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CBSE - Class 08 - हिंदी - User Submitted Papers

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CBSE User Submitted Papers Class 8 Hindi

CBSE User Submitted Papers Class 8 Hindi

CBSE Hindi model question paper

CBSE User Submitted Papers for class 8 Hindi and User Submitted Papers & Solutions of 10+2 Hindi are made available by CBSE every year just after the board exams are over. CBSE marking scheme and blue print is provided along with the User Submitted Papers. This helps students find answer the most frequently asked question, How to prepare for CBSE board exams. The best way to prepare for board exams is to understand the questions pattern and practice them as given in User Submitted Papers.

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Board User Submitted Papers of class 8 Hindi

CBSE class 8 Board Submitted Papers for Hindi for the year 2018, 2017, 2016, 2015 with solutions in PDF format for free download. The User Submitted Papers last 10 year for all – NCERT books and based on CBSE latest syllabus must be downloaded and practiced by students. These old 5 to 10 year board User Submitted Papers are the best source to understand question paper pattern and chapter wise weightage in class 8th Hindi question paper.

Chapter-wise class 8 Hindi exam

मातृभाषा के रूप में हिंदी
(कक्षा 8)

प्रस्तावना

छठी से आठवीं कक्षा के बच्चे किशोरावस्था में कदम रख रहे होते हैं।

यह दौर मन, मानस और शारीरिक परिवर्तन की दृष्टि से संवेदनशील होता है।

इस नये संधिा काल में स्कूल, कक्षा और शिक्षक की सकारात्मक भूमिका छात्र-छात्रओं की ऊर्जा और जिज्ञासा को सार्थक स्वस्थ दिशा दे सकती है ताकि मननशील और संवेदनशील व्यक्ति के रूप में उनका विकास हो सके। इसके लिए जरूरी है कि वे कक्षा के साथ भावनात्मक और बोद्धिक जुड़ाव महसूस कर सकें।

सौंदर्यबोर्धा, साहित्यबोधा और सामाजिक-राजनैतिक बोधा के विकास की दृष्टि से स्कूली जीवन का यह चरण अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चरण में ऐसे कई किस्म के बोधाों और दृष्टियों के अंकुर फ़ूटते हैं। चाहे भाषायी सौंदर्य हो या परिवेशगत, कोई चीज सुंदर है तो क्यों है। यदि कोई वस्तु, रचना, फि़ल्म आदि अच्छी है तो वे कौन से बिंदु हैं जो उसे अच्छा बनाते हैं, उनके बारे में स्पष्ट सोचहोना बहुत ज़रूरी है।

प्रारंभिक कक्षाओं में समझकर पढ़ना सीख लेने के बाद अब छात्र-छात्रएं पढ़ते समय किसी रचना से भावनात्मक रूप से जुड़ भी सकें और कोई नई किताब या रचना सामने आने पर उसे उठाकर पलटने और पढ़ने की उत्सुकता उनमें पैदा हो। समाचार पत्र के विभिन्न पन्नों पर क्या छपता है इस बात की जानकारीउन्हें हो। समाचार पत्र में छपी किसी खबर, लेख या कही गई किसी बात का निहितार्थ क्या है?

छात्र-छात्रएं उसमें झलकने वाले सोच, पूर्वाग्रह और सरोकार आदि को पहचान पाएँ।

कुल मिलाकर प्रयास यह होना चाहिए कि इस चरण के पूरा होने तक छात्र-छात्रएँ किसी भाषा, व्यक्ति, वस्तु, स्थान, रचना आदि का विश्लेषण करने, उसकी व्याख्या करने और उस व्याख्या को आत्मविश्वास व स्पष्टता के साथ अभिव्यक्त करने के अभ्यस्त होने लगें।

उद्येश्य

  • निजी अनुभवों के आधाार पर भाषा का सृजनशील इस्तेमाल।
  • दूसरों के अनुभव से जुड़ पाना और उनके परिप्रेक्ष्य से चीजों, स्थितियों तथा घटनाओं को समझने की क्षमता का विकास।
  • भाषा की बारीकी और सौन्दर्यबोधा को सही रूप में समझने की क्षमता का विकास।
  • दृश्य और श्रव्य माधयमों की सामग्रियों द्धबाल साहित्य, पत्र-पत्रिकाएं, दूरदर्शन व कम्प्यूटर जनित कार्यक्रम, नाटक, सिनेमा, परिचर्चा, भाषण आदिऋ को पढ़कर,देखकर और सुनकर समझने तथा उस पर स्वतंत्र व स्वाभाविक मौखिक एवं लिखित प्रतिक्रिया व्यक्त करने की क्षमता का विकास।
  • विभिन्न साहित्यिक विधााओं और ज्ञान से संबंधिात अन्य विषयों की समझ का विकास तथा उससे आनंद उठाने की क्षमता का विकास।
  • पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त अभिनय, गीत, संवाद, परिचर्चा, अन्त्याक्षरी, घटनावर्णन, प्रश्नोत्तरी, भाषण, खेल-कूद व अन्य महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम सहगामी क्रिया-कलापों के आधाार पर भाषा और साहित्य को समझना।
  • पठित, लिखित और सुने हुए भाषिक ज्ञान से संबंधिात सामग्रियों का तार्किक दृष्टि से अधययन करने की प्रवृति का विकास।
  • सरसरी तौर पर किसी पाठ को देखकर उसकी विषयवस्तु का पता करने के कौशल का विकास और उसमें किसी विशेष बिंदु को खोजने के लिए पाठ की बारीकी से जाँच करने की क्षमता का विकास।
  • सुनी, पढ़ी और समझी हुई भाषा को सहज और स्वाभाविक लेखन द्वारा अभिव्यक्त करने की क्षमता का विकास।
  • शब्दों, मुहावरों, लोकोक्तियों और कहावतों का सुचिंतित प्रयोग करने की प्रवृति का विकास
  • मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति में संदर्भ और आवश्यकतानुसार समुचित भाषा शैली व प्रयोग को चुनने की समझ का विकास।
  • भाषा की नियमब) प्रकृति को पहचानना और उसका विश्लेषण करना।

पाठ्यसामग्री

छठी से आठवीं कक्षा में मातृभाषा हिंदी के शिक्षण में मदद देने के लिए जो पाठ्यपुस्तक तैयार की जाए उसमें पंद्रह से अठारह पाठ हो सकते हैं। पाठों का चुनाव करते समय इस बात की सावधाानी रखना जरूरी है कि वे आरंभिक शिक्षा व्यवस्था के छा़त्र-छात्रओं के संवेदना लोक के साथी बन सकें। पाठ कुछ पूर्वनिर्धाारित संदेशों को पहुँचाने के मकसद से गढ़े नहीं जाएँ। पाठ हमउम्र विद्यार्थियों के सपनों, उम्मीदों, आशंकाओं और उनकी विस्तृत हो रही दुनिया के संदर्भ में प्रामाणिक प्रतीत होना चाहिए। जरूरी है कि अलग-अलग अनुभवक्षेत्रें से जुड़े लोगों के लिखे पाठ चुने जाएँ। पाठों के चयन में ‘महानता’ शर्त नहीं है। शुचिता से अधिाक संवेदना की सच्चाई पर धयान देना चाहिए।

  • आवश्यकतानुसार पाठगत संदर्भों के आधाार पर भाषा की संरचनाओं की समकालीन शैलियों/रूपों को धयान में रखते हुए शिक्षण संदर्शिका भी तैयार की जा सकती है। विद्यार्थियों की रुचि और रुझान के अनुसार ही पास-पड़ोस सहित सम्पूर्ण परिवेश की भाषिक समृधि) का भाषा, साहित्य व अन्य विषयगत शिक्षण युक्ति में अधिाक से अधिाक उपयोग किया जाना चाहिए। अतः प्रयोग और उपयोग के क्रम में कक्षा-अधयापन में विद्यार्थियों के सहज, स्वाभाविक भाषा कौशलों की समृधि) में आवश्यक पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त अभ्यास एवं परियोजना कार्य में भाषण, परिचर्चा, संवाद, श्रुतलेख, वाचन तथा विभिन्न समस्याओं पर वाद-विवाद जैसे कार्यों को शिक्षण विधिा में शामिल कर विद्यार्थियों को अधिाक से अधि शक वैज्ञानिक दृष्टियुक्त, चिंतनशील और स्वावलंबी बनाया जा सकता है।

पूरकपाठ्यपुस्तके : तीनों कक्षाओं (6,7,8) के लिए स्थायी महत्व की एक-एक पुस्तकें निर्धाारित की जाएगी जिससे बच्चों में पठन रुचि का विकास हो सके।

विद्यार्थियों की पढ़ने में रुचि जगाने एवं भाषा ज्ञान में वृधि) के लिए पाठ्यपुस्तक के अतिरिक्त पठन सामग्री विकसित की जा सकती है। इस सामग्री की सूची पुस्तक के अंत में दी जाएगी। इसका धयान रखना जरूरी है कि किताबें सिफ़ऱ् कहानी, कविता और उपन्यास न हों, बल्कि वे जानकारी और दूसरे क्षेत्रें से भी जुड़ीहुइंर् हों। छात्र-छात्रएँ अपनी रुचि के अनुसार पढ़ने के लिए किताबों का चुनाव कर सकते हैं। स्कूल में वे सारी पुस्तकें उपलब्धा होनी चाहिए। किताबों में हिंदीतर भाषा को भी जगह मिलनी चाहिए। पूरक सामग्री का इस्तेमाल छात्र-छात्रओं में पढ़ने की रुचि विकसित करने के मकसद से किया जाना चाहिए। इसलिए वे वार्षिक परीक्षा के दायरे में नहीं आएंगी। उनके ज़रिए अधययन को इसका पता करने में मदद मिलेगी कि छात्र-छात्राओ की पढ़ने की रुचि, क्षमता के विकास की गति क्या है।

  • समसामयिक मुद्दों और बच्चों के संज्ञानात्मक स्तर से जुड़े मुद्दों पर कक्षा में समूह में परिचर्चा आयोजित की जा सकती है।
  • बच्चों द्वारा पढ़ी गई कहानियों का समूह में नाट्य-रूपांतरण आयोजित किया जा सकता है।
  • पढ़ी हुई रचनाओं के आधाार पर अपनी रचना और फ़ैंटेसी के साथ नई रचना कर सकते हैं।
  • चित्रें व फ़ोटोग्राफ़ों का छात्र-छात्रएँ गहराई से मौखिक या लिखित विश्लेषण करेंगे।
  • बच्चों को मौखिक प्रश्न पूछने के लिए और रचनाओं पर सच्ची प्रतिक्रिया करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • शब्दकोशों से बच्चों को परिचित कराने के लिए उससे जुड़ी हुई गतिविधिायाँ कराई जा सकती हैं।
  • अख़बारों, पत्रिकाओं और विभिन्न विषयों की किताबों का भरपूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • विज्ञापनों, पोस्टरों, साइनबोर्ड और भाषा के अन्य उपयोगों का विश्लेषण कक्षा शिक्षण में किया जाना चाहिए।
  • पठन-सामग्री के संदर्भ के माधयम से छात्र-छात्रओं का धयान भाषा की बारीकी की ओर दिलाया जा सकता है, जैसे- अनुमति-आदेश, शांति-सन्नाटा, प्रेरक-प्रेरित, बाँह-हाथ-हथेली में अंतर। ऐसे शब्दो और मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य बनाने की बजाय छात्र-छात्रओं को संदर्भ में शब्द या मुहावरेका प्रयोग करने को कहा जाए।
  • कोई भी विषय, कार्यक्षेत्र, भाषायी रूप न जानने योग्य नहीं होता। विभिन्न कार्यक्षेत्रें से जुड़ी प्रयुक्ति द्धविशिष्ट भाषा-प्रयोगऋ से छात्र-छात्रओं को परिचित कराने के अवसर जुटाए जा सकते हैं, जैसे- खेल, लोहारगीरी, बुनकरी, फ़ोटोग्राफ़ी, इससे कुछ छात्र-छात्रओं की सामाजिक व पारिवारिक पृष्ठभूमि को कक्षा में स्वीकृति मिलेगी।
  • कक्षा में छात्र-छात्रओं की विविधा केंद्रिक और अन्य क्षमताओं के साथ संबंधा बनाते हुए गतिविधिायों की भी जरूरत है, उदाहरण के लिए वातावरण में व्याप्त मूल धवनियों का गहराई से विश्लेषण किया जा सकता है या परिवेश में उपस्थित वृक्ष, फ़ूल आदि की गंधा की सूक्ष्म संवेदना विकसित की जा सकती है।

 CBSE Hindi User Submitted Papers General Instructions

सामान्य निर्देश-

  • इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं- क, ख, ग और घ। चारों खंडों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • प्रश्नों के सभी उपभागों के उत्तर क्रमशः दीजिए।
  • इस प्रश्न पत्र में 6 प्रश्न हैं।

 Class 8 Hindi Questions Papers and syllabus

CBSE class 8 Hindi have following chapters. Questions are asked from these chapters. CBSE schools are advised to follow NCERT text books. Here is the list of chapters in class 8th Hindi.

Class 8 Hindi List of Chapters NCERT Book

  • पाठ-01 ध्वनि
  • पाठ-02 लाख की चूड़ियाँ
  • पाठ-03 बस की यात्रा
  • पाठ-04 दीवानों की हस्ती
  • पाठ-05 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
  • पाठ-06 भगवान के डाकिए
  • पाठ-07 क्या निराश हुआ जाए
  • पाठ-08 यह सब से कठिन समय नहीं
  • पाठ-09 कबीर की साखियाँ
  • पाठ-10 कामचोर
  • पाठ-11 जब सिनेमा ने बोलना सिखा
  • पाठ-12 सुदामा चरित
  • पाठ-13 जहाँ पहिया है
  • पाठ-14 अकबरी लोटा
  • पाठ-15 सूरदास के पद
  • पाठ-16 पानी की कहानी
  • पाठ-17 बाज और साँप
  • पाठ-18 टोपी

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