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Ask questions which are clear, concise and easy to understand.

Ask Question
  • 5 answers

Reena Baghel 4 years, 6 months ago

Sharad joshi

Bharti Yadav 4 years, 6 months ago

Sharad joshi

S 😊 4 years, 6 months ago

Sharad joshi

Kalyani Jaybhaye 4 years, 6 months ago

Sharad joshi

Daksh Chauhan 4 years, 6 months ago

Sharad jyoshi
  • 3 answers

Suryakant Ray 4 years, 6 months ago

England

Ranjeet Kumar Pandit?? 4 years, 6 months ago

England

Krishna Agrawal 4 years, 6 months ago

H
  • 2 answers

Harpreet Singh 4 years, 6 months ago

प्रश्न 9. लेखिका के किन व्यवहारों से ज्ञात होता है कि गिल्लू को वह अपने परिवार के एक सदस्य की तरह मानती थी? उत्तर- लेखिका गिल्लू को अपने परिवार के सदस्य की तरह थाली में खाना खिलाती थी। उसे बिस्कुट और काजू खिलाती थी।

Adnan Khan 4 years, 6 months ago

Abe bhai nhi pta h kya
  • 1 answers

Sahil Halpati. 4 years, 6 months ago

क्योंकि उन्हें भय लग रहा था कि वह उनकी बेटी सुखिया को क्या कहते की माता का फूल कहा है।
  • 1 answers

Tanisha Gupta 4 years, 6 months ago

वो इसलिए रो रही थी क्योंकि उसका तेइस बरस का जवान बेटा साँप के डसने की वजह से मर गया था
  • 5 answers

Kalpesh Sawkare 4 years, 6 months ago

Dukhi .

Vaishali Ojha 4 years, 6 months ago

दुखी

Satyaprakash Mishra 4 years, 6 months ago

दुखी

Sameer Mohammad 4 years, 6 months ago

दुखी

Sameer Mohammad 4 years, 6 months ago

दुखी
  • 3 answers

Rishabh Jain 4 years, 6 months ago

Yeh iss ka interview hai

Satyaprakash Mishra 4 years, 6 months ago

शब्द एवं पद

Baljeet Singh 4 years, 6 months ago

Pagal
  • 1 answers

Satyaprakash Mishra 4 years, 6 months ago

नारा लेकिन वह होता है जो हम किसी ऊपर नारा लगाते हैं नहीं चलेगी नहीं चलेगी तेरी दादागिरी नहीं चलेगी samaja kiya
  • 2 answers

Satyaprakash Mishra 4 years, 6 months ago

खुशबू रचते हैं हाथ

Akshay Yadav 4 years, 6 months ago

Lo
  • 1 answers

Yuvraj Sikarwar 4 years, 6 months ago

Pls elaborate the question :-)
  • 5 answers

Sita Kumari 4 years, 6 months ago

Aadarsh pareshan patr ke answer

X-O Harsh & Parveen 4 years, 6 months ago

Hfhshdudyxoy, jfgnxfxkb

X-O Harsh & Parveen 4 years, 6 months ago

????????????????????Wows

X-O Harsh & Parveen 4 years, 6 months ago

Wow

X-O Harsh & Parveen 4 years, 6 months ago

I hate i
  • 1 answers

Sylvia Sylvia 4 years, 6 months ago

CBSE Class 09 Hindi B आदर्श प्रश्न पत्र - 01 (2020-21) Maximum Marks: 80 Time Allowed: 3 hours General Instructions: इस प्रश्नपत्र में चार खंड हैं। सभी खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। यथासंभव प्रत्येक खंड के प्रश्नों के उत्तर क्रम से लिखिए। खंड - क (अपठित गद्यांश) निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। महँगाई या मूल्य वृद्धि से आज समस्त विश्व त्रस्त है। भारत बढ़ती महँगाई की चपेट में बुरी तरह से जकड़ा हुआ है। जीवनोपयोगी वस्तुओं के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे जन साधारण को अत्यन्त कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। महँगाई से देश के आर्थिक ढाँचे पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। महँगाई के निर्मम चरण अनवरत रूप से अग्रसर हैं, पता नहीं वे कब, कहाँ रुकेंगे? आज कोई भी वस्तु बाज़ार में सस्ते दामों पर उपलब्ध नहीं है। समाज का प्रत्येक वर्ग महँगाई की मार को अनाहूत अतिथि की तरह सहन कर रहा है, इसका सर्वग्राही प्रभाव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र पर पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं पर अत्यधिक खर्च हो रहा है। अपने स्वार्थ के लिए लोगों में धार्मिक, सामाजिक तथा नैतिक मान्यताएँ पीछे छूट जाती हैं और भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाता है। अर्थशास्त्र की मान्यता है कि यदि किसी वस्तु की माँग उत्पादन से अधिक हो, तो मूल्यों में स्वाभाविक रूप से वृद्धि हो जाती है। विश्व की सबसे बड़ी समस्या क्या है? (2) महँगाई से देश की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? (2) स्वार्थ का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है? (2) अर्थशास्त्र की मान्यता क्या है? (2) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। (1) माँग का विपरीत शब्द लिखिए। (1) खंड - ख (व्याकरण) पद बनने से पहले शब्द में रूप साधक प्रत्यय अवश्य लगते हैं इसलिए उन्हें ________ भी कहते हैं। शब्द रूप पद प्रत्यय शब्द प्रत्यय शब्द पद लड़का, किताब, घोड़ा, बच्चा आदि  _______ कहलाते हैं। शब्द रूप  स्वतंत्र शब्द  पद  शब्द समूह  निम्नलिखित वर्णों में अनुस्वार का मानक रूप कौन-सा  है ? सममान माँ स्वय स्वयं अनुनासिक के उच्चारण में ध्वनि कहां से निकलती है ? नाक मुंह मुंह और नाक तालु निम्नलिखित में से किस शब्द में प्रत्यय प्रयोग किया गया है ? निडर आजन्म बचपन भरपेट 'कनिष्ठ' शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय चुनिए। कनि+इष्ट कन+इष्ठ कनि+इष्ठ कन+इष्ट निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द हिंदी उपसर्ग की सहायता से नहीं बना है? सत्गुण अनपढ़ उनतीस भरपूर  निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता उपसर्ग और प्रत्यय के संबंध में सही नहीं है? दोनों का एक साथ प्रयोग नहीं हो सकता दोनों शब्दांश होते हैं दोनों का प्रयोग शब्द के अर्थ में परिवर्तन लाता है दोनों शब्दों के बिना प्रयोग में नहीं लाए जाते यह ______कवि जयशंकर प्रसाद जी द्वारा _____है । -रिक्त स्थानों में उचित श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द -युग्म का प्रयोग करें । कृति , कृत कृत, कीर्ति क्रीत, कृति क्रीत, कीर्ति श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द-युग्म- 'प्रणय-परिणय' का अर्थ है- दांपत्य प्रेम-विवाह विवाह - सन्तान उत्पत्ति प्रेम - छल  प्रण करना- प्राणवान 'आनंद' शब्द का पर्यायवाची बताइए। प्रफुल्लता  दनुज  शाल  अचल  'दुःख' शब्द का पर्यायवाची बताइए। शाल  सुर  हर्ष  पीड़ा 'भूषण' शब्द का विलोम बताइए।  कटु  विभूषण  शुष्क  दूषण  'गुरुत्व' शब्द का विलोम बताइए।  प्रभुत्व  लघुत्व  प्रतिकूल  दासत्व  वाक्य के किस प्रकार से नकारात्मकता का बोध होता है? संकेतवाचक वाक्य संदेहवाचक वाक्य संयुक्त वाक्य निषेधवाचक वाक्य संकेतवाचक वाक्य किस प्रकार के वाक्य होते हैं? संयुक्त वाक्य साधारण वाक्य मिश्र वाक्य वाक्य खंड - ग (पाठ्य पुस्तक) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: (6 अंक) दुःख का अधिकार पाठ में लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या-क्या उपाय किए? अच्छा अतिथि कौन कहलाता है? तुम कब जाओगे, अतिथि? पाठ के आधार पर लिखिए। धर्म की आड़ पाठ में लेखक क्या सन्देश देना चाहता है? यशपाल जी की कहानी दुःख का अधिकार में दुख मनाने का अधिकार सबको क्यों नहीं है? OR एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा पाठ के आधार पर बताइए मई की रात को कैंप तीन में क्या घटना घटी और एक अन्य साथी ने लेखिका की जान कैसे बचाई? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: (6 अंक) भाव स्पष्ट कीजिए- ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै रहीम ने सागर जल की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? रहीम के दोहे के आधार पर लिखिए। मन्दिर में सुखिया के पिता के साथ कौन-सी घटना हुई? एक फूल की चाह कविता के आधार पर लिखिए। प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता? रहीम के पद के आधार पर लिखिए। OR एक फूल की चाह कविता का केंद्रीय भावों अपने शब्दों में लिखिए। निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (6 अंक) गिल्लू पाठ के आधार पर बताइए कि कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है? हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इंकार क्यों किया? दिए जल उठे पाठ में किस कारण से प्रेरित होकर स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया? खंड - घ (लेखन) अबला नहीं, सबला है नारी विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छेद लिखिए। OR पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छेद लिखिए। अपनी बुआ जी को पिताजी के स्वास्थ्य सुधार की सूचना देते हुए पत्र लिखिए। OR आपके विद्यालय में सफाई अभियान चलाया गया जिसमें आपने भी श्रमदान किया। आस-पास के क्षेत्रों की खूब सफाई की गई तथा लोगों को सफाई के महत्त्व के बारे में बताया गया। इन सभी गतिविधियों का वर्णन करते हुए अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखिए। दूरदर्शन द्वारा पुनः प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों को बताते हुए अपने प्रिय मित्र को संदेश लिखिए। OR राष्ट्र्पति द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर राष्ट्र को संदेश लिखिए। दो मित्रों के बीच समाज में बढ़ते अपराध के बारे में 50 शब्दों में संवाद रूप में लिखिए। OR पुत्री द्वारा बनाए गए चित्र को लेकर माँ-पुत्री में हुए संवाद को 50 शब्दों में लिखिए। जल संरक्षण विषय पर 20-30 से शब्दों में एक नारा लिखिए OR स्कूल चलो अभियान के विषय पर 20-30 से शब्दों में एक नारा लिखिए। 9 Hindi B SP-01 Class 09 - Hindi B Solution खंड - क (अपठित गद्यांश) विश्व की सबसे बड़ी समस्या महँगाई या मूल्य वृद्धि है। महँगाई से देश के आर्थिक ढाँचे पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। स्वार्थ के कारण लोगों की धार्मिक, सामाजिक तथा नैतिक मान्यताएँ पीछे छूट जाती हैं और भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाता है। अर्थशास्त्र की मान्यता है कि यदि वस्तु की माँग उत्पादन से अधिक हो, तो मूल्यों में स्वाभाविक रूप से वृद्धि हो जाती है। उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक 'महँगाई : एक समस्या' होगा। पूर्ति  खंड - ख (व्याकरण) (a) शब्द रूप Explanation: शब्द रूप - बालक, बालिका  (b) स्वतंत्र शब्द  Explanation: ये सभी स्वतंत्र शब्द हैं क्योंकि ये व्याकरण के नियमों में नहीं बंधे हुए हैं। (d) स्वयं Explanation: स्वयं I अनुस्वार के बाद यदि स्वर आता हो, तो उसका उच्चार “म्” होता है, और अनुस्वार की जगह “म्” ही लिखा जाता है । (c) मुंह और नाक Explanation: मुंह और नाक। ध्वनि मुख के साथ-साथ नासिका द्वार को छूकर निकलती है। (c) बचपन Explanation: बचपन ( बच्चा+पन) (b) कन+इष्ठ Explanation: कन+इष्ठ (कन+इष्ठ=कनिष्ठ) (a) सत्गुण Explanation: सत्गुण। (सत्- संस्कृत+गुण- मूल शब्द) (a) दोनों का एक साथ प्रयोग नहीं हो सकता Explanation: दोनों का प्रयोग एक साथ हो सकता है। नि+डर+ता = निडरता  (a) कृति , कृत Explanation: यही शब्द- युग्म उपयुक्त है। अन्य विकल्पों में शब्द व अर्थ सम्बन्धी दोष हैं। (a) दांपत्य प्रेम-विवाह Explanation: 'प्रणय' का अर्थ 'प्रेम ' तथा 'परिणय'  का अर्थ 'विवाह' होता है।  (a) प्रफुल्लता  (d) पीड़ा (d) दूषण  (b) लघुत्व  (d) निषेधवाचक वाक्य Explanation: निषेधवाचक वाक्य से नकारात्मकता का बोध होता है । इनमें निषेधसूचक शब्द लगे रहते हैं। उदाहरण:- ये काम मुझसे नहीं होगा। (c) मिश्र वाक्य Explanation: संकेतवाचक वाक्य हमेशा केवल मिश्र वाक्य में होते हैं। बाकी सारे वाक्य के भेद सरल, संयुक्त, और मिश्र तीनों प्रकार के होते हैं। खंड - ग (पाठ्य पुस्तक) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: (6 अंक) लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया जो कुछ वह कर सकती थी उसने वह सब सभी उपाय किए। वह पागल सी हो गई। झाड़-फूँक करवाने के लिए ओझा को बुला लाई, साँप का विष निकल जाए इसके लिए नाग देवता की भी पूजा की, घर में जितना आटा अनाज था वह दान दक्षिणा में ओझा को दे दिया परन्तु दुर्भाग्य से लड़के को नहीं बचा पाई।माँ, बहू और बच्चे ‘भगवाना’ से लिपट-लिपटकर रोए, पर भगवाना जो एक दफे चुप हुआ तो फिर न बोला। सर्प के विष से उसका सब बदन काला पड़ गया था। वास्तव में अच्छा अतिथि तो वही होता है जो पहले से अपने आने की सूचना देकर आए और एक या दो दिन की मेहमानी कराकर विदा ले। धर्म आत्मा को शुद्ध करने और ऊँचा उठाने का साधन है। व्यक्ति को अपनी इच्छा से धर्म अपनाने की स्वतन्त्रता है। धर्म किसी की स्वतन्त्रता को छीनने या कुचलने का साधन न बने। विकास का साधन-शुद्ध आचरण व सदाचार का होना ही धर्म है। दुःख की अनुभूति समाज का प्रत्येक वर्ग करता है परन्तु दुःख मनाने का अधिकार सबको नहीं है वह केवल सम्पन्न वर्ग को ही प्राप्त है क्योंकि उसके पास शोक मनाने के लिए सहूलियत भी है और समय भी। गरीब वर्ग की विवशता न तो उन्हें दु:ख मनाने की सुविधा प्रदान करती है न अधिकार। वे तो अपने परिवार के पालन पोषण के लिए रोजी-रोटी की उलझन में ही उलझे रहते हैं। अतः दुःख मनाने का भी एक अधिकार होता है। OR 15-16 मई, 1984 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन जब लेखिका ल्होत्से की बर्फीली सीधी ढलान पर नाइलॉन के बने तंबू के कैंप तीन में गहरी नींद में सोई हुई थी तभी रात में लगभग 12:30 बजे उसके सिर के पिछले हिस्से में एक ज़ोरदार धमाके के साथ कोई सख्त चीज टकराई। वह बर्फ का बड़ा विशालकाय पंज था। जिसने कैंप को तहस-नहस करने के साथ सभी व्यक्तियों को चोटिल किया। लेखिका तो बर्फ के नीचे फंस गयी थी। तभी लोपसांग अपनी स्विस छुरी की मदद से उनके तंबू का रास्ता साफ करने में सफल हो गया तथा उसने ही लेखिका के चारों तरफ के कड़े जमे बर्फ की खुदाई कर लेखिका को बर्फ की कब्र से बाहर खींच कर निकाला। इस तरह लेखिका की जान बची। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: (6 अंक) हे प्रभु! आपके अतिरिक्त भक्तों को इतना मान-सम्मान देनेवाला कोई और नहीं है। अर्थात् समाज में नीची जाति में उत्पन्न होने के कारण आदर-सम्मान मिलना कठिन होता है परंतु ईश्वर के यहाँ जातिगत भेद-भाव नहीं होता। वे सबके सम्मान की लाज रखते हैं। प्रभु ही सबका कल्याण करते हैं। उनके अतिरिक्त कोई ऐसा नहीं है जो गरीबों और दोनों की खोज-खबर रखता है। ईश्वर ही अछूतों को ऊँचे पद पर आसीन करते हैं। रहीम ने सागर के जल को व्यर्थ इसलिए कहा है, क्योंकि यह पीने के काम नहीं आता। सागर में अथाह जल होने पर भी लोग प्यासे मरते हैं। इसकी तुलना में पंक-जल गंदा होते हुए भी इसलिए धन्य है, क्योंकि इसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास बुझती है। इस प्रकार यह जल उपयोगी है जबकि सागर के जल का कोई उपयोग नहीं है। मन्दिर में सुखिया के पिता के साथ यह घटना घटित हुई कि मन्दिर से प्रसाद लेकर लौटने के बाद सुखिया के पिता को लोगों द्वारा पहचान लिया गया कि वह अछूत है। उन्होंने उसे बहुत मारा-पीटा तथा जेल पहुँचा दिया। प्रेम का धागा विश्वास से बँधा होता है। जब धागा टूट जाता है तो मन में गाँठ पड़ जाती है और पहले की तरह प्रेमपूर्ण सम्बन्ध नहीं बन पाते। अर्थात् विश्वास खत्म हो जाने पर मन को नहीं जोड़ा जा सकता। अतः सम्बन्धों की डोर से आपसी विश्वास को मज़बूत बनाए रखना चाहिए। सम्बन्धों को जोड़ने में, बनाने में बहुत समय लगता है परन्तु तोड़ना बहुत आसान होता है। अतः हमें सम्बन्धों को बड़ी ही नज़ाकत के साथ निभाना चाहिए। OR सियाराम शरण गुप्त द्वारा कथात्मक शैली में प्रस्तुत कविता ‘एक फूल की चाह’ के माध्यम से समाज में व्याप्त एक कुरीति पर कुठाराघात किया है। कविता में दो ही मुख्य पात्र पिता और पुत्री हैं। एक मरणासन्न अछूत कन्या के मन में यह चाह उठती है कि उसे देवी माँ के चरणों में अर्पित किया हुआ एक फूल लाकर दे दे। अछूत होने के कारण पिता पहले तो मंदिर जाने में हिचकता है लेकिन अपने बेटी की प्रबल इच्छा को देखते हुए उसे ऐसा करना पड़ता है। वहां पहचाने जाने पर वह पुजारी एवं उसके लोगों द्वारा पीटे जाने एवं दण्डित किये जाए पर ईश्वर से इसका जवाब चाहता है। वास्तव में कवि प्रस्तुत कविता में तत्कालीन भारतीय समाज की छूआछूत की कुरीति पर करारा व्यंग्य करता है। वह कविता के पात्र सुखिया के पिता के माध्यम से समाज की इस कुरीति की पोल खोलकर रख देता है कि कैसे धर्म के मामलों में कुरीति अपने पांव पसारकर उसे विषाक्त कर देती है। निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (6 अंक) कौए को समादरित और अनादरित प्राणी इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह एक विचित्र प्राणी है। कभी इसका आदर किया जाता है, तो कभी इसका निरादर किया जाता है। श्राद्ध पक्ष में लोग कौए को आदर सहित बुलाते हैं। पितृपक्ष में हमसे कुछ पाने के लिए हमारे पूर्वजों को कौआ बनकर ही प्रकट होना पड़ता है-ऐसी मान्यता है। यह अतिथि के आने का भी संदेश देता है। इन बातों के कारण यह समादरित है लेकिन यही कौआ जब अपनी कर्कश आवाज में काँव-काँव करता है एवं गंदगी ख़ाता है, तो यह अनादरित हो जाता है। हामिद खाँ को गर्व था कि एक हिंदू ने उनके होटल में खाना खाया। वह लेखक के प्रेम और भाईचारे से बहुत प्रभावित हुआ। साथ ही वह लेखक को मेहमान भी मान रहा था। वह लेखक के शहर की हिंदू-मुस्लिम एकता का भी कायल हो गया था। इसलिए हामिद खाँ ने खाने के पैसे नहीं लिए। वह चाहता था कि लेखक भारत पहुँचकर भी उनके नए भाई हामिद खाँ को याद रखें। दांडी-कूच की तैयारी के सिलसिले में वल्लभभाई पटेल ७ मार्च को रास पहुँचे थे। उन्हें वहाँ भाषण नहीं देना था लेकिन पटेल ने लोगों के आग्रह पर 'दो शब्द' कहना स्वीकार कर लिया। उन्होंने लोगों से सत्याग्रह के लिए तैयार होने के लिए कहा। उन्होंने यह कहकर सभा की निषेधता तोडी थी। यही कारण था कि स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया। खंड - घ (लेखन) समाज में, नारी के माँ, प्रेयसी, पुत्री, पत्नी अनेक रूप हैं। सम परिस्थितियों में वह देवी है तो विषम परिस्थितियों में दुर्गा-भवानी। नाना रूपों में मानव जीवन को प्रभावित करने वाली नारी समाज रूपी गाड़ी का एक पहिया है जिसके बना समग्र समाज पंगु हैं। मानव जाति के इतिहास पर विचार करें तो ज्ञात होगा कि सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, साहित्यिक, धार्मिक आदि सभी क्षेत्रों में प्रारम्भ से ही नारी की अपेक्षा पुरुष का आधिपत्य रहा है। उसने नारी की स्वतन्त्रता छीनकर उसे पराधीन बना दिया। पुरुष प्रधान समाज से नारी के मन मस्तिष्क में यह बात अच्छी तरह जमा दी कि वह असहाय, हीन और अबला है किन्तु वर्तमान समय में नारी ने स्वयं को जगाया, ऊपर उठाया, संघर्ष का संबल प्राप्त किया। स्वयं को शिक्षित करके अपने जीवन को प्रत्येक परिस्थिति का मसाना करने के योग्य बनाया। आज की नारी अबला न रहकर सबला है। वह पूरी तरह आत्मनिर्भर रहकर परिवार, समाज तथा राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे रही है। वर्तमान युग में नारी शिक्षा, प्रशासन, चिकित्सा, सुरक्षा, राजनीति, विज्ञान, खेलकूद हर दिशा में आगे आ रही है। नारी-जीवन के विकास पर आज समाज गर्व करता है। समाज के हर कार्य, हर क्षेत्र में आज पुरुष के समान नारी के महत्व को स्वीकार किया जा रहा है। OR वास्तव में समस्त प्राणी जगत् के लिए पराधीनता एक अभिशाप है। पराधीनता का अर्थ है-'दूसरों की अधीनता, मनुष्य पराधीन होकर सपने में भी सुख नहीं प्राप्त कर सकता। पराधीन होकर जीना अर्थात् दूसरों का गुलाम होना, दूसरों की इच्छानुसार जीना, मन मारकर दूसरों के इशारों पर चलना आदि। यह एक भयंकर कष्ट के समान है। पराधीनता में कितनी भी सुख-सुविधाएँ, ऐशो-आराम मिलें, फिर भी व्यक्ति मानसिक शान्ति तथा स्वतन्त्रता का अनुभव कदापि नहीं कर सकता, क्योंकि व्यक्ति स्वभाव से ही स्वतंत्र रहना चाहता है। पराधीनता तो एक अभिशाप है, जिसमें व्यक्ति का सब कुछ अभिशप्त हो जाता है। हमारे प्यारे भारत देश को अंग्रेजों की सैकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था; तभी 15 अगस्त, 1947 को हम सभी ने स्वतंत्रता की पहली साँस ली थी। पराधीनता मनुष्य तो क्या, पशु-पक्षी भी पसन्द नहीं करते। सोने के पिंजरे में बन्द पक्षी भी स्वतंत्र आकाश में उड़ना चाहता है, उड़ने के लिए छटपटाता है। वह कड़वी निबौरी खाना पसन्द करेगा, समुद्र का बहता खारा पानी पी लेगा, पर आजादी से जीना चाहता है, वह भी पंख पसार कर नीलगगन में उड़ान भरना चाहता है। पराधीनता में व्यक्ति अपने मान-सम्मान को सुरक्षित नहीं रख सकता, क्योंकि वह पराधीनता की चक्की में पिसता रहता है तथा शोषित होता रहता है। निर्धनता तथा अभावों से ग्रस्त जीवन में भी स्वतन्त्र होकर जीने में मनुष्य आनन्द तथा प्रसन्नता का अनुभव करता है। संभवतः इसी कारण गोस्वामी तुलसीदास ने अपने महाकाव्य रामचरितमानस में लिखा है-पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं। मकान नं. 276, वैशाली नगर, जयपुर। दिनांक : 05.03.2019 पूजनीय बुआ जी, सादर चरण वंदना। हम यहाँ सकुशल हैं। आशा है आपका स्वास्थ्य भी ठीक होगा। आपका भेजा हुआ पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने पिताजी के स्वास्थ्य के विषय में पूछा था। आपको यह जानकर अति प्रसन्नता होगी कि पिताजी के स्वास्थ्य में अब पहले से बहुत सुधार है। अब वह ठीक प्रकार उठ-बैठ और चल रहे हैं। आप चिन्ता न करें और अपने भी स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आदरणीय फूफाजी के चरणों में मेरा प्रणाम और भाई साहब को नमस्कार। आपका आज्ञाकारी भतीजा, पवन कुमार OR 276-P, पालम, दिल्ली-77 दिनांक 05.03.2019 पूज्य दीदी, चरण स्पर्श। यहाँ सब ठीक प्रकार से हैं। आशा है आप भी परिवार सहित कुशलपूर्वक होंगी। पता है दीदी, हमारे विद्यालय में आजकल सफाई अभियान चल रहा है। सभी कक्षाओं में नया पेंट किया गया है जिससे दीवारें काफ़ी साफ सुथरी एवं अच्छी लग रही हैं, मैंने व मेरी कक्षा के बच्चों के द्वारा पेंट के समय अपनी कक्षा की मेज कुर्सियों आदि को बाहर निकाला उनकी भी सफाई की गयी एवं उन्हें दुबारा कक्षा में रखकर अच्छी तरह व्यवस्थित कर दिया है। अब सफाई से कक्षाएँ काफी साफ व अच्छी लग रही हैं तथा अब कक्षा में मच्छर आदि भी नहीं हैं। इससे हम सभी बच्चों को सफाई के महत्त्व के बारे में पता चला है तथा अब हम लोग अपने कक्षाध्यापक के साथ थोड़ा-थोड़ा समय निकालकर विद्यालय के बाहर आस-पास की भी सफाई करते हैं तथा श्रमदान करते समय आस-पास की गन्दगी व कूड़े के ढेरों की सफाई करते हैं तथा वहाँ घास व खुशबूदार पौधे लगा देते हैं। जिससे विद्यालय के बाहर आस-पास भी काफ़ी साफ-सफाई रहती है व देखने में काफी अच्छी हरियाली नज़र आती है। अब कीटाणु समाप्त हो गए हैं तथा लोगों के स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ रहा है और दीदी पता है हमारे विद्यालय का चयन जिले के आदर्श विद्यालय के रूप में भी हो गया है व हमारे विद्यालय का निरीक्षण करने आने वाले हमारे विद्यालय व आस-पास की गयी सफाई व हरियाली की प्रशंसा करते हैं। अच्छा दीदी मेरा सभी को यथा योग्य अभिवादन कहिएगा। आपका प्रिय भाई, रोहित संदेश 25, मार्च, 2020 प्रातः 09:00 बजे प्रिय गिरीश, 28 मार्च, 2020 से डी.डी. नेशनल चैनल पर प्रातः 9:00 बजे एवं रात्रि 8:00 बजे से 'रामायण' एवं डी.डी. भारती पर 'महाभारत' कार्यंक्रम का पुनः प्रसारण किया जाएगा। यह दोनों कार्यक्रम दिन में दो बार प्रसारित किए जाएंगे। एक ज़माने में ये धार्मिक कार्यक्रम बेहद लोकप्रिय रहे। तुम अपनी दिनचर्यां में से उचित समय निकालकर इन कार्यंक्रमों को अवश्य देखना। तुम्हारा गोविन्द OR संदेश 26 मई, 2020 प्रातः 08:00 बजे प्रिय देशवासियों, बुद्धं शरणं गच्छामि। ​​​​​धर्मं शरणं गच्छामि। संघं शरणं गच्छामि। बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मैं सभी नागरिकों को और पूरे विश्व में बसे भगवान बुद्ध के अनुयायियों को शुभकामनाएँ देता हूँ। भगवान बुद्ध का संदेश हमें प्रेम, सत्य, करुणा और अहिंसा के साथ मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। यह पवित्र त्योहार हमें भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने और हमारे बीच सद्भाव की भावना को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है। राष्ट्रपति अंकित : आओ सचिन, बैठो। कहो कैसे आना हुआ? सचिन : आज छुट्टी थी, इसलिए तुमसे मिलने चला आया। तुमने कल शहर में हुई वारदात के बारे में सुना है? अंकित : मैंने तो नहीं सुना? क्या हुआ? सचिन : कल सेठ दीनदयाल के इकलौते पुत्र का अपहरण कर लिया गया था। शहर भर में इसकी ही चर्चा चल रही है। अंकित : यह तो बहुत बुरा हुआ। सेठ दीनदयाल बड़े नेक इंसान हैं, उनसे किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है। सचिन : अपराधी भले-बुरे में अंतर नहीं करते, उन्हें तो बस धन से मतलब है। सुना है, वे लोग दस लाख की फिरौती माँग रहे हैं। OR माँ - साक्षी, इधर बैठकर चित्र बनाना सीखो। तुमने इस लड़की की आँखें ठीक नहीं बनाईं। साक्षी - पुस्तक में तो इसी तरह बनी हुई हैं। माँ - ध्यान से देखो तो तुम्हें पता चल जाएगा। चित्र बनाकर रंग भी ठीक से भरना। साक्षी - मम्मी! आप चिंता न करें। मैं ड्राइंग की इस पुस्तक जैसा चित्र बनाऊँगी। माँ - मेरी इच्छा है कि बड़ी होकर तुम बहुत अच्छी चित्रकार बनो। साक्षी - मम्मी, हमारे पवन सर बहुत बड़े चित्रकार हैं। उनके चित्रों की प्रदर्शनियाँ मुंबई और नई दिल्ली तक में लगे चुकी हैं। वे कहते हैं कि मैं बहुत अच्छी चित्रकार बनूँगी। माँ - शाबाश साक्षी ! मुझे तुमसे ऐसी ही आशा है। जल जीवन का पूरक है। जो ना समझे, मूरख है।  जब तक जल है, जीवन है। जल, जीवन का उपवन है।  OR शिक्षा ऐसी सीढ़ी है, जिससे चलती पीढ़ी है। सर्व शिक्षा का है कहना, पढ़ने जायें भाई बहना।
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Satyaprakash Mishra 4 years, 6 months ago

Hama yaha sik milati ha Pakistan hamara ha मुस्लिम जात ko nikal kar fake dho Pakistan ko hatiya lo

Pranali Shah 4 years, 6 months ago

thanks

Yashveer Singh 4 years, 6 months ago

Hindu aur Muslim ko ek Prerna deti hai ki ham Bhai Bhai Hain
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