सीबीएसई कक्षा बारहवीं के लिए हिंदी कोर के प्रश्न पत्र, नोट्स, मॉडल पेपर्स, सिलेबस तथा अन्य अध्ययन सामग्री. उषा कविता में सूर्योदय के समय आकाश मंडल में रंगों के जादू का सुन्दर वर्णन किया गया है। सूर्योदय के पूर्व प्रातःकालीन आकाश नीले शंख की तरह बहुत नीला होता है। भोरकालीन नभ की तुलना काली सिल से की गयी है जिसे अभी-अभी केसर पीसकर धो दिया गया है। कभी कवि को वह राख से लीपे चौके के समान लगता है, जो अभी गीला पड़ा है। नीले गगन में सूर्य की पहली किरण ऐसी दिखाई देती है मानो कोई सुंदरी नीले जल में नहा रही हो और उसका गोरा शरीर जल की लहरों के साथ झिलमिला रहा हों।