Ask questions which are clear, concise and easy to understand.
Ask QuestionPosted by Sharma Homa 4 years, 10 months ago
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Posted by Ashadul Rahaman 4 years, 10 months ago
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Yogita Ingle 4 years, 10 months ago
कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं तो वह उनकी ओर पूरी तरह से सम्मोहित हो जाता है। दुकानदार व ड्राइवर के सामने अप्पू एक छोटा नादान बच्चा है जो अपनी ही दुनिया में मस्त है। दुकानदार उसे देखकर पहले परेशान होता है। वह कंचे देख तो रहा है लेकिन खरीद नहीं रहा। उसे लगता है कहीं ये जार को गिरा कर तोड़ तो नहीं देगा फ़िर जैसे ही अप्पू ने कंचे ख़रीदे तो वह हँस दिया।
Posted by Parbhu Ram 4 years, 10 months ago
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Posted by Shifa Qaenat 4 years, 10 months ago
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Shagun Kanwar 4 years, 10 months ago
Posted by Soham Chachar . 4 years, 10 months ago
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Preet Verma 4 years, 10 months ago
Posted by Sanjana Dangari 4 years, 10 months ago
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Posted by Sanjana Dangari 4 years, 10 months ago
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Posted by Dinesh Singh 4 years, 10 months ago
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Posted by Sakshi Singh 4 years, 11 months ago
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Posted by 7Gtamsa Atwal 4 years, 11 months ago
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Posted by Mishthi Mishra 4 years, 11 months ago
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Preet Verma 4 years, 10 months ago
Hoovangouda Bheemappanavar 4 years, 10 months ago
Gaurav Seth 4 years, 11 months ago
प्रस्तावना
लोकतंत्र को विश्व के सबसे अच्छे शासन प्रणाली के रुप में जाना जाता है। यह देश के प्रत्येक नागरिक को वोट देने और उनकी जाति, रंग, पंथ, धर्म या लिंग के बावजूद अपनी इच्छा से अपने नेताओं का चयन करने की अनुमति प्रदान करता है। हमारे देश में सरकार आम लोगों द्वारा चुनी जाती है और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह उनकी बुद्धि और जागरूकता है जिससे वे सरकार की सफलता या विफलता निर्धारित करतें हैं।
भारत की लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली
भारत सहित दुनिया के कई देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली लागू, इसके साथ ही भारत को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में भी जाना जाता है। हमारे देश का लोकतंत्र संप्रभु, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक गणराज्य सहित पांच लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर कार्य करता है। 1947 में अंग्रेजों के औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था। आज के समय में हमारे देश को ना सिर्फ विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में जाना जाता है बल्कि कि इसके साथ ही इसे विश्व के सबसे सफल लोकतंत्रों में से एक लोकतंत्र के रुप में भी जाना जाता है।
भारतीय लोकतंत्र का एक संघीय रूप है जिसके अंतर्गत केंद्र में एक सरकार जो संसद के प्रति उत्तरदायी है तथा राज्य के लिए अलग-अलग सरकारें हैं जो उनके विधानसभाओं के लिए समान रूप से जवाबदेह हैं। भारत के कई राज्यों में नियमित अंतराल पर चुनाव आयोजित किए जाते हैं। इन चुनावों में कई पार्टियां केंद्र तथा राज्यों में जीतकर सरकार बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं। अक्सर लोगों को सबसे योग्य उम्मीदवार का चुनाव करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है लेकिन फिर भी जातीय समीकरण भारतीय राजनीति में भी एक बड़ा कारक है चुनावी प्रक्रियाओं को मुख्य रुप से प्रभावित करते है।
चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अभियान चलाया जाता है ताकि लोगों के विकास के लिए उनके भविष्य के एजेंडे पर लाभ के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों पर जोर दिया जा सके।
भारत में लोकतंत्र का मतलब केवल वोट देने का अधिकार ही नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता को भी सुनिश्चित करना है। हालांकि हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को विश्वव्यापी प्रशंसा प्राप्त हुई है पर अभी भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें हमारे लोकतंत्र को सुधार की आवश्यकता है ताकि लोकतंत्र को सही मायनों में परिभाषित किया जा सके। सरकार को लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए निरक्षरता, गरीबी, सांप्रदायिकता, जातिवाद के साथ-साथ लैंगिग भेदभाव को खत्म करने के लिए भी काम करना चाहिए।
निष्कर्ष
लोकतंत्र को विश्व के सबसे अच्छे शासन प्रणाली के रुप में जाना जाता है, यही कारण है कि हमारे देश के संविधान निर्माताओं और नेताओं ने शासन प्रणाली के रुप में लोकतांत्रिक व्यवस्था का चयन किया। हमें अपने देश के लोकतंत्र को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
Posted by Sohail Sohail 4 years, 11 months ago
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Posted by Khushee Bhogayta 4 years, 11 months ago
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Posted by Palekh Kurrey 4 years, 11 months ago
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Posted by Nisha Prasad 4 years, 11 months ago
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Posted by Arpandeep Kaur Virk 4 years, 11 months ago
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Preet Verma 4 years, 10 months ago
Gaurav Seth 4 years, 11 months ago
वा में,
श्री प्रधानाचार्य जी,
गुरुकुलपब्लिक स्कूल,
चौक लखनऊ
श्रीमान जी ,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा 7 का छात्र हूँ. कल रात से मुझे बुखार आ रहा है. डॉक्टर के वायरल फीवर बताया है. अतः श्रीमान जी से निवेदन है मुझे दिनांक…….से…… तक एक सप्ताह का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें. उसके लिए मैं आपकी आभारी रहूंगा ।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
रमेश कुमार
कक्षा – 7
Posted by Gauri Shukla 4 years, 11 months ago
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Gaurav Seth 4 years, 11 months ago
1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करनेवाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए।
उत्तर:- उदहारण वाले दोहे
तरवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-संचहि सुजान।।
थोथे बादर क्वार वके, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।।
धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।।
कथन वाले दोहे
जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।
कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।।
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Posted by Manan Sharma 4 years, 11 months ago
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Preet Verma 4 years, 10 months ago
Dhanashree Charwadikar 4 years, 11 months ago
Dhanashree Charwadikar 4 years, 11 months ago
Posted by Dhanashree Charwadikar 4 years, 11 months ago
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Yogita Ingle 4 years, 11 months ago
सृजनात्मक लेखन (क्रिएटिव राइटिंग) का उद्देश्य सूचित करना मात्र ही नहीं, अपितु रहस्यों व रसों को उद्घाटित करना होता है। इसे कुछ लोग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया मानते हैं। रचनात्मक लेखक कभी तटस्थ रूप से दुनिया की ठोस चीजों के बारे में बात करता है तो कभी भावविह्वल होकर वह प्रेम, पवित्रता, पलायन, ईश्वर, नश्वरता आदि विषयों के बारे में अपने उद्गार व्यक्त करता है। अन्यथा लेखन में वह अपनी अपूर्व कल्पना का इस्तेमाल करता है। वह जीवन के विभिन्न पहलुओें में संबंध बनाता है और सामाजिक स्थितियों और घटनाओं के विषय में लिखता है।
Posted by Sanchita Rout 4 years, 11 months ago
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Posted by Tarun Gurjar 4 years, 11 months ago
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Posted by Anvesha Kesharwani 4 years, 11 months ago
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Posted by Harsh Choudhary 4 years, 11 months ago
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Posted by Shruti Kumari 4 years, 11 months ago
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Posted by Prajyot Talokar 4 years, 11 months ago
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Preet Verma 4 years, 10 months ago
Mishthi Mishra 4 years, 11 months ago
Abhinav Shukla 4 years, 11 months ago
Gaurav Seth 4 years, 11 months ago
राजा शांतनु ने यमुना तट पर अप्सरा-सी सुंदर एक तरुणी को देखा जिसका नाम सत्यवती था।
सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में उन्हें अपनी पत्नी बनाने की इच्छा हुई।
Posted by Saumya Urmaliya 4 years, 11 months ago
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Posted by Laxmi Panchal 4 years, 11 months ago
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Posted by Vansh Sharma 4 years, 11 months ago
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Nehal Jain 4 years, 11 months ago

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