UP Board - Class 11 - गणित - सिलेबस
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Latest UP Board Syllabus for Class 11 गणित
UP Board syllabus for class 11 गणित 2018, 2019, and 2020 as per upmsp.edu.in. New curriculum. UP Board syllabus is available for free download in PDF format. Download latest UP Board syllabus of 11th गणित as PDF format. गणित syllabus for UP Board class 11 is also available in myCBSEguide app, the best app for UP Board students.
UP Board Academics Unit - Curriculum Syllabus
UP Board has special academics unit to design curriculum and syllabus. The syllabus for UP Board class 11 गणित is published by upmsp.edu.in Central Secondary Education, Head Office in Lucknow. The latest syllabus for class 11 गणित includes list of topics and chapters in गणित. UP Board question papers are designed as per the syllabus prescribed for current session.
UP Board Syllabus category
- Secondary School Curriculum (class 9 and class 10)
- Senior School Curriculum (class 11 and class 12)
- Vocational Courses (Class 11 and class 12)
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद
कक्षा-11 गणित
पाठ्यक्रम तथा पाठ्य-पुस्तकें
प्रथम प्रश्न-पत्र
अधिकतम अंक : 50
इकाई |
शीर्षक |
अंक |
---|---|---|
1. |
समुच्चय तथा फलन |
20 |
2. |
त्रिकोणमिति फलन |
14 |
3. |
गणितीय विवेचना |
06 |
4. |
निर्देशांक ज्यामिति |
10 |
कुल अंक-50 |
इकाई-1. समुच्चय तथा फलन
1-समुच्चय- (08 अंक)
समुच्चय तथा उसका निरूपण, रिक्त समुच्चय, परिमित तथा अपरिमित समुच्चय, सम समुच्चय, उप समुच्चय, वास्तविक संख्याओं के समुच्चय के उप समुच्चय विशेषकर अन्तराल के रूप में (संकेतन सहित) अधिसमुच्चय, समष्टीय समुच्चय, वेन आरेख, समुच्चयों का सम्मिलन तथा सर्वनिष्ट, समुच्चयों का अन्तर, पूरक समुच्चय, पूरक समुच्चय के गुण।
2. सम्बन्ध तथा फलन- (12 अंक)
क्रमित युग्म, समुच्चयों का कार्तीय गुणन, दो परिमित समुच्चयों के कार्तीय गुणन में अवयवों की संख्या, वास्तविक संख्याओं का अपने से कार्तीय गुणन (R×R×R तक), सम्बन्ध की परिभाषा, चित्रीय आरेख, सम्बन्ध का प्रांत, सहप्रांत तथा परास। एक समुच्चय से दूसरे समुच्चय पर फलन एक विशेष प्रकार का सम्बन्ध, फलन का चित्रीय निरूपण, एक फलन का प्रांत, सहप्रांत तथा परास, वास्तविक चरों के वास्तविक मान फलन, इन फलनों का प्रांत तथा परास अचर, तत्समक, बहुपद, परिमेयी, मापांक, चिन्ह तथा महत्तम पूर्णाक फलन तथा उनके आलेख, फलनों का योग, अन्तर, गुणन तथा भागफल।
सम्बन्धों के प्रकार : स्वतुल्य, सममित, संक्रामक तथा तुल्यता सम्बन्ध, एकैकी तथा आच्छादक फलन, संयुक्त फलन, एक फलन का व्युत्क्रम, द्विआधारी संक्रियायें।
इकाई 2. त्रिकोणमितीय फलन- (14 अंक)
धनात्मक और ऋणात्मक कोण, कोणों की रेडियन तथा डिगरी में माप तथा उनका एक मापन से दूसरे में रूपान्तरण, इकाई वृत की सहायता से त्रिकोणमितीय फलनों की परिभाषा। X के सभी मानों के लिए तत्समक Sin2X+Cos2X = 1 का सत्यापन। त्रिकोणमितीय फलनों के चिन्ह तथा उनके आलेख का चित्रण। Sin(x ± y) तथा Cos (x ± y) के Sin X, Cos X तथा Sin y, Cos y रूप में अभिव्यक्ति।
निम्न प्रकार के तत्समकों का निगमन करना :
tan (x + y) = tanx±tany1±tanxtanytanx±tany1±tanxtany cot (x ± y) =cotxcoty±1coty±cotxcotxcoty±1coty±cotx
sin x + sin y = 2Sinx+y2cosx−y22Sinx+y2cosx−y2 cos x + cos y = 2Cosx+y2cosx−y22Cosx+y2cosx−y2
sin x – sin y = 2cosx+y2Sinx−y22cosx+y2Sinx−y2 cos x – cos y = 2Sinx+y2cosy−x22Sinx+y2cosy−x2
sin2x, cos2x, tan2x, sin3x, cos3x, तथा tan3x से सम्बन्धित तत्समक sinθ = sinα, cosθ = cosα तथा tanθ = tanα प्रकार के त्रिकोणमितीय समीकरणों के सामान्य हल।
sine तथा cosine नियमों का निगमन तथा साधारण प्रयोग।
इकाई-3. गणितीय विवेचना (06 अंक)
गणित में मान्य कथन, संयोजक शब्द/वाक्यांश-यदि और केवल यदि (आवश्यक तथा पर्याप्त) प्रतिबन्ध अन्तर्भाव (implies) ‘और’ ‘या’ से अन्तर्निहित है (implied by) ‘और’ ‘या’ एक ऐसे का अस्तित्व है की समझ को पक्का करना तथा उनका दैनिक जीवन तथा गणित से लिये उदाहरणों द्वारा तथा इनमें प्रयोग संयोजक शब्दों सहित कथनों की वैधता को सत्यापित करना। विरोध विलोम तथा प्रतिधनात्मक के बीच अन्तर।
इकाई-4. निर्देशक ज्यामिति (10 अंक)
1-सरल रेखा
पिछली कक्षाओं से द्वि आयामी संकल्पनाओं (2D) का दोहराना।
मूल बिन्दु का स्थानान्तरण एक रेखा की ढाल तथा दो रेखाओं के बीच का कोण।
रेखा के समीकरण के विविध रूप, अक्षों के समान्तर, बिन्दु-ढाल रूप, ढाल अन्तःखण्ड रूप, दो बिन्दु रूप, अन्तःखण्ड रूप तथा लम्बरूप, एक रेखा का व्यापक समीकरण, दो, रेखाओं के प्रतिच्छेद बिन्दु से होकर जाने वाली रेखाओं के समीकरण, एक बिंदु की एक रेखा से दूरी।
द्वितीय प्रश्न-पत्र (50 अंक)
बीजगणित
1. |
बीज गणित |
15 अक |
2. |
श्रेणी एवं द्विपद प्रमेय |
20 अंक |
3. |
सांख्यकी तथा प्रायिकता |
10 अंक |
4. |
सीमा तथा सततता |
05 अंक |
इकाई-1.
(1)-गणितीय आगमन का सिद्धान्त (05 अंक)
आगमन द्वारा उत्पत्ति के प्रक्रम। इस तरीके के अनुप्रयोग की प्रेरण प्राकृतिक संख्याओं को वास्तविक संख्याओं के न्यूनतम आगमनिक उपसमुच्चयन के रूप में देखने से लेना। गणितीय आगमन का सिद्धान्त तथा उसके सामान्य अनुप्रयोग।
(2)-सम्मिश्र संख्यायें तथा द्विघात समीकरण (10 अंक)
सम्मिश्र संख्याओं की आवश्यकता, विशेषतया −1−−−√−1 के लाने की प्रेरणा सभी द्विघात समीकरणों का हल न कर पाने की अयोग्यता पर।
सम्मिश्र संख्याओं के बीजीय गुणधर्मों का संक्षिप्त विवरण।
आरगंड तल तथा सम्मिश्र संख्याओं का ध्रुवीय निरूपण।
बीजगणित के मूल प्रमेय का कथन।
सम्मिश्र संख्याओं की पद्धति (निकाय) में द्विघात समीकरणों के हल।
सम्मिश्र संख्याओं का वर्गमूल, इकाई का घनमूल तथा उसके गुण।
इकाई-2
(1)-अनुक्रम तथा श्रेणी (06 अंक)
अनुक्रम तथा श्रेणी, समान्तर श्रेणी समान्तर माध्य, गुणोत्तर श्रेणी के n पदों का योग, गुणोत्तर माध्य, समान्तर माध्य तथा गुणोत्तर माध्य के बीच सम्बन्ध। हरात्मक श्रेणी, हरात्मक माध्य।
∑n,∑n2∑n,∑n2 तथा ∑n3∑n3 के n पदों का योग।
(2)-क्रमचय तथा संचय (07 अंक)
गणना का आधारभूत सिद्धान्त, फैक्टोरियल (n !), क्रमचय तथा संचय सूत्रों की व्युत्पत्ति तथा उनका सम्बन्ध साधारण अनुप्रयोग।
(3)-द्विपद प्रमेय (07 अंक)
ऐतिहासिक वर्णन, द्विपद प्रमेय का धन पूर्णांकीय घातकों के लिए कथन तथा उत्पत्ति, पाश्कल का त्रिभुज द्विपद प्रमेय के प्रसार में व्यापक पद तथा मध्य पद। सरल अनुप्रयोग। द्विपद गुणांक।
इकाई-3. सांख्यिकी तथा प्रायिकता
(1)-सांख्यिकी (06 अंक)
प्रकीर्णन के माप, वर्गीकृत तथा अवर्गीकृत आंकड़ों के लिए माध्य विचलन, प्रसरण तथा मानक विचलन। उन बारंबारता बंटनों का विश्लेषण जिनका माध्य समान हो लेकिन प्रसरण अलग-अलग हो।
(2)-प्रायिकता (04 अंक)
यादृच्छिक परीक्षण, परिणाम, प्रतिदर्श समष्टि (समुच्चय रूप में) घटनाओं का घटित होना, घटित न होना, not तथा (and) ‘और’ ‘या’ निःशेष घटनायें, परस्पर अपवर्जी घटनायें। प्रायिकता की अभिगृहीतीय दृष्टिकोण (समुच्चय उपगमन)। पिछली कक्षा के प्रायिकता सिद्धान्तों से सम्बन्ध। एक घटना की प्रायिकता। ‘not’ ‘and’ & ‘or’ घटनाओं की प्रायिकता।
प्रायिकता का गुणन नियम, सप्रतिबन्ध प्रायिकता, स्वतंत्र घटनायें, कुल प्रायिकता, वेज प्रमेय, यादृच्छिक चर और प्रायिकता बंटन, यादृच्छ चर का माध्य तथा प्रसरण, बरनौली परीक्षण तथा द्विपद बंटन।
इकाई-4. सीमा तथा सततता (05 अंक)
सीमा का सहजानुभूत बोध, सीमाओं पर प्रमेय, सीमा का अस्तित्व, फलन की सीमा ज्ञात करने की विधि, सततता, ज्यामिति परिभाषा, संतत्य एवं असंतत्य, फलन के किसी बिन्दु पर सांतत्य, कांशी परिभाषा, एक अन्तराल में फलन का सांतत फलों पर प्रमेय।
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