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UP Board - Class 11 - अर्थशास्त्र - सिलेबस

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सिलेबस for Class 11 अर्थशास्त्र

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अर्थशास्त्र

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Latest UP Board Syllabus for Class 11 अर्थशास्त्र

Latest UP Board Syllabus for Class 11 अर्थशास्त्र

UP Board syllabus for class 11 अर्थशास्त्र 2018, 2019, and 2020 as per upmsp.edu.in. New curriculum. UP Board syllabus is available for free download in PDF format. Download latest UP Board syllabus of 11th अर्थशास्त्र as PDF format. अर्थशास्त्र syllabus for UP Board class 11 is also available in myCBSEguide app, the best app for UP Board students.

UP Board Academics Unit - Curriculum Syllabus

UP Board has special academics unit to design curriculum and syllabus. The syllabus for UP Board class 11 अर्थशास्त्र is published by upmsp.edu.in Central Secondary Education, Head Office in Lucknow. The latest syllabus for class 11 अर्थशास्त्र includes list of topics and chapters in अर्थशास्त्र. UP Board question papers are designed as per the syllabus prescribed for current session. 

UP Board Syllabus category

  • Secondary School Curriculum (class 9 and class 10)
  • Senior School Curriculum (class 11 and class 12)
  • Vocational Courses (Class 11 and class 12)

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद
कक्षा-11 अर्थशास्त्र
पाठ्यक्रम तथा पाठ्य-पुस्तकें

अध्ययन के उद्देश्य-

  1. उच्चतर माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों को इस प्रकार तैयार करना, जिससे कि वह आगे चलकर विश्वविद्यालय कक्षाओं में अर्थशास्त्र के अध्ययन का लाभ उठा सकें।
  2. आर्थिक वातावरण के सम्बन्ध में उन्हें ज्ञान प्रदान करना।
  3. देश के नगर तथा ग्राम सम्बन्धी समस्याओं का ज्ञान प्राप्त करवाना जिससे वह उदार प्रवृत्ति के बनें, राष्ट्रीय एकता की पृष्ठभूमि से विचार करें और संकीर्ण दृष्टिकोण के शिकार होने से बचें।
  4. साधनों के वैकल्पिक प्रयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना।
  5. विभिन्न प्रकार की आर्थिक प्रणालियों का ज्ञान प्राप्त करना।
  6. भारतीय अर्थ व्यवस्था के लक्षण, कमियों और कठिनाइयों का ज्ञान प्राप्त करना।
  7. नियोजन की उपलब्धियों तथा उसक मार्ग में आने वाले अवरोधों को समझने की क्षमता उत्पन्न करना।

पाठ्यक्रम

तीन-तीन घण्टे के दो प्रश्न-पत्र होंगे। प्रत्येक प्रश्न-पत्र के लिये अधिकतम 50 अंक होंगे। प्रत्येक प्रश्न-पत्र में 10 अंक का वस्तुनिष्ठ प्रश्न अनिवार्य होगा।

अर्थशास्त्र लेने वाले छात्रों के अन्दर देश के आर्थिक प्रगति की व्यवहारिक जानकारी जागृत करने की दृष्टि से उनसे दो वर्षों में एक बार देहाती क्षेत्र एवं एक बार किसी औद्योगिक क्षेत्र का सर्वेक्षण विद्यालयों द्वारा अपने संसाधनों से कराया जाय।

प्रथम प्रश्न-पत्र (पूर्णांक 50)
अर्थशास्त्र के सिद्धान्त

  1. अर्थशास्त्र का परिचय- 
    (क) प्राचीन एवं नवीन परिभाषायें-एडम स्मिथ, मार्शल, राबिन्स, जे० के० मेहता की परिभाषायें तथा उनकी व्याख्या।  (10 अंक)
    (ख) विषय, क्षेत्र तथा अन्य विज्ञानों/शास्त्रों से सम्बन्ध।
  2. उपभोग-अर्थ तथा महत्व, सीमान्त तथा कुल तुष्टिगुण, उपयोगिता हास नियम, मांग का नियम, मांग की कीमत (मूल्य), सापेक्षता, उपभोक्ता की बचत। (15 अंक)
  3. उत्पादन-
    (क) अर्थ तथा महत्व, उत्पादन एवं उपभोग में सम्बन्ध, उत्पत्ति के नियम। (15 अंक)
    (ख) उत्पादन के साधन-
    1. भूमि-परिभाषा, लक्षण।
    2. श्रम-परिभाषा व लक्षण, श्रम की कार्य क्षमता तथा उसे प्रभावित करने वाले तत्व, माल्थस का जनसंख्या सिद्धान्त तथा उसका प्रभाव। कृषि तथा उद्योगों के श्रमिकों की समस्यायें।
    3. पूंजी-परिभाषा, चल तथा अचल पूंजी, पूंजी निर्माण, अर्थ एवं विधियां।
    4. संगठन-श्रम विभाजन तथा उसका प्रभाव, एकाकी साझेदारी और संयुक्त पूंजी कम्पनी।
    5. उद्यम-अर्थ, कार्य, आदर्श उद्यमी के गुण।
  4. मुद्रा-अर्थ, प्रकार और कार्य।  (10 अंक)

द्वितीय प्रश्न-पत्र (पूर्णाक 50)
(
भारत का आर्थिक विकास)

  1. अर्थ व्यवस्था के स्वरूप (05 अंक)
    (क) आर्थिक विकास की दृष्टि से विकसित, विकासशील देश।
    (ख) पूंजीवादी, समाजवादी एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था अर्थ, विशेषतायें।
  2. भारतीय अर्थ व्यवस्था के लक्षण। (05 अंक)
  3. भारत की राष्ट्रीय आय की मुख्य प्रवृत्तियां। (05 अंक)
  4. भारतीय अर्थ व्यवस्था में कृषि का योगदान। (15 अंक)
    (क) महत्व एवं विशेषतायें, कृषि में विकास की अभिनव प्रवृत्तियां, अल्प उत्पादकता के कारण और निवारण के उपाय।
    (ख) भूमि अपखण्डन-कारण तथा प्रभाव, भूमि सुधार-जमींदारी उन्मूलन, हृदबन्दी, चकबन्दी। कृषि आदान (इनपुट्स)-बीज, खाद, सिंचाई आदि।
    (ग) कृषि साख-आवश्यकता एवं महत्व, स्रोत। (घ) कृषि उत्पाद-भण्डारण एवं विपणन, कठिनाइयां तथा समाधान के उपाय।
    (ङ) पंचवर्षीय योजनाओं में कृषि विकास।
  5. भारतीय अर्थ व्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्रों का योगदान-कुटीर उद्योग, छोटे तथा बड़े पैमाने के उद्योग, उद्योगों का स्थानीयकरण, पंचवर्षीय योजनाओं में उद्योगों का विकास, औद्योगीकरण की अभिनव प्रवृत्तियां-विकेन्द्रीकरण, निजीकरण, उदारीकरण एवं सार्वभौमीकरण, बहुराष्ट्रीय कम्पनियां-औद्योगिक विकास की समस्यायें एवं सुझाव।  (15 अंक)
  6. पर्यावरणीय सुरक्षा-प्रदूषण प्रकार, रोकने के उपाय, प्रदूषण जन्य पदार्थों का प्रबंधन, नदी, झील, वन, पशु, जीव-जन्तु संरक्षण, वन नीति, ओजोन समस्या, जैव विविधतायें तथा प्रभाव। (05 अंक)

पाठ्य-पुस्तकें- (2) अर्थशास्त्र भाग-1



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