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Ask QuestionPosted by Suprit Tiwari 5 years, 1 month ago
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Posted by Shantanu Kawar 5 years, 1 month ago
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Posted by Anoop Barthwal 5 years, 1 month ago
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Posted by Chaya Joshi 5 years, 1 month ago
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Anusha Pattnaik 5 years, 1 month ago
Posted by Prashant Bhoir 5 years, 1 month ago
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Posted by Kallappa Kurade 5 years, 1 month ago
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Prince Kabra 5 years, 1 month ago
Posted by Sanzbati Das 5 years, 1 month ago
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Posted by Shivani Agasar 5 years, 1 month ago
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Posted by Soundarya Kolekar 5 years, 1 month ago
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Posted by Pranav Ch Pranav 5 years, 1 month ago
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Posted by Ayush Das 5 years, 1 month ago
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Posted by Ishan Garg 5 years, 1 month ago
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Sia ? 5 years, 1 month ago
महात्मा गांधी के नाम से मशहूर मोहनदास करमचंद गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक नेता थे। सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धान्तो पर चलकर उन्होंने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके इन सिद्धांतों ने पूरी दुनिया में लोगों को नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें भारत का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने वर्ष 1944 में रंगून रेडियो से गान्धी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहकर सम्बोधित किया था।
महात्मा गाँधी समुच्च मानव जाति के लिए मिशाल हैं। उन्होंने हर परिस्थिति में अहिंसा और सत्य का पालन किया और लोगों से भी इनका पालन करने के लिये कहा। उन्होंने अपना जीवन सदाचार में गुजारा। वह सदैव परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनते थे। सदैव शाकाहारी भोजन खाने वाले इस महापुरुष ने आत्मशुद्धि के लिये कई बार लम्बे उपवास भी रक्खे। सन 1915 में भारत वापस आने से पहले गान्धी ने एक प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष किया। भारत आकर उन्होंने समूचे देश का भ्रमण किया और किसानों, मजदूरों और श्रमिकों को भारी भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष करने के लिये एकजुट किया। सन 1921 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभाली और अपने कार्यों से देश के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित किया। उन्होंने सन 1930 में नमक सत्याग्रह और इसके बाद 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान कई मौकों पर गाँधी जी कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहे।
Posted by Muskan Smart 5 years, 1 month ago
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Posted by Siddhi Kerle 5 years, 1 month ago
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Radhika Sharma✌️✌️ 5 years, 1 month ago
Posted by Meeu Meenu 5 years, 1 month ago
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Posted by Rishav Kumar Singh 5 years, 1 month ago
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Posted by Darngambawng Khaling 5 years, 1 month ago
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Posted by Sahil Hussain 5 years, 1 month ago
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Posted by Navya Jyothis 5 years, 1 month ago
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Posted by Aditi G 5 years, 1 month ago
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Posted by Sania Tabassum 5 years, 1 month ago
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Posted by Teena Roy 5 years, 1 month ago
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Posted by Kedar Singh 5 years, 1 month ago
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Posted by Ramakant Singh 5 years, 1 month ago
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Posted by Ramakant Singh 5 years, 1 month ago
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Posted by Nikku Nagawade 5 years, 1 month ago
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Posted by Teesha Manhas 5 years, 1 month ago
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Posted by Dr. Anurag Sharma 5 years, 1 month ago
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Posted by Deva Krishna 5 years, 1 month ago
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Posted by Jyoti Pandey 5 years, 1 month ago
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Sia ? 5 years, 1 month ago
इस अध्याय में सुदमा, कृष्ण का एक बहुत ही पुराना दोस्त गरीब है और उसकी मदद की ज़रूरत है इसलिए उनकी पत्नी उसे कृष्ण से मदद मांगने के लिए कहती हैं जो द्वारका का राजा है। द्वारपाल उसे रोकता है और कृष्ण को महाहल के बाहर ब्राह्मण के बारे में सूचित करता है। फिर उन्होंने सुदमा को बहुत गरीब और कमजोर ब्राह्मण के रूप में सिर पर कोई पगड़ी नहीं, शरीर पर कोई कपड़े नहीं, जूते नहीं, उसकी धोती गंदा और फाड़ है, वह महल को देखने के लिए बहुत आश्चर्यचकित है और सूदमा के कपड़े धोने के लिए पानी के साथ एक पैराट लाता है। कपड़ा, लेकिन थोरसन सुदामा के पैर देखकर वह रोने लगती है और सुदामा के पैर पराठे के पानी को बिना छूने के बिना कृष्ण के आँसू से धोते हैं। कुछ समय बाद सुदामा वापस चला जाता है लेकिन वह खुश नहीं है क्योंकि कृष्ण ने उसे मदद नहीं की है, लेकिन कृष्ण को यह पता है कि वह एक भगवान है, सुदुमा जब द्वारका की तरह अपने घर के रास्ते में सुंदर इमारतों को मिलता है तो उन्हें लगता है कि वह गलत है और सोचता है, वह गलत रास्ता नहीं है।
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Sia ? 5 years, 1 month ago
जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे- रोया, खा रहा, जायेगा आदि। उदाहरणस्वरूप अगर एक वाक्य 'मैंने खाना खाया' देखा जाये तो इसमें क्रिया 'खाया' शब्द है।
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