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Swapnali Mohan Kodag 4 years, 2 months ago

क्विनबर्ग़ रोड, आस्ट्रेलिया, ६७२८४८९१९ प्रिय हैरी, मैं आशा करता हूं कि तुम स्वस्थ हो । हमारे भारत में तुम आना चाहते हो यह बात सुनकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई क्योंकि जब कोई विदेशी भारत आने की इच्छा प्रकट करता है तो मेरे मन में एक अलग खुशी जागती है। हमारा भारत तीज त्योहारों वाला देश है। यहां हर माह त्योहार मनाया जाता है। होली, दिवाली, दशहरा यहां का मुख्य त्योहार है। ईद, क्रिसमस भी यहां ‌‌‌धूमधाम से मनाया जाता है। ‌तुमको हमारा देश बहुत पसंद आएगा। तुम्हारा अभिनव Read more on Brainly.in - https://brainly.in/question/2425380#readmore
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Pooja Gurjar 4 years, 2 months ago

Pradhan sahayak mera naam hai pooja Kumari main bol rahi hun haryanvi se main Apne main aapko Apne Mitra ke upar likhna Sikh aaungi ?‍?
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Akshita Ranjan 4 years, 2 months ago

GST no hindi me

Naitik Kumar 4 years, 2 months ago

I know

Naitik Kumar 4 years, 2 months ago

I kno
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Sonam Singh 4 years, 2 months ago

Apne paper mashi dwara kya bnana aur kaisa bnaya ?
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Yogita Ingle 4 years, 2 months ago

सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे और शिक्षा में उनका काफी लगाव था, इसलिए सम्पूर्ण भारत में सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अच्चा करने वाले छात्रों को पुरस्कार दिया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि गुरु अर्थार्त शिक्षक के बिना सही रास्तों पर नहीं चला जा सकता है. वह मार्गदर्शन करते है. तभी तो शिक्षक छात्रों को अपने नियमों में बांधकर अच्चा इंसान बनाते हैं और सही मार्ग प्रशस्त करते रहते है. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि जन्म दाता से बढकर महत्व शिक्षक का होता है क्योंकि ज्ञान ही इंसान को व्यक्ति बनाता है, जीने योग्य जीवन देता हैं.

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Dharmendra Sahu 4 years, 2 months ago

Mai

Kumkum Mandal 4 years, 2 months ago

Student's Because online class or online test chalu hai

Dheeraj Suthar 4 years, 2 months ago

Corona positive and police

Samarth S Malagi 4 years, 2 months ago

Kngvibyvtchbjb
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Omprakash Jangra 4 years, 2 months ago

A
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Mukesh Mediya 4 years, 2 months ago

Hi sir answer this question plzzzz

Dheeraj Suthar 4 years, 2 months ago

पास

Himanshi Chand 4 years, 2 months ago

Hello

Dhananjay Godse Godde 4 years, 2 months ago

Hi sir
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Druv Kotharkar 4 years, 2 months ago

@mayankgupta gallery mein jakar photo select kr ke send kijiye aur my cbse guide ka option click kijiye for apko mil jayega aur ans kijiye

Mayank Gupta 4 years, 3 months ago

I have but I don't know how to send a picture here

Mahak Mehra 4 years, 3 months ago

Yes but I m not at all at my home this time
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Gaurav Seth 4 years, 3 months ago

वसंत पंचमी सरस्वती पूजा, महाशिवरात्रि व होली जैसे प्रमुख त्योहारों का आगमन इसी ऋतु में होता है।

होली

हमारे देश में होली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने मैं प्रत्येक भारतीय अपना गौरव समझता है। एक ओर तो आनंद और हर्ष की वर्षा होती है, दूसरी ओर प्रेम व स्नेह की सरिता उमड़ पड़ती है। यह शुभ पर्व प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा के सुंदर अवसर की शोभा बढ़ाने आता है ।

होली का त्योहार वसंत ऋतु का संदेशवाहक बनकर आता है। मानव मात्र के साथ-साथ प्रकृति भी अपने रंग-ढंग दिखाने में कोई कमी नहीं रखती। चारों ओर प्रकृति कै रूप और सौंदर्य के दृश्य दृष्टिगत होते हैं। पुष्पवाटिका में पपीहे की तान सुनने से मन-मयूर नृत्य कर उठता है। आम के झुरमुट से कोयल की ‘कुहू-कुहू’ सुनकर तो हदय भी झंकृत हो उठता है। ऋतुराज वसंत का स्वागत बड़ी शान से संपन्न होता है। सब लोग घरों से बाहर जाकर रंग-गुलाल खेलते हैं और आनंद मनाते हैं।

होलिकोत्सव धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस उत्सव का आधार हिरण्यकश्यप नामक दानव राजा और उसके ईश्वरभक्त पुत्र प्रल्हाद की कथा है। कहते हैं कि राक्षस राजा बड़ा अत्याचारी था और स्वयं को भगवान मानकर प्रजा से अपनी पूजा करवाता था; किंतु उसी का पुत्र प्रल्हाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। हिरण्यकश्यप चाहता था कि मरा पुत्र भी मेरा नाम जपे किंतु वह इसके विपरीत उस ईश्वर का नाम ही जपता था। उसने अपने पुत्र को मरवा डालने के बहुत से यत्न किए, पर असफलता ही मिली। एक बार हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने इस कुकृत्य में अपने भाई का साथ देने का प्रयास किया। उसे किसी देवता से वरदान में एक ऐसा वस्त्र प्राप्त था जिसे ओढ़कर उस आग नहीं लग सकती थी। एक दिन होलिका प्रल्हाद को गोदी में लेकर चिता में बैठ गई। किंतु भगवान की इच्छा कुछ और ही थी, किसी प्रकार वह कपड़ा उड़कर प्रल्हाद पर जा पड़ा। फलत: होलिका तो भस्म हो गई और प्रल्हाद बच गया। बुराई करने वाले की उसका फल मिल गया था। इसी शिक्षा को दोहराने के लिए यह उत्सव मनाया जाता है।

इस दिन खूब रंग खेला जाता है। आपस में नर-नारी, युवा-वृद्ध गुलाल से एक-दूसरे के मुख को लाल करके हँसी-ठट्ठा करते हैं। ग्रामीण लोग नाच-गाकर इस उल्लास- भरे त्योहार को मनाते हैं । कृष्ण-गोपियों की रास-लीला भी होती है। धुलेंडी के बाद संध्या समय नए-नए कपड़े पहनकर लोग अपने मित्रगणों से मिलते हैं. एक-दूसरे को मिठाई आदि खिलाते हैं और अपने स्नेह-संबंधों की पुनर्जीवित करते हैं।

होली के शुभ अवसर पर जैन धर्म के लोग भी आठ दिन तक सिद्धचक्र की पूजा करते हैं, यह ‘अष्टाहिका’ पर्व कहलाता है। ऐसे कामों से इस पर्व की पवित्रता का परिचय मिलता है। कुछ लोग इस शुभ पर्व को भी अपने कुकर्मो से गंदा बना देते हैं। कुछ लोग इस दिन रंग के स्थान पर कीचड़ आदि गंदी वस्तुओं को एक-दूसरे पर फेंकते हैं अथवा पक्के रंगों या तारकोल से एक-दूसरे को पोतते हैं जिसके फलस्वरूप झगड़े भी हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ लोग इस दिन भाँग, मदिरा आदि नशे की वस्तुओं का भी प्रयोग करते हैं जिनके परिणाम कभी भी अच्छे नहीं हो सकते। ऐसे शुभ पर्व को इन बातों से अपवित्र करना मानव धर्म नहीं है।

होलिकोत्सव तो हर प्राणी को स्नेह का पाठ सिखाता है। इस दिन शत्रु भी अपनी शत्रुता भूलकर मित्र बन जाते हैं। इस कारण सब उत्सवों में यदि इसे ‘उत्सवों की रानी’ कहा जाए तो अत्युक्ति न होगी।

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Jampala Abhinav 4 years, 3 months ago

Ha ha

Sumita Swain 4 years, 3 months ago

Ok

Hinal ... 4 years, 3 months ago

Kya tum bata sakte ho konsa chapter

Hinal ... 4 years, 3 months ago

Sorry par ye lesson konsa hai hamare text book me nahi hai

Priya Parmar 4 years, 3 months ago

Where are your school
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Nishant Sharma 4 years, 3 months ago

Mouse

Nishant Sharma 4 years, 3 months ago

Rat

Niranjana.P. A P. A 4 years, 3 months ago

Rat

Shreya Kumbhar 4 years, 3 months ago

Mouse

Routhu Anjana Sri 4 years, 3 months ago

Rat

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