फ्रांस की क्रांति सन् 14 जुलाई 1789 ई० को बास्तील की घटना से शुरू हुआ। फ्रांस का एक वर्ग पादरियों, सामन्तों और उच्च पदों के अधिकारियों जो वैभव एवं विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करते थे, वहीं साधारण वर्ग की दशा बदहाल थी। राजा की निरंकुशता, दुर्व्यवस्था एवं कुशासन से फ्रांस की साधारण जनता ऊब चुकी थी। जिसके परिणाम स्वरूप 1789 ई० को फ्रांस में भीषण जन-विद्रोह हुआ और फ्रांस के तत्कालीन राजा 'लुई सोलहवाँ' एवं रानी 'मेरी अन्तोआंत' के मौत के घाट उतार दिए। यह क्रांति 18 जून 1815 ई० को वाटर लू के युद्ध के साथ समाप्त हुआ। इस क्रांति के फलस्वरूप यहाँ के निरंकुश राजतन्त्र का अंत हुआ और फ्रांस में लोकतन्त्र की स्थापना हुई।