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Priyansu Kumar Sahoo 2 years, 6 months ago

हिमपात में आकाश से बर्फ़ के खंड बेढंगे तरीके से जमीन पर गिरते हैं। इससे ग्लेशियर बहने लगते हैं और उनके बहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी चट्टानें तुरंत गिर जाती है और खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है। ग्लेशियर के बहने से धरातल पर दरारें पड़ जाती हैं।
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Hussain Khediwala 2 years, 6 months ago

Sur kaatna

Divanshi Gupta 2 years, 7 months ago

Sut kaatna
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Akhil Varshney 2 years, 6 months ago

Help book le lo aur pd lo summary us mai sb h

Hussain Khediwala 2 years, 6 months ago

प्रस्तुत पाठ 'एक फूल की चाह' छुआछूत की समस्या से संबंधित कविता है। महामारी के दौरान एक अछूत बालिका उसकी चपेट में आ जाती है। वह अपने जीवन की अंतिम साँसे ले रही है। वह अपने माता- पिता से कहती है कि वे उसे देवी के प्रसाद का एक फूल लाकर दें ।
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Kangna Arora 2 years, 6 months ago

Veh apni library ke charon aur thasathas bhari pustaje dekhte rehte the aur baye aur ki khidhki se bahar supari ke ped ke chalardar paate dekhte rehte the

Hussain Khediwala 2 years, 6 months ago

Paan ke jhadh ke patte

Radhika Pawar 2 years, 7 months ago

Apani लाइब्रेरी ko dekha karthe the
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Hussain Khediwala 2 years, 6 months ago

मैंअपनेदेश का एक नागरि क हूँऔर मानता हूँकि मैंभी अपना देश हूँ।जसै ेमैंअपनेलाभ और सम्मान के लि ए हर एक छोटी -छोटी बात पर ध्यान देता हूँ, वसै ेही मैंअपनेदेश के लाभ और सम्मान के लि ए भी छोटी -छोटी बातों पर ध्यान दँू,यह मेरा कर्तव्र्त य हैऔर जसै ेमैंअपनेसम्मान और साधनों सेअपनेजीवन मेंसहारा पाता हूँ ,वसै ेही देश के सम्मान और साधनों सेभी सहारा पाऊँ ,यह मेरा अधि कार है। बात यह हैकि मैंऔर मेरा देश दो अलग चीज़ तो हैंही नहीं। मनैं ेजो कुछ जीवन मेंअध्ययन और अनभु व सेसीखा है,वह यही हैकि महत्त्व कि सी कार्य की वि शालता में नहीं है, उस कार्य के करनेकी भावना मेंहै। बड़ेसेबड़ा कार्य हीन हैयदि उसके पीछेअच्छी भावना नहीं हैऔर छोटेसेछोटा कार्य भी महान हैं,यदि उसके पीछेअच्छी भावना है।हमारेदेश को दो बातों की सबसेज़्यादा ज़रूरत हैएक शक्ति -बोध और दसू रा सौंदर्य-र्यबोध । 1-मैंशब्द का प्रयोग हुआ है- 1-व्यक्ति के लि ए 2-समाज के लि ए 3-नेताओंके लि ए 4--लेखक के लि ए 2-देश के सम्मान को बनाए रखनेके लि ए आवश्यकता है- 1-बड़ी - बड़ी बातों पर ध्यान देनेकी 2-छोटी -छोटी बातों पर ध्यान देनेकी 3- छोटी -बड़ी बातों पर ध्यान देनेकी 4-लाभ -हानि पर ध्यान देनेकी 3-लेखक नेजीवन मेंसीखा- 1- महत्त्व कार्य की वि शालता मेंहै 2-महत्त्व कार्य करनेकी भावना मेंहै 3-महत्त्व कार्य की सक्षिं क्षिप्तता मेंहै 4-तीनों मेंसेकोई नहीं है 4-लेखक नेकार्य करनेका महत्व सीखा - 1-अध्ययन और अनभु व से 2-कार्य की वि शालता से 3-छोटी -बड़ी बातों से 4- दसू रों से 5-सम्मान -शब्द मेंउपसर्ग होगा - 1-सम 2-मान 3-समा 4-साम
मैंअपनेदेश का एक नागरि क हूँऔर मानता हूँकि मैंभी अपना देश हूँ।जसै ेमैंअपनेलाभ और सम्मान के लि ए हर एक छोटी -छोटी बात पर ध्यान देता हूँ, वसै ेही मैंअपनेदेश के लाभ और सम्मान के लि ए भी छोटी -छोटी बातों पर ध्यान दँू,यह मेरा कर्तव्र्त य हैऔर जसै ेमैंअपनेसम्मान और साधनों सेअपनेजीवन मेंसहारा पाता हूँ ,वसै ेही देश के सम्मान और साधनों सेभी सहारा पाऊँ ,यह मेरा अधि कार है। बात यह हैकि मैंऔर मेरा देश दो अलग चीज़ तो हैंही नहीं। मनैं ेजो कुछ जीवन मेंअध्ययन और अनभु व सेसीखा है,वह यही हैकि महत्त्व कि सी कार्य की वि शालता में नहीं है, उस कार्य के करनेकी भावना मेंहै। बड़ेसेबड़ा कार्य हीन हैयदि उसके पीछेअच्छी भावना नहीं हैऔर छोटेसेछोटा कार्य भी महान हैं,यदि उसके पीछेअच्छी भावना है।हमारेदेश को दो बातों की सबसेज़्यादा ज़रूरत हैएक शक्ति -बोध और दसू रा सौंदर्य-र्यबोध । 1-मैंशब्द का प्रयोग हुआ है- 1-व्यक्ति के लि ए 2-समाज के लि ए 3-नेताओंके लि ए 4--लेखक के लि ए 2-देश के सम्मान को बनाए रखनेके लि ए आवश्यकता है- 1-बड़ी - बड़ी बातों पर ध्यान देनेकी 2-छोटी -छोटी बातों पर ध्यान देनेकी 3- छोटी -बड़ी बातों पर ध्यान देनेकी 4-लाभ -हानि पर ध्यान देनेकी 3-लेखक नेजीवन मेंसीखा- 1- महत्त्व कार्य की वि शालता मेंहै 2-महत्त्व कार्य करनेकी भावना मेंहै 3-महत्त्व कार्य की सक्षिं क्षिप्तता मेंहै 4-तीनों मेंसेकोई नहीं है 4-लेखक नेकार्य करनेका महत्व सीखा - 1-अध्ययन और अनभु व से 2-कार्य की वि शालता से 3-छोटी -बड़ी बातों से 4- दसू रों से 5-सम्मान -शब्द मेंउपसर्ग होगा - 1-सम 2-मान 3-समा 4-साम
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Preeti Dabral 2 years, 7 months ago

दिनाँक 13 अगस्त 2023,

प्रिय मित्र दिव्यांशु,

खुश रहो,आज मुझे पता चला कि तुम्हारा चयन हमारे जिले की क्रिकेट टीम में हो गया है और तुम राज्य स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए जाने वाले हो। तुम्हारी इस सफलता पर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई।

मैं तुम्हारे सुखद भविष्य की कामना करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि तुम्हें यूँ ही निरंतर उन्नति मिलती रहे और तुम सफलता के पथ पर आगे बढ़ते रहो।

आने वाले टूर्नाेमेट तुम सफल होकर आओ, मेरी शुभकामना है।

मेरी इच्छा है कि तुम राज्य स्तरीय टीम में चुने जाओ और उसके बाद राष्ट्रीय टीम में भी चुने जाओ।

मैं तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ और जिले की टीम में चुने जाने पर पुनः तुम्हें बधाई देता हूँ।

 

तुम्हारा मित्र,

अंशुल |

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Preeti Dabral 2 years, 8 months ago

आज के व्यस्त जीवन में, हम सबका समय बहुत महसूस होता है। अतिथि का समय भी हमारे साथ होता है, इसलिए हमें उनके साथ जीवन को समझने का समय देना चाहिए। हम अपने समय का अच्छे से उपयोग करने चाहिए और अतिथि को उनके घर वापस जाने देना चाहिए। इससे हम सबको अच्छा महसूस होगा और हम अपनी ज़िंदगी को अच्छे से जीने में सफल हो सकते हैं।

Ashish Prajapati 2 years, 6 months ago

आज के व्यस्त जीवन में, हम सबका समय बहुत महसूस होता है। अतिथि का समय भी हमारे साथ होता है, इसलिए हमें उनके साथ जीवन को समझने का समय देना चाहिए। हम अपने समय का अच्छे से उपयोग करने चाहिए और अतिथि को उनके घर वापस जाने देना चाहिए। इससे हम सबको अच्छा महसूस होगा और हम अपनी ज़िंदगी को अच्छे से जीने में सफल हो सकते हैं।

Hussain Khediwala 2 years, 6 months ago

आज के व्यस्त जीवन में, हम सबका समय बहुत महसूस होता है। अतिथि का समय भी हमारे साथ होता है, इसलिए हमें उनके साथ जीवन को समझने का समय देना चाहिए। हम अपने समय का अच्छे से उपयोग करने चाहिए और अतिथि को उनके घर वापस जाने देना चाहिए। इससे हम सबको अच्छा महसूस होगा और हम अपनी ज़िंदगी को अच्छे से जीने में सफल हो सकते हैं।
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Preeti Dabral 2 years, 8 months ago

उस जमाने के हिसाब से रामन सरकारी विभाग में एक प्रतिष्ठित अफसर के पद पर तैनात थे। उन्हें मोटी तनख्वाह और अन्य सुविधाएँ मिलती थीं। उस नौकरी को छोड़कर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की नौकरी करने का फैसला बहुत कठिन था।

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Sushamita Singh 2 years, 8 months ago

Mahadev bhai desai was the personal secretary of Gandhi jii and his writing skills was excellent. In his written notes there is no one mistakes.
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Shreya Pandey 2 years, 7 months ago

Swami anand

Sonu Chavan 2 years, 8 months ago

Swami anand

Aryan Asp 2 years, 8 months ago

Ok

Shreya Rai 2 years, 8 months ago

Swami Anand
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Preeti Dabral 2 years, 9 months ago

कीचड़ जैसा रंग कला प्रेमी, कलाकार और फोटोग्राफर बहुत पसंद करते हैं।

Shreya Pandey 2 years, 7 months ago

कीचड़ जैसा रंग कला प्रेमी, कलाकार और फोटोग्राफर बहुत पसंद करते हैं।
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Hello🙏 Harshit 2 years, 10 months ago

How to ram
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Ajinkya Mishra 2 years, 11 months ago

एक या अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र और सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। जैसे - गंगा, कमल, किताब आदि । जब तक शब्द का प्रयोग वाक्य में नहीं किया जाता वे शब्द कहलाते हैं परन्तु जब उनका प्रयोग वाक्य में होता है तो वे पद बन जाते हैं। • वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाते हैं। जैसे - गंगा भारत की महत्वपूर्ण नदी है। यहाँ गंगा एक पद है।
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Suhani Saini 3 years ago

नहीं हमसे कहते हैं कि जैसे सागर कितना बड़ा होता है पर कोई भी चीज या जंतु उसका पानी पीकर अपनी प्यास नहीं बुझा सकता क्योंकि उसका पानी खारा होता है परंतु पंख का पानी थोड़ा होता है और उसको पी के जीव जंतु अपनी प्यास बुझा सकते हैं।
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Suhani Saini 3 years ago

सांप ने पुस्तक मारिए नहीं दे रहा उसे लगा या नहीं अब तक समझ नहीं आ रहा था इसका मतलब है कि कवि बहुत डर चुके हैं और उनका पूरा ध्यान चिपचिपी आकर्षित हो चुका है कि कैसे वे चिट्टियां हुए की गोल गोल घूम के अंदर गिर रही है।
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Ashish Prajapati 2 years, 6 months ago

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