सीबीएसई कक्षा बारहवीं के लिए हिंदी कोर के प्रश्न पत्र, नोट्स, मॉडल पेपर्स, सिलेबस तथा अन्य अध्ययन सामग्री. इस पाठ में, लेखक ने बताया है कि आदर्श समाज में तीन तत्त्व अनिवार्यतः होने चाहिए-समानता, स्वतंत्रता व बंधुता| इनसे लोकतंत्र सामूहिक जीवनचर्या की एक रीती तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया के अर्थ तक पहुँच सकता है | इस पाठ में लेखक ने जातिवाद के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव को सभ्य समाज के लिए हानिकारक बताया है। जाति आधारित श्रम विभाजन को अस्वाभाविक और मानवता विरोधी बताया गया है। यह सामाजिक भेदभाव को बढ़ाता है। जातिप्रथा आधारित श्रम विभाजन में व्यक्ति की रुचि को महत्व नहीं दिया जाता फलस्वरूप विवशता के साथ अपनाए गए पेशे में कार्य-कुशलता नहीं आ पाती। लापरवाही से किए गए कार्य में गुणवत्ता नहीं आ पाती और आर्थिक विकास बुरी तरह प्रभावित होता है।