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Ayesha Siddiqui 3 years ago

Wo na to senani tha na azad hindi fauj ka bhutpurv sipahi firbhi log use kaiptan khkr pukarte wo schche deshbhakte ka smman krta tha neta se adhik prem krta uski bina chshme wli tasveer dekhkr wo dukhi hota atah unki tasveer ko br br chshma lagakr unke prati apni shradha prakat krta

Piyush Jaiswal 3 years ago

Uske deshbhakti ke wajah se
vee
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Tanishq Garg 3 years ago

कवि आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहता है क्यूंकि उन्हें लगता है कि उनका जीवन दुखदायी घटनाओं से भर्रा पड़ा है।उन्होंने अपने सीधे एवं भोले स्वभाव से कई बार धोखा भी khan चुका था। लेखक को अपने दोस्तों के सामने मज़ाक का पात्र नहीं बनना चाहता। उन्हें लगता है कि उनकी आत्मकथा में कुछ रोचक तथा प्रेरक नहीं है।
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Diamond Girl 2 years, 11 months ago

वह - बहुवचन सर्वनाम घर - स्थानवाचक जाता है- किर्या, पुलिग
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Swati Kashyap 3 years, 1 month ago

बालगोविन भगत कबीर को साहब मानते थे| और वे उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते थे | कभी झूठ नहीं बोलते,खरा व्यवहार रखते, किसी से भी दो टूक बात करने में संकोच नहीं करते ना किसी से खामखा झगड़ा मोल लेते थे|किसी की चीज नहीं छूटे ना बिना पूछे व्यवहार में लाते| यह सभी व्यवहार कबीर के व्यवहार से मिलती थी इसलिए बालगोविन भगत को कबीर कहते थे|
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Yukti Telase 3 years, 1 month ago

Sarthak shabdon ka vah vyavasthit samuh jismein bhavon AVN vicharon ko prakat karne ki kshamta ho use vakya kahate Hain

Swati Kashyap 3 years, 1 month ago

शब्दों का व्यवस्थित रूप जिससे मनुष्य अपने विचारों का आदान प्रदान करता है उसे वाक्य कहते हैं एक सामान्य वाक्य में क्रमशः कर्ता, कर्म और क्रिया होते हैं।

Md Zaid Ali 3 years, 1 month ago

Shabdon ke saarthak(matlab jiska arth nikalta hai) aur krambadh (matlab arranged)samuh ko vakya kehte h
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Sameer Kumar 3 years, 1 month ago

सरल वाक्य (simple sentence) – सरल वाक्य एक कर्ता तथा एक क्रिया के मेल से बनता है। इसमें कोई उपवाक्य जुड़ा नहीं होता है। जैसे- कछुए ने खरगोश को हरा दिया। नौकर ने समय पर काम पूरा कर लिया। ड्राइवर समय से बस लेकर नहीं आया। पक्षी शाम होते ही घोंसले की ओर लौट आते हैं। संयुक्त वाक्य (compound sentence) – जब दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक (समुच्चयबोधक अव्यय) द्वारा जुड़े होते हैं तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं। (clauses connected by the conjunctions – and, but, either…. or, neither… nor, both…. and – form a compound sentence.) संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ – संयुक्त वाक्य के उपवाक्य आपस में योजकों- या, वा, अथवा, इसलिए, और, किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, एवं आदि से जुड़े होते हैं। संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण आप नाटक देखने जाएँगे या सिनेमा। मरीज फल खा लेगा अथवा खिचड़ी से काम चलेगा। मदन को बस नहीं मिली इसलिए वह समय पर घर न आ सका। हम दोनों मंदिर गए और साथ-साथ पूजा की। बादल घिरे किंतु बरसात न हुई। वह दिन भर काम करता रहा परंतु पूरा न हो सका। बाज़ार से कलम लाना तथा पेंसिल अवश्य लाना। उसने मेट्रो की सवारी की एवं ए०सी० का आनंद लिया। मिश्रवाक्य (complex or compound sentence) – जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य जुड़े हो, परंतु उनमें एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो, उसे मिश्रवाक्य कहते हैं। मिश्रवाक्य में आश्रित या गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य पर निर्भर होते हैं। मिश्रवाक्य व्यधिकरण योजकों के युग्म-जैसा-वैसा, जो-सो, जिसकी-उसकी, जहाँ-वहाँ, जब-तब, जैसी-वैसी, यदि-तो, – जब तक-तब तक, जिन्हें-उन्हें आदि से जुड़े होते हैं। स्वतंत्र उपवाक्य को प्रधान उपवाक्य भी कहा जाता है। मिश्रवाक्य के कुछ उदाहरण माँ ने कहा कि शाम को जल्दी लौट आना। जब मैं घर पहुँचा तब वर्षा शुरू हो चुकी थी। जैसे ही बादल घिरे वैसे ही बिजली चमकने लगी। जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ा है, तब-तब ईश्वर धरती पर अवतरित हुए हैं। जहाँ-जहाँ सिंचाई की व्यवस्था है, वहाँ-वहाँ फसलें खूब पैदा होती हैं।
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Sameer Kumar 3 years, 1 month ago

प्रश्न क्या है ?
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Shivam Gupta 3 years, 1 month ago

Can you take my online I am explain Easily to you .
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Yukti Telase 3 years, 1 month ago

Yes

Krishna Yadav 3 years, 1 month ago

Yes
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#Mr Deepak Babu 3 years, 1 month ago

Hashe
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Rahul Choudhary 3 years, 1 month ago

Bhando ki ratri ka varnan Apne shabdon mein likha hai

Mayank Dalal 3 years, 1 month ago

Ladla
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Swati Kashyap 3 years, 1 month ago

नवाबों के मन में अपनी नवाबी की धाक जमाने की बात रहती हैं| इसलिए वे सामान्य समाज के तरीकों को ठुकराते हैं तथा नए नए सुक्ष्म तरीके खोजते हैं|जिसमें उनकी अमीरी प्रकट हो|

Saum 12 3 years, 1 month ago

नवाब साहब एक दिखावटी एवं झूठी शान दिखाने वाले व्यक्ति थे । वे खीरे जैसी मामूली चीज़ को खाकर अपनी नवाबी शान को कम नहीं करना चाहते थे।

Anushka Patil 3 years, 1 month ago

Please send some question
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Swati Kashyap 3 years, 1 month ago

बाल गोविंद भगत गृहस्थ थे. वह साधु तो थे पर वैसे साधु नहीं जैसे सामान्य माना जाता है | वह साधु जैसे कपड़े नहीं पहनते थे, बालगोविन अपनी निम्नांकित चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे:- (1) बालगोबीन कबीर को मानते थे उन्हीं के गीत गाते थे उन्हीं के आदेशों पर चलते थे| (2) वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और खरा व्यवहार रखते थे| (3) वे राष्ट्रवादी थे और किसी से खामखा झगड़ा मोल नहीं लेते थे| (4) वे दूसरों के किसी चीज या स्थान को अपने व्यवहार में नहीं लाते थे. (5) वे अपने खेत में उत्पन्न वस्तु को पहले कबीरपंथी मठ में ले जाते थे |वहां से प्रसाद स्वरूप जो मिलता उसे घर लाकर अपनी गुजारा करते थे| (6) वे सुख-दुख की भावना से ऊपर थे|

Rahul Choudhary 3 years, 1 month ago

Kheti Barish se Jude grihsth Bal Govind Bhagat apni kin Charitra visheshtaon Ke Karan Sadhu kahlate the
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Lakshay Jain 3 years, 1 month ago

नवाब साहब ने आम आदमियों की तरह खीरा क्यों नहीं खाया

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