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Garima Ahuja 3 years, 6 months ago

Well done ? ananya

Ananya ..... 3 years, 6 months ago

9 हिंदी कृतिका माटी वाली विद्यासागर नौटियाल NCERT Solution Question 1: ‘शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं।‘ आपकी समझ से वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे? उत्तर: शहर के हर निवासी को लाल मिट्टी की जरूरत प्रतिदिन होती थी। माटी वाली इकलौती महिला थी जो शहर के हर घर में लाल मिट्टी पहुँचाया करती थी। उस धंधे पर उसका एकाधिकार था। वह नियमित रूप से उस शहर के हर घर में जाया करती थी। इसलिए ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे। Question 2: माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था? उत्तर: माटी वाली तड़के सुबह से अंधेरा होने तक काम करती थी। उसके काम में जी तोड़ मेहनत लगती थी। वापस घर पहुँचते पहुँचते रात हो जाती थी। इन सबके बीच उसे इतना समय ही नहीं मिलता था कि वह अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोच पाये। Question 3: ‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है? उत्तर: कहते हैं कि जब भूख लगती है तो सूखी रोटी भी मीठी लगती है। जब पेट भरा हुआ हो तो सामने चमचम और गुलाब जामुन भी रख दिया जाये तो उसे खाने का दिल नहीं करेगा। खाने का असली स्वाद तभी आता है जब जोरों की भूख लगी हो। Question 4: ‘पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीजों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।‘ – मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए। उत्तर: विरासत में जो चीजें हमें मिलती हैं वे हमारे पुरखों की वर्षों की कमाई का नतीजा होती हैं। विरासत में केवल भौतिक संपत्ति ही नहीं मिलती बल्कि पुरखों की कमाई हुई इज्जत भी मिलती है। इसलिए हमेशा विरासत में मिली हुई चीजों की इज्जत करनी चाहिए। उन्हें सरेआम औने पौने दामों में नीलाम नहीं करना चाहिए। Question 5: माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है? उत्तर: माटी वाली किसी तरह से बस इतना ही कमा पाती है जिसमें उसके और उसके बूढ़े और लाचार पति का गुजारा हो सके। इसलिए वह हर संसाधन का समुचित इस्तेमाल करना जानती है। उसके पात इतने पैसे नहीं होते हैं कि घर में ठीक से भोजन भी पका सके। उसकी गरीबी उसे इस बात के लिए मजबूर करती है कि वह एक एक रोटी का हिसाब रखे। Question 6: आज माटी वाली बुड्ढ़े को कोरी रोटियाँ नहीं देगी – इस कथन के आधार पर माटी वाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: माटी वाली को अपने लाचार पति के प्रति दया भी आती है और प्रेम भी। उस दिन माटी वाली के पास इतने पैसे हैं कि वह कुछ प्याज खरीदकर अपने पति के लिए प्याज की भाजी भी परोस सकेगी। इससे पता चलता है कि वह अपने पति के चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखने के लिए कितनी व्याकुल है। Question 7: ‘गरीब आदमी का शमशान नहीं उजड़ना चाहिए।‘ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। उत्तर: गरीब आदमी की जिंदगी हमेशा कगार पर होती है। एक हल्का झटका भी लगा तो जिंदगी तार तार हो जाती है। जिनके पास धन संपत्ति होती है वे किसी तरह से हिम्मत जुटा कर जिंदगी को फिर से रास्ते पर ले आते हैं। लेकिन ऐसे में गरीब आदमी अंदर तक टूट जाता है। शमशान वह आखिरी पड़ाव होता है जहाँ हर किसी को जाना है। टिहरी बाँध के प्रभाव में तो इस कहानी में शमशान भी बह चुके हैं। माटी वाली का सब कुछ तबाह हो जाता है और उसे अपना अंत भी भयावह दिखता है। इसलिए वह शमशान के नहीं उजड़ने की बात करती है। Question 8: ‘विस्थापन की समस्या’ पर एक अनुच्छेद लिखिए। उत्तर: जब भी विकास के नाम पर कोई बड़ी परियोजना बनती है तो इससे कई लोगों का विस्थापन होता है। विशाल बाँध परियोजना या सड़क परियोजना के निर्माण के प्रभाव में सैंकड़ों गाँव और हजारों लोग आ जाते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर मुआवजे के नाम पर रुपए पैसे दिये जाते हैं और कई बार किसी अन्य स्थान पर जमीन भी दी जाती है। कहना बहुत आसान है लेकिन विस्थापन के बाद जिंदगी को फिर से नये सिरे से शुरु करना बहुत ही मुश्किल काम होता है। इसमें बहुत ही कम लोग होते हैं जो आगे की जिंदगी में सफल हो पाते हैं। अधिकतर लोग इस प्रक्रिया में टूट जाते हैं; खासकर से वैसे लोग जो निर्धन होते हैं। विकास से देश का जबरदस्त लाभ होता है लेकिन जिन लोगों की जिंदगी को छीनकर विकास किया जाता है वे हाशिये पर चले जाते हैं। माटी वाली वैसे ही लोगों में से है।

Janvi Verma 3 years, 6 months ago

What?
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Rishi Raj 3 years, 6 months ago

हरिशंकर परसाई

Nitya Gupta 3 years, 6 months ago

Harishankar parsai

Rashi Jain 3 years, 6 months ago

Harishankar Parsahi

Divya Kumari 3 years, 6 months ago

(हरिशंकर परसाई )
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Rishi Raj 3 years, 6 months ago

Salim Moizuddin Abdul Ali
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Ranjeet Kumar Pandit?? 3 years, 6 months ago

Apyas,apar

Akriti Sharma 3 years, 6 months ago

Apmaan, apshabd
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Khushi _ 3 years, 6 months ago

kyunki wah.bhot budhi ho chuki thi or uske ghar m khaana pina ya phir paise bhi ghar ghar m miti dena par aat tha
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Ananya ..... 3 years, 6 months ago

NCERT Solutions (6-12) NCERT Solutions (1-5) Online Tution Blog Videos Type Here All Rights Reserved NCERT Solutions Type Here NCERT Solutions (6-12) NCERT Solutions (1-5) Online Tution Blog Videos HOME NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 6 – प्रेमचंद के फटे जूते Home Class 9 Hindi Chapter 6 – प्रेमचंद के फटे जूते Page No 65: Question 7: प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए। Answer: महावीर प्रसाद द्विवेदी एक प्रसिद्ध रचनाकार हैं। जीवन भर इन्होंने सरस्वती की उपासना की। इसी कारण लक्ष्मी इनसे रुठी रही। अरे भाई ! अगर थोड़ी सी पूजा लक्ष्मी जी की भी कर देते तो क्या सरस्वती रुष्ट हो जाती। आपके अन्य मित्रों ने तो सफलता की सीढ़ी पार कर ली परन्तु इस दौर में आप थोड़े पीछे रह गए। अगर थोड़ा मन लगाकर चलते तो अकेले नहीं रह जाते। Question 8: आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है? Answer: पहले वेश-भूषा का प्रयोग शरीर ढ़कने के उद्देश्य से किया जाता था। परिवर्तन समाज का नियम है। इसलिए समय के बदलते रूप ने वेश-भूषा की परिभाषा को बदल दिया है। आज की स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग फैशन के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं और समय के परिवर्तन के साथ अगर कोई स्वयं को न बदले तो समाज में उसकी प्रतिष्ठा नहीं बनती। स्वयं को समाज में प्रतिष्ठित करने के लिए लोग अपनी आर्थिक क्षमता से बाहर जाकर वेश-भूषा का चुनाव करते हैं। आज वेश-भूषा केवल व्यक्ति की ज़रुरत न होकर उसके व्यक्तित्व का एक अभिन्न अंग बन चुका है। Question 1: हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं? Answer: प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताएँ - (1) प्रेमचंद का व्यक्तित्व बहुत ही सीधा-सादा था, उनके व्यक्तित्व में दिखावा नहीं था। (2) प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे। किसी और की वस्तु माँगना उनके व्यक्तित्व के खिलाफ़ था। (3) इन्हें समझौता करना मंजूर नहीं था। (4) ये परिस्थितियों के गुलाम नहीं थे। किसी भी परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना इनके व्यक्तित्व की विशेषता थी। Question 2: सही कथन के सामने(✓) का निशान लगाइए - (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। (घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ अँगूठे से इशारा करते हो? Answer: (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। (✗) (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✓) (ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। (✗) (घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ अँगूठे से इशारा करते हो? (✗) Question 3: नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए - (क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। (ख) तुम परदे का महत्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं। (ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो? Answer: (क) यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज़्जत का महत्व सम्पत्ति से अधिक है। परन्तु आज की परिस्थिति में इज़्जत को समाज के समृद्ध एवं प्रतिष्ठित लोगों के सामने झुकना पड़ता है। (ख) यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है। (ग) प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को इस लायक नहीं समझते थे कि उनके लिए अपने हाथ का प्रयोग करके हाथ के महत्व को कम करें बल्कि ऐसे गलत व्यक्ति या वस्तु को पैर से सम्बोधित करना ही उसके महत्व के अनुसार उचित है। Question 4: पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं? Answer: पहले लेखक प्रेमचंद के साधारण व्यक्तित्व को परिभाषित करना चाहते हैं कि ख़ास समय में ये इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे। परन्तु फिर बाद में लेखक को ऐसा लगता है कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिल्कुल अलग है क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं। Question 5: आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं? Answer: लेखक एक स्पष्ट वक्ता है। यहाँ बात को व्यंग के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताओं को व्यक्त करने के लिए जिन उदाहरणों का प्रयोग किया गया है, वे व्यंग को ओर भी आकर्षक बनाते हैं। कड़वी से कड़वी बातों को अत्यंत सरलता से व्यक्त किया है। यहाँ अप्रत्यक्ष रुप से समाज के दोषों पर व्यंग किया गया है। Question 6: पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन संदर्भों को इंगित करने के लिए किया गया होगा? Answer: पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग मार्ग की बाधा के रुप में किया गया है। प्रेमचंद ने अपनी लेखनी के द्वारा समाज की बुराईयों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया। ऐसा करने के लिए उन्हें बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। Page No 66: Question 9: पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए। Answer: (1) अँगुली का इशारा - (कुछ बताने की कोशिश) मैं तुम्हारी अँगुली का इशारा खूब समझता हूँ। (2) व्यंग्य-मुसकान - (मज़ाक उड़ाना) तुम अपनी व्यंग भरी मुस्कान से मेरी तरफ़ मत देखो। (3) बाजू से निकलना - (कठिनाईयों का सामना न करना) इस कठिन परिस्थिति में तुमने मेरा साथ छोड़कर बाजू से निकलना सही समझा। (4) रास्ते पर खड़ा होना - (बाधा पड़ना) तुम मेरी सफलता के रास्ते पर खड़े हो। Question 10: प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए। Answer: लेखक ने प्रेमचंद की विशेषताओं को प्रस्तुत करने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग किया है। वे इस प्रकार हैं - (1) महान कथाकार (2) उपन्यास-सम्राट (3) युग-प्रवर्तक Page No 65: Question 7: प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए। Answer: महावीर प्रसाद द्विवेदी एक प्रसिद्ध रचनाकार हैं। जीवन भर इन्होंने सरस्वती की उपासना की। इसी कारण लक्ष्मी इनसे रुठी रही। अरे भाई ! अगर थोड़ी सी पूजा लक्ष्मी जी की भी कर देते तो क्या सरस्वती रुष्ट हो जाती। आपके अन्य मित्रों ने तो सफलता की सीढ़ी पार कर ली परन्तु इस दौर में आप थोड़े पीछे रह गए। अगर थोड़ा मन लगाकर चलते तो अकेले नहीं रह जाते। Question 8: आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है? Answer: पहले वेश-भूषा का प्रयोग शरीर ढ़कने के उद्देश्य से किया जाता था। परिवर्तन समाज का नियम है। इसलिए समय के बदलते रूप ने वेश-भूषा की परिभाषा को बदल दिया है। आज की स्थिति ऐसी हो गई है कि लोग फैशन के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं और समय के परिवर्तन के साथ अगर कोई स्वयं को न बदले तो समाज में उसकी प्रतिष्ठा नहीं बनती। स्वयं को समाज में प्रतिष्ठित करने के लिए लोग अपनी आर्थिक क्षमता से बाहर जाकर वेश-भूषा का चुनाव करते हैं। आज वेश-भूषा केवल व्यक्ति की ज़रुरत न होकर उसके व्यक्तित्व का एक अभिन्न अंग बन चुका है। Question 1: हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं? Answer: प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताएँ - (1) प्रेमचंद का व्यक्तित्व बहुत ही सीधा-सादा था, उनके व्यक्तित्व में दिखावा नहीं था। (2) प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे। किसी और की वस्तु माँगना उनके व्यक्तित्व के खिलाफ़ था। (3) इन्हें समझौता करना मंजूर नहीं था। (4) ये परिस्थितियों के गुलाम नहीं थे। किसी भी परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना इनके व्यक्तित्व की विशेषता थी। Question 2: सही कथन के सामने(✓) का निशान लगाइए - (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। (घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ अँगूठे से इशारा करते हो? Answer: (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है। (✗) (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✓) (ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। (✗) (घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ अँगूठे से इशारा करते हो? (✗) Question 3: नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए - (क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। (ख) तुम परदे का महत्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं। (ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो? Answer: (क) यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज़्जत का महत्व सम्पत्ति से अधिक है। परन्तु आज की परिस्थिति में इज़्जत को समाज के समृद्ध एवं प्रतिष्ठित लोगों के सामने झुकना पड़ता है। (ख) यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है। (ग) प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को इस लायक नहीं समझते थे कि उनके लिए अपने हाथ का प्रयोग करके हाथ के महत्व को कम करें बल्कि ऐसे गलत व्यक्ति या वस्तु को पैर से सम्बोधित करना ही उसके महत्व के अनुसार उचित है। Question 4: पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं? Answer: पहले लेखक प्रेमचंद के साधारण व्यक्तित्व को परिभाषित करना चाहते हैं कि ख़ास समय में ये इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे। परन्तु फिर बाद में लेखक को ऐसा लगता है कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिल्कुल अलग है क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं। Question 5: आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं? Answer: लेखक एक स्पष्ट वक्ता है। यहाँ बात को व्यंग के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताओं को व्यक्त करने के लिए जिन उदाहरणों का प्रयोग किया गया है, वे व्यंग को ओर भी आकर्षक बनाते हैं। कड़वी से कड़वी बातों को अत्यंत सरलता से व्यक्त किया है। यहाँ अप्रत्यक्ष रुप से समाज के दोषों पर व्यंग किया गया है। Question 6: पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन संदर्भों को इंगित करने के लिए किया गया होगा? Answer: पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग मार्ग की बाधा के रुप में किया गया है। प्रेमचंद ने अपनी लेखनी के द्वारा समाज की बुराईयों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया। ऐसा करने के लिए उन्हें बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। Page No 66: Question 9: पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए। Answer: (1) अँगुली का इशारा - (कुछ बताने की कोशिश) मैं तुम्हारी अँगुली का इशारा खूब समझता हूँ। (2) व्यंग्य-मुसकान - (मज़ाक उड़ाना) तुम अपनी व्यंग भरी मुस्कान से मेरी तरफ़ मत देखो। (3) बाजू से निकलना - (कठिनाईयों का सामना न करना) इस कठिन परिस्थिति में तुमने मेरा साथ छोड़कर बाजू से निकलना सही समझा। (4) रास्ते पर खड़ा होना - (बाधा पड़ना) तुम मेरी सफलता के रास्ते पर खड़े हो। Question 10: प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए। Answer: लेखक ने प्रेमचंद की विशेषताओं को प्रस्तुत करने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग किया है। वे इस प्रकार हैं - (1) महान कथाकार (2) उपन्यास-सम्राट (3) युग-प्रवर्तक NCERT Solutions for Class 9 Social Science Chapters कृतिका Chapter 1 - इस जल प्रलय में Chapter 2 - मेरे संग की औरतें Chapter 3 - रीढ़ की हड्डी Chapter 4 - माटी वाली Chapter 5 - किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया क्षितिज Chapter 1 - दो बैलों की कथा Chapter 2 - ल्हासा की ओर Chapter 3 - उपभोक्तावाद की संस्कृति

Arpit Arpit 3 years, 7 months ago

H
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Govind Kumar Govind Kumar 3 years, 6 months ago

Gillu

Jyoti Singh 3 years, 7 months ago

Gillu.

Sani Choudhary 3 years, 7 months ago

Ch 1
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Digvijay Singh ?? 3 years, 7 months ago

Bhero

Md Shadik Raza 3 years, 7 months ago

Bherav Singh.

Megha $H@®M@ 3 years, 7 months ago

Bhero Singh
खंड – क (अपठित गद्यांश) निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। महँगाई या मूल्य वृद्धि से आज समस्त विश्व त्रस्त है। भारत बढ़ती महँगाई की चपेट में बुरी तरह से जकड़ा हुआ है। जीवनोपयोगी वस्तुओं के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे जन साधारण को अत्यन्त कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। महँगाई से देश के आर्थिक ढाँचे पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। महँगाई के निर्मम चरण अनवरत रूप से अग्रसर हैं, पता नहीं वे कब, कहाँ रुकेंगे? आज कोई भी वस्तु बाज़ार में सस्ते दामों पर उपलब्ध नहीं है। समाज का प्रत्येक वर्ग महँगाई की मार को अनाहूत अतिथि की तरह सहन कर रहा है, इसका सर्वग्राही प्रभाव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र पर पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं पर अत्यधिक खर्च हो रहा है। अपने स्वार्थ के लिए लोगों में धार्मिक, सामाजिक तथा नैतिक मान्यताएँ पीछे छूट जाती हैं और भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाता है। अर्थशास्त्र की मान्यता है कि यदि किसी वस्तु की माँग उत्पादन से अधिक हो, तो मूल्यों में स्वाभाविक रूप से वृद्धि हो जाती है। विश्व की सबसे बड़ी समस्या क्या है? (2) महँगाई से देश की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? (2) स्वार्थ का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है? (2) अर्थशास्त्र की मान्यता क्या है? (2) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए। (1) माँग का विपरीत शब्द लिखिए। (1) खंड – ख (व्याकरण) पद बनने से पहले शब्द में रूप साधक प्रत्यय अवश्य लगते हैं इसलिए उन्हें ________ भी कहते हैं। शब्द रूप पद प्रत्यय शब्द प्रत्यय शब्द पद लड़का, किताब, घोड़ा, बच्चा आदि  _______ कहलाते हैं। शब्द रूप स्वतंत्र शब्द पद शब्द समूह निम्नलिखित वर्णों में अनुस्वार का मानक रूप कौन-सा  है ? सममान माँ स्वय स्वयं अनुनासिक के उच्चारण में ध्वनि कहां से निकलती है ? नाक मुंह मुंह और नाक तालु निम्नलिखित में से किस शब्द में प्रत्यय प्रयोग किया गया है ? निडर आजन्म बचपन भरपेट ‘कनिष्ठ’ शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय चुनिए। कनि+इष्ट कन+इष्ठ कनि+इष्ठ कन+इष्ट निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द हिंदी उपसर्ग की सहायता से नहीं बना है? सत्गुण अनपढ़ उनतीस भरपूर  निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता उपसर्ग और प्रत्यय के संबंध में सही नहीं है? दोनों का एक साथ प्रयोग नहीं हो सकता दोनों शब्दांश होते हैं दोनों का प्रयोग शब्द के अर्थ में परिवर्तन लाता है दोनों शब्दों के बिना प्रयोग में नहीं लाए जाते यह ______कवि जयशंकर प्रसाद जी द्वारा _____है । -रिक्त स्थानों में उचित श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द -युग्म का प्रयोग करें । कृति , कृत कृत, कीर्ति क्रीत, कृति क्रीत, कीर्ति श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द-युग्म- ‘प्रणय-परिणय’ का अर्थ है- दांपत्य प्रेम-विवाह विवाह – सन्तान उत्पत्ति प्रेम – छल प्रण करना- प्राणवान ‘आनंद’ शब्द का पर्यायवाची बताइए। प्रफुल्लता दनुज शाल अचल ‘दुःख’ शब्द का पर्यायवाची बताइए। शाल सुर हर्ष पीड़ा ‘भूषण’ शब्द का विलोम बताइए। कटु विभूषण शुष्क दूषण ‘गुरुत्व’ शब्द का विलोम बताइए। प्रभुत्व लघुत्व प्रतिकूल दासत्व वाक्य के किस प्रकार से नकारात्मकता का बोध होता है? संकेतवाचक वाक्य संदेहवाचक वाक्य संयुक्त वाक्य निषेधवाचक वाक्य संकेतवाचक वाक्य किस प्रकार के वाक्य होते हैं? संयुक्त वाक्य साधारण वाक्य मिश्र वाक्य वाक्य खंड – ग (पाठ्य पुस्तक) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: (6 अंक) दुःख का अधिकार पाठ में लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या-क्या उपाय किए? अच्छा अतिथि कौन कहलाता है? तुम कब जाओगे, अतिथि? पाठ के आधार पर लिखिए। धर्म की आड़ पाठ में लेखक क्या सन्देश देना चाहता है? यशपाल जी की कहानी दुःख का अधिकार में दुख मनाने का अधिकार सबको क्यों नहीं है? OR एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा पाठ के आधार पर बताइए मई की रात को कैंप तीन में क्या घटना घटी और एक अन्य साथी ने लेखिका की जान कैसे बचाई? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: (6 अंक) भाव स्पष्ट कीजिए- ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै रहीम ने सागर जल की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? रहीम के दोहे के आधार पर लिखिए। मन्दिर में सुखिया के पिता के साथ कौन-सी घटना हुई? एक फूल की चाह कविता के आधार पर लिखिए। प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता? रहीम के पद के आधार पर लिखिए। OR एक फूल की चाह कविता का केंद्रीय भावों अपने शब्दों में लिखिए। निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो के उत्तर दीजिये: (6 अंक) गिल्लू पाठ के आधार पर बताइए कि कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है? हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इंकार क्यों किया? दिए जल उठे पाठ में किस कारण से प्रेरित होकर स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया? खंड – घ (लेखन) अबला नहीं, सबला है नारी विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छेद लिखिए। OR पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छेद लिखिए। अपनी बुआ जी को पिताजी के स्वास्थ्य सुधार की सूचना देते हुए पत्र लिखिए। OR आपके विद्यालय में सफाई अभियान चलाया गया जिसमें आपने भी श्रमदान किया। आस-पास के क्षेत्रों की खूब सफाई की गई तथा लोगों को सफाई के महत्त्व के बारे में बताया गया। इन सभी गतिविधियों का वर्णन करते हुए अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखिए। दूरदर्शन द्वारा पुनः प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों को बताते हुए अपने प्रिय मित्र को संदेश लिखिए। OR राष्ट्र्पति द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर राष्ट्र को संदेश लिखिए। दो मित्रों के बीच समाज में बढ़ते अपराध के बारे में 50 शब्दों में संवाद रूप में लिखिए। OR पुत्री द्वारा बनाए गए चित्र को लेकर माँ-पुत्री में हुए संवाद को 50 शब्दों में लिखिए। जल संरक्षण विषय पर 20-30 से शब्दों में एक नारा लिखिए OR स्कूल चलो अभियान के विषय पर 20-30 से शब्दों में एक नारा लिखिए।
  • 4 answers

Sb King 3 years, 7 months ago

Btw I know some one of our school will give answer so I decided to do this

Sb King 3 years, 7 months ago

By exam was already completed

{Aryan Solanke} 3 years, 7 months ago

Hi shlok

{Aryan Solanke} 3 years, 7 months ago

Hi I am Aryan Solanke hi shook ur answer is in solution solve it

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