वे हमारी त्रुटियों को बता सके। वास्तव में निंदक हमारे सबसे अच्छे हितेषी होते हैं।
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Sia ? 3 years, 5 months ago

टोपी शुक्ला राही मासूम रज़ा द्वारा लिखा गया एक उपन्यास है

टोपी शुक्ला का चरित्र चित्रण-

  • वह बहुत मिलनसार  था।  
  • वह बहुत भावुक  था।
  • वह बहुत भोला  था।  
  • टोपी शुक्ला बहुत अच्छा दोस्त था |

इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला बहुत अच्छे दोस्त थे | इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला अलग-अलग मजहब के होते हुए भी एक दूसरे से प्रेमरूपी अटूट बंधन में बंधे हुए थे। टोपी शुक्ला की दोस्ती पहले-पहल इफ़्फ़न के साथ ही हुई थी।  

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Gaurav Seth 3 years, 10 months ago

 

खेलों का जीवन में बहुत महत्व है | स्वस्थ मस्तिष्क स्वस्थ शरीर में ही निवास करता है । शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल अनिवार्य हैं ।  खेल एक अच्छा व्यायाम है ।

खेल-कूद का करो विचार, यह देता है स्वास्थ्य जीवन जीने का अधिकार।   स्वास्थ्य रहने के लिए हम सब को कोई भी किसी भी प्रकार का खेल अवश्य खेलना चाहिए |

खेल-कूद द्वारा होता है स्वास्थ्य का निर्माण, जरूरी हैं खेल क्योंकि स्वास्थ्य है जीवन का प्राण। स्वस्थ मस्तिष्क स्वस्थ शरीर में ही निवास करता है |  

खेलो और सब को खेलने दो |  

11. | नीचे 2 गद्यांश दिए गए हैं। किसी 1 गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: गद्यांश-1 यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप दिए गए गद्यांश-1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं। उन्नीसवीं शताब्दी से पहले, मानव और पशु दोनों की आबादी भोजन की उपलब्धता तथा प्राकृतिक विपदाओं आदि के कारण सीमित रहती थी। कालांतर में जब औद्योगिक क्रांति के कारण मानव सभ्यता की समृद्धि में भारी वृद्धि हुई तब उसके परिणामस्वरूप कई पश्चिमी देश ऐसी बाधाओं से लगभग अनिवार्य रूप से मुक्त हो गए। इससे वैज्ञानिकों ने अंदाज़ा लगाया कि अब मानव जनसंख्या विस्फोटक रूप से बढ़ सकती है। परन्तु इन देशों में परिवारों का औसत आकार घटने लगा था और जल्दी ही समृद्धि और प्रजनन के बीच एक उलटा संबंध प्रकाश में आ गया प्रश्न संख्या 1 में था। जीवविज्ञानियों ने मानव समाज की तुलना जानवरों की दुनिया से कर इस सम्बन्ध को समझाने की कोशिश की और कहा कि ऐसे जानवर जिनके अधिक बच्चे होते हैं, वे अधिकतर प्रतिकूल वातावरण में रहते हैं और ये वातावरण प्रायः उनके लिये प्राकृतिक खतरों से भरे रहते हैं। चूंकि इनकी संतानों के जीवित रहने की संभावना कम होती है, इसलिए कई संतानें पैदा करने से यह संभावना बढ़ जाती है कि उनमें से कम से कम एक या दो जीवित रहेंगी। इसके विपरीत, जिन जानवरों के बच्चे कम होते हैं, वे स्थिर और अनुकूल वातावरण में रहते हैं। ठीक इसी प्रकार यदि समृद्ध वातावरण में रहने वाले लोग केवल कुछ ही बच्चे पैदा करते हैं, तो उनके ये कम बच्चे उन बच्चों को पछाड़ देंगे जिनके परिवार इतने समृद्ध नहीं थे तथा इनकी आपस की प्रतिस्पर्धा भी कम होगी। इस सिद्धांत के आलोचकों का तर्क है कि पशु और मानव व्यवहार की तुलना नहीं की जा सकती है। वे इसके बजाए यह तर्क देते हैं कि सामाजिक दृष्टिकोण में परिवर्तन इस घटना को समझाने के लिए पर्याप्त हैं। श्रम-आश्रित परिवारों में बच्चों की बड़ी संख्या एक वरदान के समान होती है। वे जल्दी काम कर परिवार की आय बढ़ाते हैं। जैसे-जैसे समाज समृद्ध होता जाता है, वैसे-वैसे बच्चे जीवन के लगभग पहले 25-30 सालों तक शिक्षा ग्रहण करते हैं। जीवन के प्रारंभिक वर्षों में उर्वरता अधिक होती है तथा देर से विवाह के कारण संतानों की संख्या कम हो जाने की संभावना बनी रहती है। 5x|=5
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Ms ? 3 years, 10 months ago

Sangaya padbandh....

Preeti 3 years, 10 months ago

संज्ञा पदबंध
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Shreya Kotkar 3 years, 10 months ago

Joh duniya ka yek shabda bhi padh lein woh pandit hota hai
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Preeti 3 years, 10 months ago

And BTW @alisha afreen ek to help chahiye and upar se patience bhi nhi h ?? .... also ye 10th k syllabus mei nhi h ?

Preeti 3 years, 10 months ago

Manvikaran alankar

Alisha. Afreen 3 years, 10 months ago

Bhak sala. Tmlog koi bata ya nhi

Alisha. Afreen 3 years, 10 months ago

Bata do yaar*??????
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Good Day 3 years, 10 months ago

उदाहरण एक मुझे एक पेन दो। (विशेषण) एक को तो जाना पड़ेगा। (सर्वनाम ) एक तो जूथ बोलते हो और माफ़ी नहीं माँगते। (क्रिया-विशेषण ) अच्छा अच्छो की मित्रता करनी चाहिए। (संज्ञा) पार्थ अच्छा लड़का है। (विशेषण) मुझे पहाड़ो में घूमने में अच्छा लगता है। (क्रिया-विशेषण ) क्या बाज़ार से क्या लाना है ? (सर्वनाम) तुम क्या चाहते है ? (क्रिया-विशेषण ) चाहे चाहे तुम कुछ भी करो ,काम होना चाहिए। (समुच्चयबोधक ) मैं चाहे कुछ भी कर लू , मैं तुम्हे बुरी ही लगती हूँ। (क्रिया विशेषण ) आप आप मत जाओ। (सर्वनाम (मध्यमपुरुष)) तुम आप ही काम करलो। (निजवाचक सर्वनाम ) कोई कोई अंदर आ रहा है। (सर्वनाम ) काम करने के लिए कोई कामवाली चाहिए। (विशेषण ) कौन कौन आया है ? (सर्वनाम ) कौन बच्चा शैतानी कर रहा है ? (विशेषण ) अवकाश में जाना कौन कठिन है ? (क्रिया-विशेषण ) कुछ कुछ भी खा लो। (सर्वनाम ) मुझे कुछ लड़के चाहिए। (विशेषण ) कुछ खा लो। (क्रिया-विशेषण ) वह वह घर मेरा है। (विशेषण ) वह मेरा घर है। (सर्वनाम ) रेखांकित पदों के पद परिचय बताईये। १) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है। विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) २) रात में देर तक बारिश होती रहीं। देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) ३) हर्षिता निबंध लिख रही है। लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’ ४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है । अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘ ५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे । आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) उदाहरण अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया । अपने – विशेषण ( सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘गाँव’ गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , पुल्लिंग , संबंधकारक (कारक ‘की’) मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक) मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष ) , एकवचन , पुल्लिंग , ‘तरस गया’ क्रिया का कर्ता तरस गया – क्रिया (अकर्मक , संयुक्त) , भूतकाल , एकवचन , पुल्लिंग , कर्तृवाच्य , कर्ता “मै” निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो । निर्धन – विशेषण (गुणवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोगो’ लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक) , कर्म कारक , ‘देखो ‘ क्रिया का कर्म देखो – क्रिया (सकर्मक) , बहुवचन , धातु ‘देख’ , वर्तमानकाल , क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’ यह पुस्तक मेरे मित्र की है। यह – विशेषण (सार्वनामिक) , एकवचन , स्त्रीलिंग ,विशेष्य ‘पुस्तक’ पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्म कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्म मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंधकारक मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है ‘ क्रिया से संबंध है – क्रिया , वर्तमानकाल , एकवचन नेहा यहाँ इसी मकान में रहती है। नेहा – संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा) , स्त्रीलिंग ,एकवचन ,करता कारक , ‘नेहा’ रहना क्रिया की कर्ता है यहाँ – क्रिया विशेषण (स्थानवाचक क्रिया विशेषण) इसी – विशेषण (सार्वनामिक ) ,पुल्लिंग , एकवचन , विशेष्य – ‘मकान ‘ मकान में – संज्ञा (जातिवाचक ) ,पुल्लिंग ,एकवचन ,अधिकरण कारक (कारक ‘में’), मकान ‘रहना’ क्रिया का कर्म है रहती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , ‘रहती है ‘ क्रिया की कर्ता ‘नेहा ‘ और कर्म ‘मकान’ है अरे वाह ! तुम भी पुस्तक पढ़ सकते हो। अरे वाह ! – विस्मयादिबोधक , आश्चर्य का भाव तुम – सर्वनाम (मध्यमपुरुष ), एकवचन , पुल्लिंग , कर्ताकारक , ‘पढ़ सकते हो ‘ क्रिया का कर्ता है भी – निपात पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्मकारक , पुस्तक ‘पढ़ सकते हो’ क्रिया का कर्म है पढ़ सकते हो – क्रिया ( सकर्मक ) , पुल्लिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता तुम व कर्म पुस्तक शाम तक वर्षा हो सकती है। शाम तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) , हो सकती है क्रिया से संबंध वर्षा – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , स्त्रीलिंग , अन्य पुरुष , कर्म कारक , ‘हो सकती है ‘ क्रिया का कर्म है हो सकती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , भविष्यकाल , कर्मवाच्य , क्रिया का कर्म ‘वर्षा ‘ मै क्रिकेट खेलता हूँ। मै – सर्वनाम , (परुषवाचक – उत्तम पुरुष ), पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्ता क्रिकेट – संज्ञा , (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , कर्म कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्म खेलता हूँ – क्रिया (सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , धातु – ‘खेल’ , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मै ‘, क्रिया का कर्म ‘क्रिकेट’ मयंक पतंग उड़ा रहा है। मयंक – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘ उड़ा रहा है ‘ क्रिया से संबंध पतंग – संज्ञा (जातिवाचक ), पुल्लिंग , एकवचन ,कर्म कारक ,’उड़ा रहा है ‘ क्रिया का कर्म उड़ा रहा है – क्रिया(सयुंक्त क्रिया ) , एकवचन , पुल्लिंग , अन्य पुरुष ,’उड़ ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मयंक ‘ , क्रिया का कर्म ‘पतंग’ डाकिया पत्र लाता है। डाकिया – संज्ञा(जातिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्ता पत्र – संज्ञा (जातिवाचक ) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्म कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्म लाता है – क्रिया(सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन ,अन्य पुरुष , ‘ला ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘डाकिया ‘ , क्रिया का कर्म ‘पत्र ‘ यह उपहार मैं तुम्हें नहीं दे सकता हूँ। यह – विशेषण (सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘उपहार ‘ उपहार – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘ दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म मैं – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘दे सकता हूँ’ क्रिया का कर्ता तुम्हें – सर्वनाम (पुरुषवाचक – मध्यम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म नहीं – क्रिया-विशेषण (नकारात्मक ) , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया से संबंध दे सकता हूँ – क्रिया (सयुंक्त क्रिया ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मैं ‘ , क्रिया का कर्म ‘उपहार ‘ उपवन में सुंदर फूल खिले है। उपवन में – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , एकवचन , अधिकरण कारक (कारक ‘में ‘) , ‘खिले है’ क्रिया का कर्म सुंदर – विशेषण (गुणवाचक) , मूलावस्था ,पुल्लिंग , बहुवचन , विशेष्य ‘फूल ‘ फूल – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्ता कारक , ‘खिले है ‘ क्रिया का कर्ता खिले है – क्रिया(अकर्मक) , पुल्लिंग , बहुवचन , अन्य पुरुष , धातु ‘खिल’ , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘फूल’ पल्ल्वी प्रतिदिन पार्क में जाती है। पल्ल्वी – संज्ञा(व्यक्तिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘जाती है ‘ क्रिया का कर्ता
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Sumesh ☺️☺️☺️ 3 years, 10 months ago

Same here

Manoj Siju 3 years, 10 months ago

Thank you and wish you merry Christmas
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Malaika Sharma 3 years, 10 months ago

Kavita mein Lekhak hamko batate hain ki saccha manush wo hi hota hai jo dusron ke liye mare
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Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

इस पाठ के आधार पर फादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: फादर बुल्के एक सरल इंसान थे। उनमें करुणा लबालब भरी हुई थी। वे कभी भी किसी बात पर खीझते नहीं थे, लेकिन अपनी बात पूरे जोश से किसी के सामने रखते थे।

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