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Meghna Singh 4 years ago

Loanpogar tibbit ka bat thiss va raja songavsan gampo ke mantri the
लोनपोगार तिब्बत के मंश्रि थे
Lonpogar raja Soungavsen Ganpo ke mantri the.
Lonpogar raja Southaven ganpo ke mantri the.
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Kartikey Rai 4 years ago

Dakiye ki kahani Kunwar Singh ki jubani
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Riya Gahtori 4 years ago

Yadi ieela ya Jaisi Koi Ladki Tumhari kaksha Mein dakhila Leti Hai To Tumhare man mein kaun kaun se prashn uthate Hain

Riya Gahtori 4 years ago

Ela Kathiyawadi kashidakari Mein Mahir thi wah apne dono enghoto ke bich swii Tham kar Resham Pirone ka kam karti thi
इला की कशीदाकारी में खास यह थी की वो कशीदाकारी अपने पैरों से करती थी

Kartikey Rai 4 years ago

इलाके का काशी अदाकारी में खास बात यह थी कि वह

Aayush Rajak 6B 4 years ago

Pahari Lakhon Mein Daag ho jana hai Saman kam Kyon Nahin Hai
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Lonopagar the

Pranjal Pegu 4 years ago

दादी मैसूर क्यों नहीं जाना चाहते हैं इसका कारण क्या हो सकता है कल्पना करके लिखिए

Aksh Routiya 4 years ago

Hindi tumhara basha ha???????❤???☠️??????
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Prakshi Daksh 3 years, 11 months ago

तिब्बत के मंत्री लोनपो गार थे
Loanpogar

Kartiki Bhegade 4 years ago

बधाई card

Aditi Sharma 4 years ago

सौन्गव्सैन गांपो
सौन्गव्सैन गांपो
Hh
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Good morning all CBSE
Hii
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Jagu Patel 4 years ago

Hi madem

Jagu Patel 4 years ago

कुता क्या सोच रहा होगा? Can me answer
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मै बोला कि मां सरस्वती पूजा और

Prakshi Daksh 4 years ago

Ud
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Aaisha Kapur 4 years ago

उत्तर: अकबर को पहरेदार की दखलंदाजी इसलिए अच्छी नहीं लगी क्योंकि वे नन्हें केशव से इत्मीनान से बात करना चाहते थे और उसके हुनर के बारे में विस्तार से जानना चाहते थे।
अकबर एक अच्छे राजा थे | वह अपनी प्रजा से मिलते रहते थे इसलिए अकबर को पहरेदार की दखलंदाजी अच्छी नहीं लगी |
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Abhijeet 5 B 4 years ago

Abhijeet
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Abhigyan Abhinav 4 years, 1 month ago

Kon si Kavita
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Parv Kumar 5A 4 years ago

Chapter 7 – वेदिन भी क्या दिन थे Page No 65: Question 1:कुम्मी के हाथ जो कि ताब आई थी वह कब छपी होगी? Answer:कुम्मी के हाथ जो कि ताब आई थी वह आज के ज़मानेमेंही छपी होगी। यह कहानी भवि ष्य पर आधारि त हैऔर हम वर्तमर्त ान हैं। अतः कि ताब आज के समय मेंछपी होगी। Question 2:रोहि त नेकहा था, “कि तनी पस्ुतकें बेकार जाती होंगी। एक बार पढ़ी और फि र बेकार हो गई।” क्या सचमचु मेंऐसा होता है? Answer:हम यह नहींमानतेहैं। कई बार ऐसा ही होता हैकि कुछ पस्ुतकें केवल एक बार पढ़कर बेकार हो जाती हैं। उन्हेंरद्दी मेंदेना पड़ता है। परन्तुउसमेंकुछ ही कि ताबों के साथ ऐसा होता है। अधि कतर कि ताबें एक व्यक्ति के बाद अलग-अलग व्यक्ति यों के हाथों जाती हैं। वेबेकार नहींहोती हैं। उनके कारण कई लोगों को महत्वपर्णू र्णजानकारी व ज्ञान प्राप्त होता है। यदि ऐसा न होता, तो आज पस्ुतकालय नहींबनेहोत।े Question 3: कागज के पन्नों की कि ताब और टेलीवि ज़न के पर्दे पर चलनेवाली कि ताब। तमु इनमेंसेकि सको पसदं करोगे? क्यों? Answer:हम कागज़ के पन्नों की कि ताब को ही ज़्यादा पसं द करेंगे। इसके पीछेबहुत सेकारण हैं। वेइस प्रकार हैं।- 1. कागज़ के पन्नेवाली कि ताब को हम कहीं भी सरलतापर्वूकर्व उठाकर लेजा सकतेहैं। इसके वि परीत टेलीवि ज़न के पर्दे पर चलनेवाली कि ताब को उठाकर लेजाना कठि न होगा। यदि उठाकर लेजानेकी सविुविधा भी उपलब्ध हो, फि र भी यह कि ताब की तलु ना मेंअधि क भारी होगी। 2. कागज़ के पन्नेवाली कि ताब को कभी भी और कहीं भी पढ़ा जा सकता है। परन्तुटेलीवि ज़न के पर्दे पर चलनेवाली कि ताब को कहीं नहीं पढ़ा जा सकता है। इसके लि ए हर समय बि जली की आवश्यकता होगी। यदि इसेचार्ज भी कि या जा सके, तो एक नि श्चि त समय के लि ए ही इसेचलाया जा सकेगा। चार्ज समाप्त होनेपर यह बदं हो जाएगी। कागज़ के पन्नेवाली कि ताब के साथ यह परेशानी नहींआएगी। 3. कागज़ के पन्नेवाली कि ताब मेंआनेवाला खर्च एक बार होगा। परन्तुटेलीवि ज़न के पर्दे पर चलनेवाली कि ताब पर बार-बार बि जली आदि का खर्चा करना पड़गे ा। 4. कागज़ के पन्नेवाली कि ताब को आवश्यकता अनसु ार पढ़ा जा सकेगा। परन्तुबि जली के पर्दे पर चलने वाली कि ताब को एक बार मेंही परूा पढ़ना पढ़ेगा। अन्यथा उसेदोबारा आरंभ सेचलाना पड़गे ा। Question 4:तमु कागज़ पर छपी कि ताबों सेपढ़तेहो। पता करो कि कागज़ सेपहलेकी छपाई कि स-कि स चीज़ पर हुआ करती थी? Answer:कागज़ सेपहलेछपाई भोज पत्रों, छालों, लकड़ी और धातुसेबनेपत्रों पर होती थी। Question 5:तमु मशीन की मदद सेपढ़ना चाहोगेया अध्यापक की मदद से? दोनों के पढ़ानेमें कि स-कि स तरह की आसानि याँऔर मश्किुश्कि लेंहैं? Answer:1. हमेंअध्यापक सेपढ़ना ज़्यादा आसान और अच्छा लगेगा क्योंकि वेहमारी मश्किुश्कि लों का हल तरुंत ही वि स्तारपर्वूकर्व और अलग-अलग तरीके सेबता सकतेहैं। मशीन सेयह ज्ञान मि लना थोड़ा मश्किुश्कि ल हो जाएगा। एक अध्यापक सभी वि षय नहींपढ़ा सकतेहैं। इसके वि परीत मशीन सेसभी वि षयों के बारेमें जानकारी प्राप्त हो जाएगी। 2. अध्यापक सेपढ़तेसमय डाँट खानेका डर लगा रहता है। मशीन सेपढ़ते समय ऐसा डर नहींलगेगा। 3. मशीन हमारेनि यत्रं ण मेंहोगी, हम मशीन के नि यत्रं ण मेंनहींहोगें। अध्यापक सेपढ़तेसमय हमेंउनके कहेअनसु ार ही कार्य करना पड़गे ा। Question 1: 1967 मेंहि दं ी मेंछपी इस कहानी मेंकल्पना की गई हैकि सालों बाद स्कूल की जगह मशीनों लेलेंगी। तमु भी कल्पना करो कि बहुत सालों बाद येचीज़ेंकैसी होंगी – ● पेन ● घड़ी ● टेलीफ़ोन/मोबाइल ● टेलि वि ज़न ● कोई और चीज़ जि सके बारेमेंतमु सोचना चाहो………….. Answer:आज वि ज्ञान की तरक्की सेसमाज मेंऔर हमारेजीवन मेंकाफी बदलाव आ रहेहैं। कुछ सालों बाद वि ज्ञान की तरक्की सेहो सकता हैकि जीवन मेंसविुविधाएँऔर बढ़ जाएँ। जसै े– ● पेन – आनेवालेसमय मेंहो सकता हैकि लि खनेके लि ए पेन को पकड़नेकी ज़रूरत ही न पड़।े पेन अपने-आप हमारी सोच के अनसु ार लि खनेलगे। या फि र ऐसा भी हो सकता हैकि पेन की ज़रूरत ही न पड़।े सारेकाम कम्प्यटू र सेही टाइप करनेसेहो जाएँ। ● घड़ी – भवि ष्य मेंशायद घड़ि याँसमय बतानेके साथ-साथ मोबाइल का काम करे। इसमें अनेक प्रकार की सविुविधाएँप्राप्त हों। ● टेलीफोन/मोबाइल – टेलीफोन वि ज्ञान का एक अद्भतु चमत्कार है। आज मोबाइल फोन से हम सि र्फ एक दसू रेसेबातेंही कर सकतेहैं। आनेवालेसमय मेंशायद मोबाइल फोन द्वारा हम कि सी को कुछ सामान भी भेज सकें। ● टेलीवि ज़न –टेलीवि ज़न आनेवालेसमय मेंकंप्यटू र, मोबाइल, घर की सरुक्षा प्रणाली आदि का भी का करनेलगे। ● आनेवालेसमय मेंघर-घर मेंसौर ऊर्जा का प्रयोग हो। घर के सारेबि जली सेचलनेवाले उपकरण सौर ऊर्जा सेकार्य करें। Question 2: नीचेकुछ वस्तओु ंकेनाम दि ए गए हैं। बड़ों सेपछू कर पता करो कि बीस साल पहलेइनकी क्या कीमत थी और अब इनका कि तना दाम हैहै आलू लड्डू शक्कर दाल चावल दधू ………………………………………………………………………………………………………………. ………………………………………………………………………………………………………………………………………………………… ………………………………………………………………………………………………………………………………………………………… …………………………… Answer: वस्तुका नाम आज उस वस्तुकी कीमत 20 साल पहलेउस वस्तुकी कीमत आलू 10 रूपए प्रति किलो 2 रूपए प्रति किलो लड्डू 150 रूपए प्रति किलो 2 रूपए प्रति किलो शक्कर 40 रूपए प्रति किलो 5 रूपए प्रति किलो दाल 75 रूपए प्रति किलो 16 रूपए प्रति किलो चावल 25 रूपए प्रति किलो 5 रूपए प्रति किलो दधू 39 रूपए प्रति किलो 10 रूपए प्रति किलो Page No 66: Question 3: आज हमारेकई काम कंप्यटू र की मदद सेहोतेहैं। सोचो और लि खो कि अपनेव्यक्ति गत और सार्वजर्व नि क जीवन मेंहम कंप्यटू र का इस्तमे ाल कि न-कि न उद्देश्यों के लि ए करतेहैं? व्यक्तिगत सार्वजर्व निक ……………………….. ……………………….. ……………………….. ……………………….. ……………………….. ……………………….. ……………………….. ……………………….. ……………………….. ……………………….. Answer: व्यक्तिगत सार्वजर्व निक फिल्म देखनेके लिए चित्र बनानेके लिए नई-नई खबरेंजाननेके लिए व्यापार का हिसाब-किताब रखनेके लिए किसी विषय पर खोज करनेके लिए ई-मेल भेजनेके लिए जानकारी देनेया लेनेके लि ए कई तरीके अपनाए जातेहैं। हम जो कुछ सोचतेया महससू करतेहैंउसे अभि व्यक्त करनेया बतानेके भी कई ढंग हो सकतेहैं। बॉक्स मेंऐसेकुछ साधन दि ए गए हैं। उनका वर्गी करण करकेनीचेदी गई तालि का मेंलि खो। संदेश अभिनय रेडियो नत्ृय के हाव-भाव फ़ोन विज्ञापन नोटिस संकेत-भाषा चित्र मोबाइल टी.वी. मोबाइल संदेश फ़ैक्स इंटरनेट तार इश्तहार जानकारी भावनाएँ ………………………………… ………………………………… ………………………………… ………………………………… ………………………………… ………………………………… ………………………………… ………………………………… ………………………………… ………………………………… Answer: लि खी चीज़ेंइकतरफ़ा भी हो सकती हैंऔर दो तरफ़ा भी। जि न चीज़ों के ज़रि ए इकतरफ़ा सप्रं ेषण होता है उनकेआगे(®) का नि शान लगाओ। दो तरफ़ा सवं ाद की चीज़ों केआगे(«) का नि शान लगाओ। जानकारी भावनाएँ रेडियो (®) अभिनय («) विज्ञापन (®) नत्ृय के हाव-भाव («) नोटिस (®) संकेत-भाषा («) टी. वी. (®) संदेश («) फैक्स (®) फोन («) इंटरनेट (®) मोबाइल («) इश्तहार (®) तार («) चित्र (®) Page No 67: Question 1:दोस्तों के साथ बात करके अदं ाज़ा लगाओ कि 50 साल बाद इनमेंक्या-क्या बदल जाएगा- ● फि ल्मों में…………… ● गाँव की हालत में…………………. ● तम्ुहारी परि चि त कि सी नदी में…………… ● स्कूल में…………… Answer:उत्तर- फि ल्मों में- फि ल्मेंबनाना सरल हो जाएगा। सोच के अनरुुप फि ल्मेंबनाई जा सकेंगी। इसमें अत्याधनिुनिक यत्रं ों का उपयोग करके मनचाहेदृश्यों को फि ल्माया जाएगा। क्या पता इसमेंकलाकारों को साल-सालभर तक काम करनेकी आवश्यकता ही नहींपड़।े उनके स्थान पर कंप्यटू र की सहायता ली जाए। गाँव की- गाँव भी शहरों की तलु ना मेंआधनिुनिक हो जाएँगे। यहाँपर भी अत्याधनिुनिक सचं ार के माध्यम पहुँच जाएँगे। हर गाँव का अपना बड़ा वि द्यालय होगा। हर गाँव शि क्षि त होगा। खेती करनेके लि ए अत्याधनिुनिक साधन उपलब्ध होगेंl तम्ुहारी परि चि त कि सी नदी में- नदी मेंगंदगी का वि शाल ढेर होगा। ऐसा भी हो सकता हैकि उसका अस्ति त्व ही समाप्त हो जाए। वहाँपर गगनचबंु ी इमारतेंबन जाए। स्कूल में- स्कूल मेंब्लकै बोर्ड और चाक के स्थान पर बड़-ेबड़ेपरदों के माध्यम सेसमझाया जाए। स्कूलों में वर्दी हटा दी जाए। इमारतों के स्थान पर बच्चों को प्रकृति के मध्य पढ़ाया जाए। (नोट: वि द्यार्थी इन प्रश्नों का उत्तर अपनेअनभु व पर देनेका प्रयाय करें।) Question 1: आसीमोव की कहानी 2155 यानी भवि ष्य मेंआनेवालेसमय के बारेमेंहै। फि र भी कहानी में‘थे’ का इस्तमे ाल हुआ हैजो बीतेसमय के बारेमेंबताता है। ऐसा क्यों है? Answer: ऐसा लि खनेका कारण हैकि कहानी बेशक भवि ष्य की हो। परन्तुइसमेंवर्तमर्त ान समय दि खाया गया है। वहाँके बच्चेआज के समय के बारेमेंबात कर रहेहैं, जो बीत गया है। इसलि ए इसमेंबीतेसमय को दर्शा ने वालेक्रि या शब्द ‘थे’ का प्रयोग कि या गया है। Question 2: (क) ‘जब मझु ेबहुत डर लगा था……’ ‘मैंजब छोटा था……’ इस शीर्षकर्ष सेजड़ुेकि सी अनभु व का वर्णनर्ण करो। (ख) तम्ुहें‘म’ैंशीर्षकर्ष सेएक अनच्ुछेद लि खना है। अपनेस्वभाव, अच्छाइयों, कमि यों, पसदं -नापसदं के बारे मेंसोचो और लि खो। या कि सी मचै का आखँ ों देखा हाल ऐसेलि खो मानो वह अभी तम्ुहारी आखँ ों के सामने हो रहा है। (ग) अगली छुट्टि यों मेंतम्ुहेंनानी के पास जाना है। वहाँतमु क्या-क्या करोगे, कैसेवक़्त बि ताओगे-इस पर एक अनच्ुछेद लि खा। तमु नेजो तीन अनच्ुछेद लि खेउनमेंसेपहलेका सबं धं उससेहैजो बीत चकु ा है। दसू रेमेंअभी की बात है और तीसरेमेंबाद मेंघटनेवाली घटनाओं का वर्णनर्ण है। इन अनच्ुछेदों मेंइस्तमे ाल की गई क्रि याओं को ध्यान सेदेखो। येबीतेहुए, अभी केऔर बाद के समय के बारेमेंबताती हैं। Answer: (क) ‘जब मझु ेबहुत डर लगा था……’ ‘मैंजब छोटा था……’ उस समय की बात है, जब मैंबहुत छोटा था। बारि श का समय था। आकाश मेंकालेबादल छाए हुए थे। मैं बाहर खेल रहा था। बादलों मेंगड़गड़ाहट हो रही थी। अचानक उसी समय एक भयकं र गर्जनर्ज ा नेमेरा दि ल दहला दि या। उस आवाज़ को सनु कर मैंबहुत डर गया। डर के मारेमैंकाँप रहा था। मझु ेसमझ नहींआ रहा था कि मैंक्या करूँ। माँनेभी वह आवाज़ सनु ी थी। वह मझु ेदेखनेघर सेनि कल आईं। मेरी हालत देखकर माँभी घबरा गई। माँमझु ेजल्दी घर के अदं र लेगई। माँनेबताया कि बारि श के दि नों मेंअकसर बि जली गि रती है। उस दि न के बाद मेंकभी बारि श मेंघर सेबाहर नहींनि कला। (ख) मैंएक अच्छा बालक हूँ। मैंसदैव बड़ों का कहना मानता हूँ। सबका आदर करता हूँ। मैंसदैव यह प्रयास करता हूँकि सबकी सहायता करूँऔर कि सी को कष्ट न दँ।ू समय पर पढ़ाई करता हूँऔर अपनेमि त्रों की सहायता भी करता हूँ। मेरेअदं र भी कुछ कमि याँहैं। मैंकि सी की बात का जल्दी बरुा मान जाता हूँ। मैंकम खाता हूँऔर अधि क बोलता हूँ। मझु ेपढ़ना और क्रि केट खेलना बहुत पसदं है। खानेमेंदाल-चावल और पि ज़्ज़ा अच्छा लगता है। दधू मैंरोज़ पीना पसदं करता हूँ। मझु ेजि द्द करना पसदं नहींहै। (ग) मेरी नानी मसरूी मेंरहती है। मैंआनेवाली छुट्टि यों मेंनानी के पास जाऊँगा। मेरी नानी बहुत अच्छी हैं। उन्होंनेमझु सेवादा कि या हैकि वेमझु ेसरुकंडा देवी और धनोल्टी लेकर जाएँगी। नानी के साथ मैंमसरूी मेंप्रसि द्ध लेखक रस्कि न बॉण्ड सेमि लनेभी जाऊँगा। इसके साथ ही मैंमॉल रोड़ मेंअपनेभाई-बहन के साथ खबू मौज-मस्ती करूँगा। वहाँपर ट्राली भी है, जि स पर मेंमसरूी की सदंुर वादि यों का आनदं लँगू ा। वहाँ की सदंुर वादि यों के मध्य मैंसदंुर चि त्रकारी बनाऊँगा और कवि ताएँभी लि खगूँ ा। (नोट: वि द्यार्थी इन प्रश्नों का उत्तर अपनेअनभु व पर देनेका प्रयाय करें।)
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Abhijeet 5 B 4 years ago

Uska bata

Snehal Sinha 4 years, 1 month ago

Apne bete ke bholepan se

Ritik Ritik 4 years, 1 month ago

Good morning

Ashutosh Gupta 4 years, 1 month ago

कारक

Utkarsh Dwivedi 4 years, 1 month ago

Uska beta bhola tha
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Anay Chaudhary 4 years, 1 month ago

Kya fir abhi

Anay Chaudhary 4 years, 1 month ago

Kya fir abhi

Anay Chaudhary 4 years, 1 month ago

Raat ko 10 baje milo

Anay Chaudhary 4 years, 1 month ago

I love you from krisna

Anay Chaudhary 4 years, 1 month ago

You love krisna

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