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Prince Raj 6 years, 3 months ago

helpful answer

Gaurav Seth 6 years, 3 months ago

वाच्य-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा संपादित विधान का विषय कर्ता है, कर्म है, अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य के तीन प्रकार हैं-
1. कर्तृवाच्य। (Active Voice)
2. कर्मवाच्य। (Passive Voice)
3. भाववाच्य। (Imporsonal Voice)
1.कर्तृवाच्य- क्रिया के जिस रूप से वाक्य के उद्देश्य (क्रिया के कर्ता) का बोध हो, वह कर्तृवाच्य कहलाता है। इसमें लिंग एवं वचन प्रायः कर्ता के अनुसार होते हैं। जैसे- 
1.बच्चा खेलता है। 
2.घोड़ा भागता है।
इन वाक्यों में ‘बच्चा’, ‘घोड़ा’ कर्ता हैं तथा वाक्यों में कर्ता की ही प्रधानता है। अतः ‘खेलता है’, ‘भागता है’ ये कर्तृवाच्य हैं।
2.कर्मवाच्य- क्रिया के जिस रूप से वाक्य का उद्देश्य ‘कर्म’ प्रधान हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं। जैसे- 
1.भारत-पाक युद्ध में सहस्रों सैनिक मारे गए। 
2.छात्रों द्वारा नाटक प्रस्तुत किया जा रहा है। 
3.पुस्तक मेरे द्वारा पढ़ी गई। 
4.बच्चों के द्वारा निबंध पढ़े गए। 
इन वाक्यों में क्रियाओं में ‘कर्म’ की प्रधानता दर्शाई गई है। उनकी रूप-रचना भी कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हुई है। क्रिया के ऐसे रूप ‘कर्मवाच्य’ कहलाते हैं।
3.भाववाच्य-क्रिया के जिस रूप से वाक्य का उद्देश्य केवल भाव (क्रिया का अर्थ) ही जाना जाए वहाँ भाववाच्य होता है। इसमें कर्ता या कर्म की प्रधानता नहीं होती है। इसमें मुख्यतः अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है और साथ ही प्रायः निषेधार्थक वाक्य ही भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं। इसमें क्रिया सदैव पुल्लिंग, अन्य पुरुष के एक वचन की होती है।

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Miss. ??? 6 years, 3 months ago

अस्माकं समाजः न केवल पुरुषाणां, किन्तु नारीणामपि अस्ति। अतः सुसंस्कृते समाजे पुरुषाणां शिक्षा आवश्यकी अस्ति तथा स्त्रीणामपि। स्त्रीणाम् समाजे स्थान समानरूपेणास्ति। समाजस्थस्य द्वे चक्रे स्तः। यथा एकेन चक्रेण रथस्य गतिः असंभवा, तथा जीवनस्य गति नारिणा विना असंभवा। अशिक्षिता नारी संसाररथ कथं चालयति। अतः स्त्रीशिक्षा अतीवावश्यकी। प्राचीनकालेऽपि स्त्रीशिक्षा अनिवार्या आसीत्। वैदिककाले नार्यः अधिकशिक्षिताः आसन्। गार्गी मैत्रेयी आद्याः विदुष्यः वेदशास्त्रार्थनिपुणाः आसन्। कालिदासस्य पत्नी विद्योत्तमा महती विदुषी आसीत्। आधुनिककाले स्त्रियः शिक्षणमनिवार्यम्। यदि माता सुशिक्षिता भवेत् तर्हि सा स्वपुत्राणां पालनं शिक्षणमं च सुचारुरूपेण कर्तुं शक्नोति। यदि सा अशिक्षिता, तर्हि तस्याः सन्तानमपि विद्याहीना, संस्कारहीना-च भविष्यति। शिक्षिता नारी अधिकयोग्यता गृहकार्यसंचालने समर्था भवति। अद्य एकमपि क्षेत्रं नास्ति, यत्र नार्या: प्रभावं नास्ति। विद्यालयेषु, महाविद्यालयेषु, कार्यालयेषु, सर्वत्र नार्यः कार्यरताः सन्ति। किंबहुना अनेकाः नार्यः संसदसदस्याः सन्ति। नगरपालिकासु, विधानसभासु, लोकसभासु अपि सदस्याः सन्ति, ताः सुचारुरूपेण कार्यं कुवन्ति च। श्रीमती इन्दिरागाँधी महोदया अस्माकं देशस्य प्रधानमंत्रिपदम् अलंकृता। श्रीमती सोनिया गाँधी महोदया अपि राजनीत्यां कार्यरता अस्ति। कुलस्य तथा समाजस्य उन्नत्यर्थं स्त्रीशिक्षा अनिवार्या खलु। यत: शिक्षिता नारी न केवलं स्वजीवनं सफलीकरोति, किन्तु सा परिवारस्य राष्ट्रस्यापि अभ्युदयं करोति। सुशिक्षिता नारी सर्वत्र पूज्यते। उचितमिदं कथितं यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः।
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Tavisha Agnihotri 4 years, 4 months ago

Hindi anuvad

Sia ? 6 years, 3 months ago

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  • 2 answers

Sia ? 6 years, 3 months ago

  • किसी वर्ग के पहले वर्ण क्, च्, ट्, त्, प् का मेल किसी वर्ग के तीसरे अथवा चौथे वर्ण या य्, र्, ल्, व्, ह या किसी स्वर से हो जाए तो क् को ग् च् को ज्, ट् को ड्, त् को द्,प् को ब् हो जाता है। जैसे -
    क् + ग = ग्ग जैसे दिक् + गज = दिग्गज। क् + ई = गी जैसे वाक् + ईश = वागीश। च् + अ = ज्, जैसे अच् + अंत = अजंत। ट् + आ = डा जैसे षट् + आनन = षडानन। त् +भ=द् जैसे सत् +भावना = सद्भावना, प् + ज= ब्ज जैसे अप् + ज = अब्ज।
  • यदि किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मेल न् या म् वर्ण से हो तो उसके स्थान पर उसी वर्ग का पाँचवाँ वर्ण हो जाता है। जैसे -
    क् + म = ड़् वाक् + मय = वाड़्मय च् + न = ं अच् + नाश = अंनाश ट् + म = ण् षट् + मास = षण्मास त् + न = न् उत् + नयन = उन्नयन प् + म् = म् अप् + मय = अम्मय
  • त् का मेल ग, घ, द, ध, ब, भ, य, र, व या किसी स्वर से हो जाए तो द् हो जाता है। जैसे -
    त् + भ = द्भ सत् + भावना = सद्भावना त् + ई = दी जगत् + ईश = जगदीश त् + भ = द्भ भगवत् + भक्ति = भगवद्भक्ति त् + र = द्र तत् + रूप = तद्रूप त् + ध = द्ध सत् + धर्म = सद्धर्म
  • त् से परे च् या छ् होने पर च, ज् या झ् होने पर ज्, ट् या ठ् होने पर ट्, ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् हो जाता है। जैसे -
    त् + च = च्च उत् + चारण = उच्चारण त् + ज = ज्ज सत् + जन = सज्जन त् + झ = ज्झ उत् + झटिका = उज्झटिका त् + ट = ट्ट तत् + टीका = तट्टीका त् + ड = ड्ड उत् + डयन = उड्डयन त् + ल = ल्ल उत् + लास = उल्लास
  • त् का मेल यदि श् से हो तो त् को च् और श् का छ् बन जाता है। जैसे -
    त् + श् = च्छ उत् + श्वास = उच्छ्वास त् + श = च्छ उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट त् + श = च्छ सत् + शास्त्र = सच्छास्त्र
  • त् का मेल यदि ह् से हो तो त् का द् और ह् का ध् हो जाता है। जैसे -
    त् + ह = द्ध उत् + हार = उद्धार त् + ह = द्ध उत् + हरण = उद्धरण त् + ह = द्ध तत् + हित = तद्धित
  • स्वर के बाद यदि छ् वर्ण आ जाए तो छ् से पहले च् वर्ण बढ़ा दिया जाता है। जैसे -
    अ + छ = अच्छ स्व + छंद = स्वच्छंद आ + छ = आच्छ आ + छादन = आच्छादन इ + छ = इच्छ संधि + छेद = संधिच्छेद उ + छ = उच्छ अनु + छेद = अनुच्छेद
  • यदि म् के बाद क् से म् तक कोई व्यंजन हो तो म् अनुस्वार में बदल जाता है। जैसे -
    म् + च् = ं किम् + चित = किंचित म् + क = ं किम् + कर = किंकर म् + क = ं सम् + कल्प = संकल्प म् + च = ं सम् + चय = संचय म् + त = ं सम् + तोष = संतोष म् + ब = ं सम् + बंध = संबंध म् + प = ं सम् + पूर्ण = संपूर्ण
  • म् के बाद म का द्वित्व हो जाता है। जैसे -
    म् + म = म्म सम् + मति = सम्मति म् + म = म्म सम् + मान = सम्मान
  • म् के बाद य्, र्, ल्, व्, श्, ष्, स्, ह् में से कोई व्यंजन होने पर म् का अनुस्वार हो जाता है। जैसे -
    म् + य = ं सम् + योग = संयोग म् + र = ं सम् + रक्षण = संरक्षण म् + व = ं सम् + विधान = संविधान म् + व = ं सम् + वाद = संवाद म् + श = ं सम् + शय = संशय म् + ल = ं सम् + लग्न = संलग्न म् + स = ं सम् + सार = संसार
  • ऋ, र्, ष् से परे न् का ण् हो जाता है। परन्तु चवर्ग, टवर्ग, तवर्ग, श और स का व्यवधान हो जाने पर न् का ण् नहीं होता। जैसे -
    र् + न = ण परि + नाम = परिणाम र् + म = ण प्र + मान = प्रमाण
    राम +अयन=रामायण ऋ+न=ऋण
  • स् से पहले अ, आ से भिन्न कोई स्वर आ जाए तो स् को ष हो जाता है। जैसे -
    भ् + स् = ष अभि + सेक = अभिषेक नि + सिद्ध = निषिद्ध वि + सम + विषम

Aastha ?? 6 years, 3 months ago

.
  • 1 answers

Sia ? 6 years, 3 months ago

यह संधि का एक रूप होता है। व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।

  • 1 answers

Sia ? 6 years, 3 months ago

Subhashita means good speech. They are wise sayings, instructions and stories, composed in Sanskrit language.

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Ishu Raj 6 years, 3 months ago

Varno ke paraspar mel se jo parivartan hota h use sandhi kehte hai

Rishu Kumar 6 years, 3 months ago

Do ya do se aadhik shabdo ka mal ko sandhi khata hai
  • 1 answers

Shivam Sharma 6 years, 3 months ago

All solution
  • 2 answers

Rishu Kumar 6 years, 3 months ago

Dhavammunchti where M is anushwar Tatya where t ma halant

Shivam Sharma 6 years, 3 months ago

Sandi solution

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