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  • 2 answers

Alok Tiwari 2 years, 6 months ago

Very easy chapter

Yassshu Garg 2 years, 6 months ago

Easy chapter
Bhk
  • 1 answers

Shiva Thakur 2 years, 6 months ago

Hii
प्रश्न 1 घायलों की सहायता के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है”-गिल्लू के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि किसी घायल के प्रति आपके व्यवहार में क्या विशेषता होगी। प्रश्न 2 गिल्लू लेखिका से बहुत प्रेम करता था। स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 3 पिता को सुखिया की अंतिम इच्छा पूरी करने में क्या-क्या कठिनाइयाँ आईं? एक फूल की चाह कविता के आधार पर लिखिए। प्रश्न 4 एक फूल की चाह कविता में देवी के भक्तों की दोहरी मानसिकता उजागर होती हैं। स्पष्ट कीजिए।
  • 1 answers

Suhani Saini 2 years, 2 months ago

घायल होता है वह बैटरी होने में कम से कम 10 मंत्रा दिन या 1 महीना लगा देता है खासकर छोटे बच्चे पर हम उसको ठीक होने तक घरे ना करें और उसके साथ खेलने लग जाए तो उसके शरीर को हनी पूछ सकती है जिसके कारण उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
  • 3 answers

Alok Tiwari 2 years, 6 months ago

I dont know

Kittu Hada 2 years, 6 months ago

Aap batao

Ankit Verma 2 years, 7 months ago

Mujhe nahin pata
  • 1 answers

Taniya Singla 2 years, 6 months ago

Jb athithi ne dhobi se kapde dhulwane ko kha
  • 1 answers

Mayank Singh 2 years, 7 months ago

Mridula garg
  • 1 answers

Shital Kumari 2 years, 6 months ago

लेखक पकिस्तान के तक्षशिला पौराणिक खडहर देखने गया था वह खाना खाने के लिए एक होटल मे गया था वह उसका परिचय हामिद खाँ से हुई
  • 0 answers
बड़ी चीज़ेंबड़ेसंकटों मेंविकास पाती हैं, बड़ी हस्तियाँबड़ी मसीबत ु ों मेंपलकर दनिु या पर कब्ज़ा करती हैं। अकबर नेतरहे साल की उम्र मेंअपनेपिता केदश्ुमन को परास्त कर दिया था जिसका एकमात्र कारण यह था कि अकबर का जन्म रेगिस्तान मेंहुआ था और वह भी उस समय,जब उसके पिता केपास एक कस्तरूी को छोड़कर और कोई दौलत नहींथी। महाभारत मेंदेश केप्राय: अधिकांश वीर कौरवों केपक्ष मेंथे। मगर फिर भी जीत पांडवों की हुई, क्योंकि उन्होंनेलाक्षागहृ की मसीबत ु झले ी थी, क्योंकि उन्होंनेवनवास केजोखिम को पार किया था। साहस की ज़िंदगी सबसेबड़ी ज़िंदगी होती है।ऐसी ज़िंदगी की सबसेबड़ी पहचान यह हैकि वह बिलकुल निडर, बिलकुल बेखौफ़ होती है। साहसी मनष्ुय की पहली पहचान यह हैकि वह इस बात की चिता ं नहींकरता कि तमाशा देखनेवालेलोग उसकेबारेमेंक्या सोच रहेहैं। जनमत की उपेक्षा करके जीनेवाला आदमी दनिु या की असली ताकत होता हैऔर मनष्ुयता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है। अड़ोस-पड़ोस को देखकर चलना, यह साधारण जीव का काम है। क्रांति करनेवालेलोग अपनेउद्देश्य की तलना ु न तो पड़ोसी केउद्देश्य सेकरतेहैंऔर न अपनी चाल को ही पड़ोसी की चाल देखकर मद्धिम बनातेहैं।
  • 1 answers

Tejas T. 2 years, 7 months ago

Kaya hae yae
  • 1 answers

Nandini Patidar 2 years, 7 months ago

Nayan
  • 1 answers

Abhishek Jiskar 2 years, 8 months ago

Mai hu
  • 3 answers

Alok Tiwari 2 years, 6 months ago

Hlo

Subhra Mishra 2 years, 7 months ago

hloo

Subhra Mishra 2 years, 8 months ago

hii
  • 1 answers

Suhani Saini 2 years, 2 months ago

पूनम तुम्हारी छुट्टियां पड़ गई है कुछ काम कर लिया करो। बेटी - मां तो छुट्टियां पड़ गई है काम धंधा करती रहो नौकरानी बन जाऊं। मम्मी-अच्छा जी मतलब काम कर दो नौकरानी बन जाओ। मैं भी तो काम करते कि मैं तुम्हारी नौकरानी हूं। बेटी-(मुंह चढ़ा कर) आपको तो सिर्फ काम काम ही दिखता है। मम्मी- बेटी की जात हो तुम काम कर लिया करो। बेटी- मम्मी आप कब से बेटा बेटी में फर्क रखने लग गई। मम्मी- तू ना रखो तो क्या हुआ काम धंधा तो करती नहीं है बैठकर फोन चलाती रहती है बस। बेटी-(तंग होकर अपने कमरे में चली गई)
  • 0 answers

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