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Ask QuestionPosted by Foziya Saifi 4 years, 3 months ago
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Posted by Foziya Saifi 4 years, 3 months ago
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Posted by Foziya Saifi 4 years, 3 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
लेनिन
लेनिन की नयी आर्थिक नीति उसकी दूरदर्शिता का परिणाम थी जिसने रूस की स्थिर अर्थव्यवस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर कर दिया। नई आर्थिक नीति, 1921 ई. में लागू की गयी। इस नीति के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं-
- सरकारी फार्म स्थापित किए गए। इन फार्मों में कृषि संबंधी अनुसंधान कार्य (रिसर्च) तथा नये-नये प्रयोग किए जाने लगे।
- भूमि की चकबंदी की गयी। इन बड़े फार्मों पर किसानों को नये यंत्र तथा अच्छी खाद-बीज आदि देकर मदद की गयी।
- लोगों को वेतन नकद दिया जाने लगा।
- युद्ध के समय साम्यवाद के अन्तर्गत (1917-1921) उठाए गए सभी कदमों को वापस ले लिया गया।
- अनाज और माल का निजी क्षेत्र में व्यापार करने की अनुमति फिर दे दी गई।
- कुछ उद्योगों में निजी प्रबंध स्वामित्व की छूट दी गई।
- रूस में बहुत बड़ी संख्या में सहकारी संघ या समितियाँ स्थापित किए गए।
- अकाल पीड़ितों की राहत के लिए बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू किए गए।
Posted by Foziya Saifi 4 years, 3 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago
जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस के नए संविधान में दो चुनी हुई परिषदों का प्रावधान किया गया | ये परिषद् पाँच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका की नियुक्ति किया जिसे डिरेक्टरी या डिरेक्ट्री कहते है |
Posted by Akash Yadav 4 years, 3 months ago
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Posted by Himanshu Kumar 4 years, 3 months ago
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Posted by Priyanshu Sharma 4 years, 3 months ago
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Alok Gupta 4 years, 3 months ago
Posted by Ishan Sharma 4 years, 3 months ago
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Ishan Sharma 4 years, 3 months ago
Posted by Basant Singh Sandu 4 years, 3 months ago
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Posted by Ravi G From Sheopur 4 years, 3 months ago
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Posted by #Kavya Goenka 4 years, 3 months ago
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Posted by Deepa K 4 years, 3 months ago
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Posted by Pratik Kumar 4 years, 3 months ago
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Posted by Richa Panda 4 years, 3 months ago
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Taru Priya 4 years, 3 months ago
Posted by Ankur Meena 4 years, 4 months ago
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Hulash Dhruw 4 years, 4 months ago
Posted by Suresh Thakor Thakor 4 years, 4 months ago
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Hulash Dhruw 4 years, 4 months ago
Gaurav Seth 4 years, 4 months ago
Nations which larger than India in size are:
- Russia.
- Canada.
- China.
- USA (United States of America)
- Brazil.
- Australia.
Posted by Pawan Singh 4 years, 4 months ago
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Posted by Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 4 months ago
गंगा व यमुना के दक्षिण उभरता हुआ विशाल भूखंड भारत का प्रायद्वीपीय पठार कहलाता है। जिसका आकर मोटे तौर पर त्रिभुजाकार है। इसका आधार गंगा की घाटी है तथा शीर्ष सुदूर दक्षिण कन्याकुमारी में स्थित है। दक्कन का पठार एक लावा पठार का उदाहरण है।जो ज्वालामुखी उद्गार की अंतिम चरण में निःसृत लावा के फैलने से बना है। यह प्राचीन गोंडवाना प्लेट का हिस्सा जो कालांतर में अलग होकर वर्तमान रूप को प्राप्त किया है।
पश्चिमी घाट इसकी पश्चिमी सिमा,पूर्वी घाट इसकी पूर्वी सीमा तथा सतपुरा, मैकाल रेंज व महादेव की पहाड़ियां इसकी उत्तरी सीमा का निर्धारण करती है। पश्चिमी घाट को स्थानीय रूप में कई नामों से जाना जाता है, जैसे-महाराष्ट्र में सहाद्रि, कर्नाटक में नीलगिरि, तमिलनाडु में अन्नामलाई व केरल में इलाइची की पहाड़ियां। पश्चिमी घाट पूर्वी घाट की तुलना में अधिक ऊँचा है तथा लगातार अखंडित अवस्था में फैला है। जबकि पूर्वी घाट अपरदन के कारण कई जगहों पर कटाफटा है। पश्चिमी घाट की औसत उंचाई लगभग 1,500 मीटर है,जो दक्षिण की ओर बढ़ती चली जाती है। अन्नाईमुड़ी (2,695 मी०) प्रायद्वीपीय पठार की सबसे ऊची चोटी है जो अन्नामलाई पहाड़ी पर स्थित है। दूसरा डोडाबेटा (2,637मी) जो नीलगिरि की पहाड़ी पर स्थित है।
प्रायद्वीपीय पठार की अधिकांश नदियों का उद्गम पश्चिमी घाट से होता है।पूर्वी घाट कई स्थानों पर कटा हुआ है। जहां अपरदन की शिकार चोटियां कम ऊची है तथा लगभग सभी नदियों का प्रवाह मार्ग होने के कारण इस क्षेत्र का व्यापक कटाव हुआ है, जिनमें महानदी,गोदावरी,कृष्णा,कावेरी आदि का अपरदन कार्य प्रमुख है। पूर्वी घाट में जवादि हिल्स,पलकोंडा रेंज,मल्यागिरि रेंज आदि स्थित है। पश्चिमी व पूर्वी घाट का मिलन बिंदु नीलगिरि की पहाड़ियां है।
दक्कन पठार का उच्चभूमि क्षेत्र एक ओर अरावली पर्वतमाला सीमा का निर्धारण करती है। इसी क्षेत्र में सतपुड़ा रेंज कई जगहों पर कटाफटा है जहां की उंचाई 600-900 मीटर के बीच है।इसका शिखर अपरदित होकर छोटा हो चूका है।प्रायद्वीपीय पठार की पश्चिमी सीमा जैसलमेर तक फैला है।यह बालू प्रधान क्षेत्र है जहाँ शुष्क धरातलीय लक्षण मौजूद है। कई अर्धचंद्राकार बालू के टीले,कटकें आदि से ढंका है।यह पठार लंबे भू-गर्भिक इतिहास में अनेक कारकों से प्रभावित हुआ है।चट्टानें रूपांतरित होकर संगमरमर,नीस स्लेट आदि में मौजूद है।
सामान्यतः प्रायद्वीपीय पठार की उंचाई समुद्र तल से 7,00-1,000 मीटर के बीच है।इसका ढाल उत्तर व उत्तर-पूर्व की ओर है।यमुना की अधिकांश सहायक नदियों का उद्गम विन्ध्यन व कैमूर की पहाड़ियां है।चम्बल की सहायक बनास नदी का उद्गम अरावली का पश्चिमी भाग है।मध्यवर्ती उच्च भूमि का पूर्वर्ती विस्तार राजमहाल तक है जहां छोटानागपुर का पठार स्थित है जो अकूत खनिज सम्पदा से भरा है।
Posted by Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
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Posted by Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
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Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
Posted by Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
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Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
Posted by Aastha Meena 4 years, 4 months ago
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Posted by Palak Kushwaha 4 years, 4 months ago
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Posted by Megha Sharma 4 years, 4 months ago
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Hulash Dhruw 4 years, 4 months ago
Posted by ਸਰਪੰਚ ਸਾਬ 4 years, 4 months ago
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Posted by Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
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Arbaaz Alam 4 years, 4 months ago
Gaurav Seth 4 years, 4 months ago
हिमालय संस्कृत के 'हिम' तथा 'आलय' शब्दों से मिलकर बना है, जिसका शब्दार्थ 'बर्फ़ का घर' होता है। हिमालय भारत की धरोहर है। हिमालय पर्वत की एक चोटी का नाम 'बन्दरपुच्छ' है। यह चोटी उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल ज़िले में स्थित है। इसकी ऊँचाई 20,731 फुट है। इसे सुमेरु भी कहते हैं। हिमालय एक पूरी पर्वत शृंखला है, जो भारतीय उपमहाद्वीप और तिब्बत को अलग करता है। यह भारतवर्ष का सबसे ऊँचा पर्वत है, जो उत्तर में देश की लगभग 2500 किलोमीटर लंबी सीमा बनाता है और देश को उत्तर एशिया से पृथक् करता है। कश्मीर से लेकर असम तक इसका विस्तार है।
Gaurav Seth 4 years, 4 months ago
देहरादून हिमालय पर्वत और शिवालिक पर्वत की गोद में स्थित है। मुख्यतः ये हिमालय के दक्षिण में स्थित है। अर्थात देहरादून के उत्तर में हिमालय और दक्षिण में शिवालिक पर्वत हैं।
देहरादून भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है। देहरादून एक प्रसिद्ध पहाड़ी नगर है देहरादून के उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में शिवालिक पहाड़ियां हैं। ये नगर अपने प्राकृतिक सौंदर्य और वातावरण के लिये प्रसिद्ध है। इस नगर से भारत की दो प्रसिद्ध नदियां गंगा और यमुना नदी गुजरती हैं। देहरादून के पूर्व में गंगा नदी और पश्चिम में यमुना नदी होकर गुजरती है।
देहरादून की पूर्वी सीमा पर उत्तराखंड राज्य के ही टिहरी और पौड़ी जिला है, पश्चिमी सीमा पर हिमाचल प्रदेश राज्य का सिरमौर जिला है। देहरादून की उत्तरी सीमा पर उत्तरकाशी जिला है, तो दक्षिणी सीमा पर उत्तराखंड का हरिद्वार और उत्तर प्रदेश राज्य का सहारनपुर स्थित हैं।
देहरादून एक पहाड़ी क्षेत्र और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, मालसी डियर पार्क, खलंगा, स्मारक, टपकेश्वर मंदिर, दरबार साहिब, गुच्छुपानी, लक्ष्मण सिद्ध, चंद्रवाणी, तपोवन, संतोला देवी मंदिर, सहस्रधार झरने, बुद्धा टेंपल, वन अनुसंधान संस्थान तथा वाडिया संस्थान जैसे अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
देहरादून का दो शब्दों से मिलकर बना है, देहरा और दून। देहरादून के नाम के बारे में दो मान्यताएं प्रचलित है। पहली कि सिक्खों के गुरु हरराय ने यहां पर अपने अनुयायियों के साथ अपना डेरा डाला था। इसी डेरे के आसपास से नगर का विकास आरम्भ हुआ, इस कारण इस नगर का नाम देहरादून पड़ा तो वही दूसरी मान्यता के अनुसार देहरा शब्द का अर्थ है देवालय और दून का अर्थ है घाटी अर्थात देवों की घाटी।
Posted by Kashak Jadav 4 years, 4 months ago
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Posted by 𝑺𝒖𝒓𝒂𝒃𝒉𝒊 𝑺𝒂𝒖𝒎𝒚𝒂 4 years, 4 months ago
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Palak Sahu 4 years, 4 months ago
Posted by Sanjana Mali 4 years, 4 months ago
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