No products in the cart.

Ask questions which are clear, concise and easy to understand.

Ask Question
  • 2 answers

Kashish Chauhan 3 years, 11 months ago

Ye nhi pathetar sakriyata ka

Tanisha Saini 3 years, 11 months ago

Bachpan me Salim ali ki airgun se Nile ( blue) kandh ki ek Sundar goraiya Ghayal hokar ghir gai . Uski halat dekhkar unka hridya dravit ho Gaya . Is ghatana be unka jivan ki Disha hi Badal di. Ve birds ( pashiyo) ki ghoj me jut Gaye
  • 5 answers

Chaitali 1612 3 years, 11 months ago

Hi

Tanisha Saini 3 years, 11 months ago

Hi

Md Sonu 3 years, 11 months ago

Hi

Anushka Parihar 3 years, 11 months ago

What are you doing

Anushka Parihar 3 years, 11 months ago

Hi
  • 0 answers
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

सेवा में,

जिला अधिकारी,

हमीरपुर ।  

विषय: जिला अधिकारी को पेड़ पौधे की अनियंत्रित कटाई के लिए शिकायत पत्र |

महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मेरा नाम अजय कुमार है | मैं सी.पी.आर.आई कॉलोनी क्न्लोग हमीरपुर में रहता हूँ| मैं आपको इस शिकायत पत्र के माध्यम से बताना चाहता हूँ , हमारे घर  के  पास पार्क है वहाँ कुछ लोग बहुत पेड़ काट रहे है और उन्हें मना करने पर भी मान नहीं रहे | रोज़ सुबह-शाम यही  काम लगा रहता है | यह लोग यहाँ पर पार्क को हटा कर होटल बनाना चाहते है | जिसके कारण हमें बहुत परेशानी हो रही है , हम लोग बहार ताज़ी हवा नहीं ले पा रहे है | बच्चे खेलते है शाम को जिसके कारण सब को परेशानी हो रही है | आपसे निवेदन है कि इनको रोकने के लिए आप कोई कदम ले ताकी यह लोग पेड़ पौधे को नहीं काटे और ना ही नुकसान पहुंचाए |  आशा करते आप हमारी बातों पर ध्यान देंगे |  आपकी महान कृपया होगी |

                                                    धन्यवाद |

भवदीय  

अजय कुमार  

सी.पी.आर.आई कॉलोनी क्न्लोग हमीरपुर  |

  • 3 answers

Muskan Mishra 3 years, 11 months ago

Garam masala

Harshita Gupta 3 years, 11 months ago

गरम मसाला

Garima Agrawal 3 years, 11 months ago

Garam masala
  • 3 answers

Akshat Holland Minettee 3 years, 11 months ago

Gyan ki tulna hati se ki gayi hai kuki gyanwan sada shaktishali hota hai aur use kisi se bhi darne ya ghabarane ki avyakshata nahi hoti.

Harshita Gupta 3 years, 11 months ago

Par ke bad me hathi hai or date ki jagah date hai

Harshita Gupta 3 years, 11 months ago

Hathi se ki hai kyunki jab ham par chadhte hai toh dulicha date hai ease hi jab ham gyan ki bare me padhte hai तब हम अहंकार को त्याग देते है।
  • 2 answers

Vivek Soni 3 years, 9 months ago

Sri Krishna ke rip ko

Yogita Ingle 3 years, 11 months ago

सखी ने गोपी से कृष्ण का रूप धारण करने का आग्रह किया था। वे चाहती हैं कि गोपी मोर मुकुट पहनकर, गले में माला डालकर, पीले वस्त्र धारण कर और हाथ में लाठी लेकर पूरे दिन गायों और ग्वालों के साथ घूमने को तैयार हो जाये। इससे सखियों को हर समय कृष्ण के रूप के दर्शन होते रहेंगे।

  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

लेखक उस स्त्री के रोने का कारण इसलिए नहीं जान पाया क्योंकि उसकी पोशाक रूकावट बन गई। जब उसने उस खरबूज़े बेचने वाली स्त्री को घुटनों पर सिर रखकर रोते देखा और बाजार में खड़े लोगों का उस स्त्री के संबंध में बातें करते देखा तो लेखक का मन दुखी हो उठा। कारण जानना चाहते हुए भी वह ऐसा नहीं कर पाया। यद्यपि व्यक्ति का मन दूसरों के दुःख में दुःखी होता है परन्तु पोशाक परिस्थितिवश उसे झुकने नहीं देती।

  • 1 answers

Garima Agrawal 3 years, 11 months ago

लेखिका की नानी मृत्यु के काफी निकट थीं इसीलिए उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेंट की और अपनी बेटी की शादी किसी क्रांतिकारी से करवाने की इच्छा प्रकट की न कि किसी अंग्रेजों के भक्त से । क्योंकि वह जानती थी कि उनके विलायती पति उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी की शादी कीसी अंग्रेजों के भक्त से कर देंगे । इससे पता चलता है कि उनमे देश की स्वतंत्रता की पवित्र एवं सच्ची भावना थी ।
  • 3 answers

Oti Pullom 3 years, 11 months ago

महादेवी वर्मा

Ashutosh Singh Chauhan 3 years, 11 months ago

महादेवी वर्मा

Pratheeksha Naik 3 years, 11 months ago

महादेवी वर्मा
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

श्रृंगार, नीति और भक्ति

रहीम के काव्य का मुख्य विषय श्रृंगार, नीति और भक्ति है। रहीम बहुत लोकप्रिय कवि थे। इनके दोहे सर्वसाधारण को आसानी से याद हो जाते हैं। इनके नीतिपरक दोहे ज्यादा प्रचलित है, जिनमें दैनिक जीवन के दृष्टांत देकर कवि ने उन्हें सहज, सरल और बोधगम्य बना दिया है। रहीम को अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं पर समान अधिकार था। इन्होंने अपने काव्य में प्रभावपूर्ण भाषा का प्रयोग किया है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

<nav id="breadcrumb"><a href="https://www.studyrankers.com/">Home</a><a href="https://www.studyrankers.com/search/label/Class9Kshitiz-notes">Class9Kshitiz-notes</a></nav>

वाख - पठन सामग्री तथा व्याख्या NCERT Class 9th Hindi

<time datetime="2015-04-07T22:18:00-07:00" title="2015-04-07T22:18:00-07:00"> 08 Apr, 2015</time>

<center> </center>

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और व्याख्या - वाख क्षितिज भाग - 1

(1)

रस्सी कच्चे धागे की खींच रही मैं नाव
जाने कब सुन मेरी पुकार,करें देव भवसागर पार,
पानी टपके कच्चे सकोरे ,व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे,
जी में उठती रह-रह हूक,घर जाने की चाह है घेरे।

 

व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री ने नाव की तुलना अपने जिंदगी से करते हुए कहा है की वे इसे कच्ची डोरी यानी साँसों द्वारा चला रही हैं। वह इस इंतज़ार में अपनी जिंदगी काट रहीं हैं की कभी प्रभु उनकी पुकार सुन उन्हें इस जिंदगी से पार करेंगे। उन्होंने अपने शरीर की तुलना मिट्टी के कच्चे ढांचे से करते हुए कहा की उसे नित्य पानी टपक रहा है यानी प्रत्येक दिन उनकी उम्र काम होती जा रही है। उनके प्रभु-मिलन के लिए किये गए सारे प्रयास व्यर्थ होते जा रहे हैं, उनकी मिलने की व्याकुलता बढ़ती जा रही है। असफलता प्राप्त होने से उनको गिलानी हो रही है, उन्हें प्रभु की शरण में जाने की चाहत घेरे हुई है।

 

(2)

खा खा कर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अहंकारी,
सम खा तभी होगा समभावी,
खुलेगी साँकल बन्द द्वार की।

व्याख्या - इन पंक्तियों में कवियत्री ने जीवन में संतुलनता की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा है की केवल भोग-उपभोग में लिप्त रहने से कुछ किसी को कुछ हासिल नही होगा, वह दिन-प्रतिदिन स्वार्थी बनता जाएगा। जिस दिन उसने स्वार्थ का त्याग कर त्यागी बन गया तो वह अहंकारी बन जाएगा जिस कारण उसका विनाश हो जाएगा। अगले पंक्तियों में कवियत्री ने संतुलन पे जोर डालते हुए कहा है की न तो व्यक्ति को ज्यादा भोग करना चाहिए ना ही त्याग, दोनों को बराबर मात्रा में रखना चाहिए जिससे समभाव उत्पन्न होगा। इस कारण हमारे हृदय में उदारता आएगी और हम अपने-पराये से उठकर अपने हृदय का द्वार समस्त संसार के लिए खोलेंगे।
 

(3)

आई सीधी राह से ,गई न सीधी राह,
सुषुम सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह।
ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई
माँझी को दूँ क्या उतराई ।

व्याख्या - इन पंक्तियों में कवियत्री ने अपने पश्चाताप को उजागर किया है। अपने द्वारा पमात्मा से मिलान के लिए सामान्य भक्ति मार्ग को ना अपनाकर  हठयोग का सहारा लिया। अर्थात् उसने भक्ति रुपी सीढ़ी को ना चढ़कर कुण्डलिनी योग को जागृत कर परमात्मा और अपने बीच सीधे तौर पर सेतु बनाना चाहती थी । परन्तु वह अपने इस प्रयास में लगातार असफल होती रही और साथ में आयु भी बढती गयी । जब उसे अपनी गलती का अहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसकी जीवन की संध्या नजदीक आ गयी थी अर्थात् उसकी मृत्यु करीब थी । जब उसने अपने जिंदगी का लेख जोखा कि तो पाया कि वह बहुत दरिद्र है और उसने अपने जीवन में कुछ सफलता नहीं पाया या कोई पुण्य कर्म नहीं किया और अब उसके पास कुछ करने का समय भी नहीं है । अब तो उसे परमात्मा से मिलान हेतु भक्ति भवसागर के पार ही जाना होगा । पार पाने के लिए परमात्मा जब उससे पार उतराई के रूप में उसके पुण्य कर्म मांगेगे तो वह ईश्वर को क्या मुँह दिखाएगी और उन्हें क्या देगी क्योंकि उसने तो अपनी पूरी जिंदगी ही हठयोग में बिता दिया । उसने अपनी जिंदगी में ना कोई पुण्य कर्म कमाया  और ना ही कोई उदारता दिखाई । अब कवियित्री अपने इस अवस्था पर पूर्ण पछतावा हो रहा है पर इससे अब कोई मोल नहीं क्योकि जो समय एक बार चला जाता है वो वापिस नहीं आता । अब पछतावा के अलावा वह कुछ नहीं कर सकती।

 

(4)

थल थल में बसता है शिव ही

भेद न कर क्या हिन्दू मुसलमाँ,
ज्ञानी है तो स्वयं को जान,
यही है साहिब से पहचान ।

 

व्याख्या - इन पंक्तियों में कवियत्री ने बताया है की ईश्वर कण-कण में व्याप्त है, वह सबके हृदय के अंदर मौजूद है। इसलिए हमें किसी व्यक्ति से हिन्दू-मुसलमान जानकार भेदभाव नही करना चाहिए। अगर कोई ज्ञानी तो उसे स्वंय के अंदर झांककर अपने आप को जानना चाहिए, यही ईश्वर से मिलने का एकमात्र साधन है।

 

कवि परिचय


ललद्यद

कश्मीरी भाषा की लोकप्रिय संत - कवियत्री ललद्यद का जन्म सन 1320 के लगभग कश्मीर स्थित पाम्पोर के सिमपुरा गाँव में हुआ था। उनके प्रारंभिक जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद नही है। इनका देहांत सन 1391 में हुआ। इनकी काव्य शैली को वाख कहा जाता है।

कठिन शब्दों का अर्थ

• वाख - चार पंक्तियों में लिखी गयी कश्मीरी शैली की एक गाए जाने वाली रचना है।
• कच्चे सकोरे - स्वाभाविक रूप से कमजोर
• रस्सी कच्चे धागे की - कमजोर और नाशवान सहारे
• सम - अंतः करण तथा बाह्य इन्द्रियों का निग्रह
• समभावी - समानता की भावना।
• सुषुम-सेतु - सुषम्ना नाड़ी रूपी पुल
• जेब टटोली - आत्मलोचन किया।
• कौड़ी न पाई - कुछ प्राप्त नही हुआ
• माझी - नाविक
• उतराई - सद्कर्म रूपी मेहनताना।
• थल-थल - सर्वत्र
• शिव - ईश्वर
• साहिब - स्वामी

  • 2 answers

Pritam Biswas 3 years, 11 months ago

Thanks

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

जाबिर हुसैन का जन्म सन् १९४५ में गाँव नौनहीं राजगिर, जिला नालंदा, बिहार में हुआ। वह अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के प्राध्यापक रहे। सक्रिय राजनीति में भाग लेते हुए १९७७ में मुंगेर से बिहार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और मंत्री बने। वर्ष १९९५ से बिहार विधान परिषद के सभापति थे। जाबिर हुसैन हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेजी (तीनों भाषाओं में समान अधिकार के साथ लेखन करते रहे हैं। उनकी हिंदी रचनाओं में- डोला बीबी का मजार, अतीत का चेहरा, लोगां, एक नदी रेत भरी प्रमुख हैं। अपने लंबे राजनैतिक-सामाजिक जीवन के अनुभवों में उपस्थित आम आदमी के संघर्षों को उन्होंने अपने साहित्य में प्रकट किया है। संघर्षरत आम आदमी और विशिष्ट व्यक्तित्वों पर लिखी गई उनकी डायरियाँ चर्चित-प्रशंसित हुई हैं। जाबिर हुसैन ने डायरी विधा में एक अभिनव प्रयोग किया है जो अपनी प्रस्तुति, शैली और शिल्प में नवीन है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ।

  • 0 answers
  • 1 answers

Alka Yadav 3 years, 11 months ago

दो या दो से ज्यादा words के सार्थक समूह को वाक्य कहते है
  • 2 answers

9D Tamanna Gupta 3 years, 11 months ago

Teen ghodiya

Garima Agrawal 3 years, 11 months ago

सबसे पहले तीन घोड़ियाँ बाहर गई
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

 कांजीहौस में क़ैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?


उत्तर

कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी इसलिए ली जाती होगी ताकि कैद पशुओं की संख्या का पता चल सके और पता लगाया जा सके की उनमें से कोई भाग या मर तो नहीं गया है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

मनुष्य हर स्थिति से निपटने के लिए अपना अनुमान लगाता है। वह अपने अनुसार भविष्य के लिए योजनाएँ बनाता है पर ये योजनाएँ हर बार सफल नहीं हो पातीं। ये कई बार झूठी सिद्ध होती हैं। कई बार तो स्थिति बिलकुल उल्टी होती है। जिस प्रकार लेखक के साथ बचपन में घटित हुआ। मक्खनपुर जाते समय जब लेखक की चिट्‌ठियाँ गिर गयीं। उस समय की स्थिति का लेखक ने अनुमान नहीं लगाया था। कुएँ में उतरकर चिट्‌ठियों को लाना-साहस का काम था लेखक धोती के सहारे कुएँ में उतरा था। सामने साँप फन फैलाए बैठा था। धोती पर लटककर साँप को मारना बिलकुल असंभव था। वहाँ डंडा चलाने की भी जगह नहीं थी। लेखक ने डंडे से चिट्‌ठियों को खिसकाने का प्रयास किया तो साँप ने डंडे से चिपककर आसन बदल लिया और लेखक चिट्‌ठियाँ उठाने में सफल हुआ। लेखक इन सब बातों के लिए पहले से पूरी तरह से तैयार नहीं था। लेकिन स्थिति के साथ वह अपनी योजना में परिवर्तन करता गया। इस प्रकार मनुष्य की कल्पना और वास्तविकता में बहुत अंतर होता है। यह बात इस घटना से सिद्ध हो जाती है।

  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

  1. बाल मस्तिष्क हर समय सूझ-बूझ से कार्य करने में सक्षम नहीं होता। बच्चे शरारतों का ध्यान आते ही अपने चंचल मन को रोक नहीं पाते। खतरे उठाने, जोखिम लेने, साहस का प्रदर्शन करने में उन्हें आनन्द आता है वे अपनी जान को खतरे में डालने से भी नहीं चूकते। लेकिन बच्चों का हृदय बहुत कोमल होता है। बच्चे मार व डाँट से बहुत डरते हैं। जिस तरह लेखक बड़े भाई की डाँट व मार के डर से तथा चिट्ठियों को समय पर पहुँचाने की जिम्मेदारी की भावना के कारण जहरीले साँप तक से भिड़ गयी। बच्चे अधिकतर ईमानदार होते हैं वे बड़ों की भाँति न होकर छल व कपट से दूर होते हैं। मुसीबत के समय बच्चों को सबसे अधिक अपनी माँ की याद आती है। माँ के आँचल में वे स्वयं को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
  • 1 answers

Gaurav Seth 3 years, 11 months ago

Message Writing

 Sandesh Lekhan ,

संदेश लेखन

संदेश क्या होते हैं ?

सन्देश शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से मानी गई है। जिसका अर्थ है खबर या समाचार प्राप्त करना। जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश किसी दूसरे व्यक्ति से सीधे बात नहीं कर सकता है।तब वह कोई जानकारी या समाचार या खबर , संदेश के जरिये दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। संदेश किसी व्यक्ति विशेष या किसी समूह द्वारा किसी व्यक्ति विशेष या समूहों को दिए जा सकते हैं।

ये संदेश लिखित या मौखिक दोनों हो सकते हैं। संदेश सुखद और दुखद दोनों तरह के होते है।कोई भी संदेश व्यक्तिगत व सामूहिक हो सकता है। संदेश भूतकाल , वर्तमान काल व भविष्य काल में लिखे जा सकते हैं। 

संदेश लिखने के कारण 

संदेश लिखने के कई कारण हो सकते हैं। संदेश औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह के हो सकते हैं। अनौपचारिक संदेश या व्यक्तिगत संदेश किसी अपने करीबी को कोई संदेश / सूचना देने के लिए लिखा जाता है। अनौपचारिक संदेश अपने परिजनों , मित्रगणों , रिश्तेदारों या घर के सदस्यों को लिखे जाते हैं।

औपचारिक संदेश किसी अधिकारी या किसी ऑफिस के किसी कर्मचारी या आम जनमानस के लिए सार्वजनिक रूप से लिखे जा सकते हैं। अगर संदेश किसी नेता या अभिनेता दारा दिया जाता है तो यह आम लोगों को प्रभावित करने के उद्देश्य से लिखा जाता है। यह सार्वजनिक संदेश हैं।  

  • 2 answers

9D Tamanna Gupta 3 years, 11 months ago

Kavi yaha angrezo ki tulna andhkar se kar rhe hai Unhe samaj nhi aa rha hai ki angrezo ki kartoot jyada prabhavi hai ya andhkar

Payal Jangir 3 years, 11 months ago

Iske dvara kve english kingdam ko kala or tanasahi shasn kh rhe h

myCBSEguide App

myCBSEguide

Trusted by 1 Crore+ Students

Test Generator

Test Generator

Create papers online. It's FREE.

CUET Mock Tests

CUET Mock Tests

75,000+ questions to practice only on myCBSEguide app

Download myCBSEguide App