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Yogita Ingle 5 years ago

एक देश क धरती वारा भेजा गया सदं ेश दसू रेदेश क धरती तक कैसे पह ु ंचता है?

Ans फूलों द्वारा

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Gaurav Seth 5 years ago

Answer : पुल्लिंग 

हिन्दी में केवल दो लिंग होते हैं-

पुल्लिंग - जो संज्ञापद पुरुष वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं। जैसे, लड़का, आदमी, घोड़ा, शेर, बकरा, राजा आदि।

स्त्रीलिंग - जो संज्ञापद स्त्री वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे, लड़की, औरत, घोड़ी, शेरनी, बकरी, रानी आदि।

जाति, उपजाति, देश, देशवासी, सागर, वार और ग्रह के सूचक शब्द पुल्लिंग होते हैं।

<dl> <dd>वार - सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।</dd> </dl> <dl> </dl>
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Prachi Thakur 4 years, 11 months ago

परिश्रम
Hard work
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Gaurav Seth 5 years ago

1. भारत तकनीकी दौड़ में निरंतर पिछड़ता जा रहा था।
2. भारतीयों में मानसिक सजगता और तकनीकी कौशल की कमी हो रही थी।
3. लोगों में आगे बढ़ने की लालसा व परिश्रम की चाह कम हो रही थी।
4. अनुकरण पद्धति बढ़ती जा रही थी।
5. कार्य करने की बजाए साहित्य को बढ़ावा मिलने लगा।
6. संकीर्ण रूढ़िवादी मानसिक धारणाएँ बढ़ती जा रही थीं।
7. भारत गतिहीनता व जड़ता की ओर बढ़ने लगा।

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Soumi Biswas 4 years, 11 months ago

नरोत्तमदास

Dimple Negi 5 years ago

Nrotam Das
  • 3 answers

Ansh Sapovadiya 5 years ago

Three

Namandeep Singh 5 years ago

सज्ञा तीन प्रकार की होती है- व्यक्तिवाचक , जातिवाचक , भाववाचक

Yogita Ingle 5 years ago

संज्ञा के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा – जो संज्ञा शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु स्थान या प्राणी का बोध कराते हैं, वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
जैसे- रजनीश, लखनऊ, गंगा, हिमालय, कामायनी पूर्व, दिशा, दीपावली आदि।

2. जातिवाचक संज्ञा – जो संज्ञा शब्द अपनी संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – किसान, मजदूर, लेखक, मोर, गाय, हाथी, नदी, पर्व, पुस्तक, शहर, सैनिक, विद्यालय, देश, सड़क, बगीचा। ये सभी शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, प्राणी या स्थान की ओर संकेत नहीं करते अपितु वे अपनी संपूर्ण जाति के लिए प्रयोग किए जाते हैं। ये सब जातिवाचक संज्ञा है।

3. भाववाचक संज्ञा – जो संज्ञा शब्द किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण, दोष, भाव, दशा व्यापार या मन के भाव का बोध कराए, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे – मानवता, मित्रता, प्यास, दया, अहिंसा, बुढ़ापा, मिठास, गरमी, सरदी, सुख-दुख, यौवन, बचपन आदि भाव है। इनका कोई मूर्त रूप या आकार नहीं होता, इन्हें केवल अनुभव किया जा सकता है। ये सभी भाववाचक संज्ञाएँ हैं।

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Everything Here 5 years ago

हाज़िर: उपस्थित सफ़र: यात्रा डाकिन: डराने वाली श्रद्धा: किसी के प्रति आदरए सम्मान और प्यार का भावद्ध उमड़: जमा होना वयोवृद्ध: बूढ़ी या पुरानी निशान: चिन्ह वृद्धावस्था: बुढ़ापा कष्ट: परेशानी सवार: चढ़ा हिस्सेदार: साझेदार गज़ब: आश्चर्य विदा: आखिरी सलाम रकं: गरीब कूच करने: जाना निमित्त: कारण सविनय अवज्ञा आंदोलनों: गाँधी जी द्वारा चलाया गया 1921 का आंदोलन ट्रेनिग: सीख दौर: ज़माने गुजर: चल क्षीण: कमज़ोर वृक्षों: पेड़ दयनीय: बेचारी वृद्धा: बूढी ग्लानि: खेद प्राणांत: मरना बियाबान: सुनसान अंत्येष्टि: अंतिम क्रिया

Gaurav Seth 5 years ago

हाज़िर: उपस्थित
सफ़र: यात्रा
डाकिन: डराने वाली

श्रद्धा: किसी के प्रति आदरए सम्मान और प्यार का भावद्ध
उमड़: जमा होना
वयोवृद्ध: बूढ़ी या पुरानी
निशान: चिन्ह
वृद्धावस्था: बुढ़ापा
कष्ट: परेशानी
सवार: चढ़ा

हिस्सेदार: साझेदार
गज़ब: आश्चर्य

विदा: आखिरी सलाम
रकं: गरीब
कूच करने: जाना
निमित्त: कारण

सविनय अवज्ञा आंदोलनों: गाँधी जी द्वारा चलाया गया 1921 का आंदोलन
ट्रेनिग: सीख
दौर: ज़माने
गुजर: चल

क्षीण: कमज़ोर
वृक्षों: पेड़
दयनीय: बेचारी
वृद्धा: बूढी
ग्लानि: खेद
प्राणांत: मरना
बियाबान: सुनसान
अंत्येष्टि: अंतिम क्रिया

Rinku Srivastav 5 years ago

Bus Ki yatra chapter3 sabdarth
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The first course of rabies treatment was administered under the supervision of Louis Pasteur, more than a century ago. Since then, rabies vaccines have always been among the first to benefit from progress in production and control.

Lakshmi Maurya 5 years ago

Louis pasture
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Namandeep Singh 5 years ago

T.me/MathsAndScienceFor8th
Bholaram chahta tha ki woh apna pump sarkar ki anumati le kr lagaye kyuki uski aakho pr toh sanskaro ka pani chadha hua tha lekin jab wo darkhwast le kr sarkari office gya toh unhone Bholaram ko idhar se udhar karwaya lekin kaam jaldi nhi ho rha tha aur Bholaram ko jaldi se pump lagawa kr kheto ki sicchai krni thi.
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Sakshi Chouhan 5 years ago

संज्ञा- किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे - पशु (जाति), सुंदरता (गुण), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान), मारना (क्रिया)। यह पाँच प्रकार की होती है -- 1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 2. जातिवाचक संज्ञा 3. समूहवाचक संज्ञा 4. द्रव्यवाचक संज्ञा 5. भाववाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा: जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा,धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि।

Gaurav Seth 5 years ago

संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति ,प्राणी ,वस्तु ,स्थान, भाव आदि के नाम के स्वरूप में प्रयुक्त होते हैं। अत: सभी नामपदों को संज्ञा कहते हैं।

 

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Tanishka Meena 5 years ago

My name is tanishka

Prachi Saxena 5 years ago

My name is Prachi
My name is Diksha
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Gaurav Seth 5 years, 1 month ago

उत्तर - भारतीयों को इंग्लैंड में ब्रिटिश सेना के एक हिस्से कह्य प्रशिक्षण का खर्च वहन करना पड़ता था। इस राशि को 'कैपिटेशन चार्ज' कहा जाता है। इस चार्ज को भारतीयों दवारा वहन किया जाता था

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Nutan Singh 5 years, 1 month ago

hamare sapno ka Bharat kaisa hona chahie Jo jismein koi Insan ladai na Karen aur sab mil jul kar rahe hamare sapno ka Bharat bahut achcha hona chahie
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Tanishka Meena 5 years ago

Badlu ko sare ghav ke bhacche badlu kaka kheh kar bulate the isliye lekhak bhi use badlu kaka hi kheh ta tha

Sanchita Kudmethe 5 years, 1 month ago

Kyuki sab bacche badlu ko badlu kaka kehekar pukarte the isi vajhse lekhk bhi unhe badlu mama n khahkar badlu kaka kaha krte the

Yogita Ingle 5 years, 1 month ago

लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहा करता था। वो लाख की बहुत सुन्दर चुड़ियाँ बनता था। परन्तु लेखक के लिए वह लाख की रंग बिंरगी सुन्दर गोलियाँ बनाकर दिया करता। जिसके कारण लेखक सदैव बदलू के पास जाता और यही कारण है कि लेखक को उसके मामा का गाँव भाता था।

बदलू को समस्त गाँव ही बदलू काका कहकर बुलाया करता था। इसलिए लेखक ने भी उनको काका कहना ही उचित समझा। बदलू उन्हें आम खाने को देता, मलाई खाने को देता।

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