अपठित गद्यांश के अंतर्गत किसी अपठित अनुच्छेद को पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। ध्यान यह रखना होता है कि उत्तर वही दिए जाएँ जो उस अनुच्छेद में दिए गए हों। छात्र को अपनी ओर से नई जानकारी नहीं देनी चाहिए। अपठित गद्यांश का बार-बार मूक वाचन करके उसे समझने का प्रयास करें। इसके पश्चात प्रश्नों को पढ़ें और गद्यांश में संभावित उत्तरों की रेखांकित करें। जिन प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट न हों, उनके उत्तर जानने हेतु गद्यांश को पुन: ध्यान से पढ़ें। प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में दें। उत्तर संक्षिप्त एवं भाषा सरल और प्रभावशाली होनी चाहिए। यदि कोई प्रश्न शीर्षक देने के संबंध में हो तो ध्यान रखें कि शीर्षक मूल कथ्य से संबंधित होना चाहिए। शीर्षक गद्यांश में दी गई सारी अभिव्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाला होना चाहिए। अंत में अपने उत्तरों को पुन: पढ़कर उनकी त्रुटियों को अवश्य दूर करें।