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Ideal Yadav 11 months, 1 week ago

Do bailon ki Katha ke pratyay
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Ideal Yadav 11 months, 1 week ago

Do bailon ki Katha ke pratyay

Ideal Yadav 11 months, 1 week ago

Chapter 1 2 bailon ki katha ke pratyay
  • 2 answers

Naman Bansal 2 months, 1 week ago

झुरी कांची के के दोनों बेल हीरा और मोती के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया, झुरी कांची का साला गया उन्हें समय पर भोजन नहीं देता था और भोजन में भी सूखा भूसा देता था और उनके साथ इतना काम करवाता था एवं मैं उन पर डंडे भी बरसात होता

Manisha Nandini 11 months, 2 weeks ago

बहुत बुरा व्यवहार किया गया
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Naman Bansal 2 months, 1 week ago

तिब्बत की निम्नलिखित बातें लेखक को अच्छी लगी 1. तिब्बत में जाति पाति छुआ छात का सवाल ही नहीं था आप बिल्कुल अपरिचित हो तभी भी घर की बहू या सु आप अपनी झोली में से चाय दे सकते हैं

Mohammad Zaki 11 months, 2 weeks ago

Tri maa ki chut

Mohammad Zaki 11 months, 2 weeks ago

Hello
  • 1 answers

Laxmi Laxmi 7 months, 3 weeks ago

Not long
लिखिए अपठित गदयारा का ध्यानपूर्वक पुरुषार्थ दार्शनिक विषय है, पर दर्शन का जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। वह थोडे-से विद्यार्थियों का पाठ्य विषयमात्र नहीं है। प्रत्येक समाज को एक दार्शनिक मत स्वीकार करना होगा। उसी के आधार पर उसकी राजनैतिक, सामाजिक और कौटुम्बिक व्यवस्था का व्यूह खड़ा होगा। जो समाज अपने वैयक्तिक और सामूहिक जीवन को केवल प्रतीयमान, उपयोगिता के आधार पर चलाना चाहेंगा उसको बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। एक विभाग के आदर्श दूसरे विभाग के आदर्श से टकराएंगे। जो बात एक क्षेत्र में ठीक जयेगी वही दूसरे क्षेत्र में अनुचित कहलाएगी और मनुष्य के लिए अपना कर्तव्य स्थिर करना कठिन हो जाएगा। इसका तमाशा आज दीख पड़ रहा है। चोरी करना बुरा है, पर पराये देश का शोषण करना बुरा नहीं है। झूठ बोलना बुरा है, पर राजनैतिक क्षेत्र में सच बोलने पर अड़े रहना मूर्खता है। घरवालों के साथ, देशवासियों के साथ और परदेशियों के साथ बर्ताव करने के लिए अलग-अलग आचारावलियाँ बन गई हैं। इससे विवेकशील मनुष्य को कष्ट होता है। पग-पग पर धर्म-संकट में पड़ जाता है कि क्या करूँ? कल्याण इसी में है कि खूब सोच-विचार कर एक व्यापक दार्शनिक मत अंगीकार किया जाए और फिर सारे व्यवहार की नींव बनाया जाए । यह असम्भव प्रयत्न नहीं है। प्राचीन भारत ने वर्णाश्रम धर्म इसी प्रकार स्थापित किया था। वर्तमान काल में रूस ने मार्क्सवाद को अपने राष्ट्रीय जीवन की सभी चेष्टाओं का केन्द्र बनाया है। ऐसा करने से सभी उद्योग एकसूत्र में बंध जाते हैं और आदर्शों और कर्तव्यों के टकराने की सम्भावना बहुत ही कम हो जाती है। (१) किसी समाज की राजनैतिक, सामाजिक तथा कौटुम्बिक व्यवस्था कब मजबूत बनेगी ? (अ) जब पूरा समाज एक व्यवहार करेगा (ब) जब सारा समाज एक रास्ते पर चलेगा (स) जब सबके दार्शनिक मत अलग-अलग होंगे (द) जब सब का दार्शनिक मत एक होगा (२) दर्शन किससे पृथक नहीं है ? (अ) मानव जीवन से (ब) ईश्वरीय सत्ता से धर्मसंकट से (द) विद्यार्थियों से (३) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए । 'कारण (R) : जो बात एक क्षेत्र में ठीक जंचेगी वहीं दूसरे क्षेत्र में अनुचित कहलाएगी कथन (A) मनुष्य के लिए अपना कर्तव्य स्थिर करना कठिन हो जाएगा (अ) कथन (A) गलत हैं किंतु कारण (R) सही है। (ब) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं। (स) कथन (A) सही है और कारण (R)कथन (A) की सही व्याख्या है। (द) कथन (A)सही हैं किंतु कारण (R)कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है। (४) "पुरुषार्थ दार्शनिक विषय है, पर दर्शन का जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है" उक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए । (1) पुरुषार्थ कुछ विद्यार्थियों का पाठ्य विषय है। (2) किसी समाज की राजनैतिक, सामाजिक तथा कौटुंबिक व्यवस्था की मजबूती का प्रमुख कारण सब का दार्शनिक मत एक होना है। (3) वैचारिक समानता से सभी एक सूत्र में बंध सकते हैं। (अ) कथन 1 सही है (ब) कथन 2 सही है (स) कथन 3 सही है । (द) कथन 2 व 3 सही है। । ।
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Chinmay Bansal 11 months, 3 weeks ago

Answer पीलीज
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Ritesh Kumar 11 months, 3 weeks ago

Vid
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Naman Bansal 2 months, 1 week ago

हीरा और मोती बैलों का मालिक

Priyanshi Rawal 11 months, 2 weeks ago

Juri Hira aur Moti ka Malik tha

Khushi Khan 11 months, 3 weeks ago

Bailo ka malik
34
  • 1 answers

Shraddha Singh 11 months, 4 weeks ago

+1=35
  • 3 answers

Shraddha Singh 11 months, 4 weeks ago

Jhuri apne janvaron ka khayal apne ghar ke sadasya ki tarah rakhta tha

Ayush Kushwah 1 year ago

Jhuri apne janvaron ko apne bachho ki tarah rakhta tha

Akash Yadav 1 year ago

Jhuri Apne janvaron ko bahut hi acche se Rakhta tha aur UN Sab Ka bahut Khyal Rakhta tha
  • 1 answers

Ayush Kushwah 1 year ago

Choti bachhi ke maa ka nidhan ho gya tha aur uski sauteli maa use bahut marti thi vaise hi gya bhi baalo ko din bhar khet me jotta aur marta aur raat me sukha bhusa dal deta bachhi ko baalo ki stithi apne jaisi lagi aur bachhi ko baalo ke pati prem umad aaya
  • 1 answers

Ayush Kushwah 1 year ago

Kanjihouse me pashuo ki hajiri isliye li jati thi taki koi pashu bhag na jaye aur unki dekhbhal bhi hoti rahe
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Rahim chapter 8 in sparsh
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Write a saar on bhagat rehdas ji

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