भारतीय संविधान में अधिकार.व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास हेतअधिकारों की आवश्यकता होती है। ये भारतीय संविधान के भाग तीन में मौलिक अधिकारों के रूप में भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
संविधान द्वारा प्रदत्त और संरक्षित अधिकारों की सूची को ‘अधिकारों का घोषणा पत्र’ कहते हैं जिसकी मांग 1928 में नेहरू जी ने उठाई थी।