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Saista Parween 2 years, 3 months ago

Please ans send
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Dipender Rajputh 2 years, 4 months ago

Hi
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Mohit Prajapati 2 years, 3 months ago

Pta hai muje
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Shahjahan Alam 2 years, 3 months ago

Kaha Se ho
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Neha Neha 1 year, 11 months ago

Shri Ram ji ne

Will Rob 2 years, 4 months ago

Shree Ram

S P 2 years, 4 months ago

Shri Ram ne
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Dubey Ji 2 years, 4 months ago

गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान करने के पीछे या व्यंग छिपा है कि उन्होंने कभी प्यार नहीं किया इसलिए व कृष्ण से दूर गोपियों की विरह पीड़ा से अपरिचित हैं, क्योंकि 'घायल की गति घायल जाने की जिन घायल होय'। उद्धव गोपियों की पीड़ा का एहसास नहीं कर सकता।
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Jasmeensingh Dhaliwal 2 years, 4 months ago

Hlo sir

Jasmeensingh Dhaliwal 2 years, 4 months ago

Jib
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Preeti Dabral 2 years, 5 months ago

सूरदास के पदों कि काव्यगत विशेषताएं :-

 

1) सूरदास के पदों में भक्ति भाव

का वर्णन है। सूरदास भक्तिकाल के कवि थे ।

तथा भक्ति उनके काव्य में आना जायस था ।

सूरदास भक्तिकाल के सगुण भक्ति के कृष्ण

भक्त शाखा के अन्तर्गत आते है ।वस्तुत: उनके

कव्यो में श्री कृष्ण के प्रति प्रेम का वर्णन

दिखाई देता है।

उदाहरण :-

हमारे प्रभु औगुन चित न धरौ।

समदरसी है मान तुम्हारौ, सोई पार करौ।

 

2) सूरदास के पदों में वात्सल्य चित्रण देखने

को भी मिलता है । सूरदास ने कृष्ण के बाल

अवस्था का वर्णन करने हेतु वात्सल्य रस का

ही प्रयोग किया है ।

उदाहरण :-

जसोदा हरि पालनैं झुलावै।

हलरावै दुलरावै मल्हावै जोइ सोइ कछु गावै॥

मेरे लाल को आउ निंदरिया काहें न आनि सुवावै।

तू काहै नहिं बेगहिं आवै तोकौं कान्ह बुलावै॥

 

3) सूरदास ने अपने पदों में अलौकिक प्रेम की

व्यजना किया है । उन्होंने गोपी - कृष्ण के

स्वरूप अलौकिक प्रेम को दर्शाया है ।

 

4) सूरदास के पदों में ब्रज भाषा का पुट

मिलता है। उन्होंने अपने काव्य में ब्रज भाषा

का प्रयोग किया है साथ ही ग्रामीण, अरबी -

फारसी जैसे शब्दो को भी अपने काव्य में

स्थान दिया है ।

 

5) सूरदास ने अपने काव्यो में ' पद ' छंद का

प्रयोग किया है। उन्होंने ' पद ' छंद को महत्व

दिया है ।

 

सूरदास के संबंध में विद्वानों का विचार :-

 

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार -

 

" सूरदास जब अपने प्रिय विषय का वर्णन

शुरू करते हैं तो मानो अलंकार-शास्त्र हाथ

जोड़कर उनके पीछे-पीछे दौड़ा करता है।

उपमाओं की बाढ़ आ जाती है, रूपकों की

वर्षा होने लगती है। "

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Preeti Dabral 2 years, 5 months ago

Mishr vakya

Ishant Kumar 2 years, 4 months ago

I

Shreya Rai 2 years, 5 months ago

Sangya upvakya

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