व्यावसायिक वित्त के स्त्रोत वित्त के स्त्रोत अर्थात धन प्राप्ति के स्त्रोत व्यवसाय में 2 बतलाये गये हैं- व्यापारी की खुद की पूंजी जिससे वह व्यापार करता है। एवं लाभ-हानि स्वयं पाता हैं उस लाभ हानि एक एक भाग अपने पास रखकर एक भाग व्यापार मे पूर्व: लगा देता है आन्तरिक स्त्रोत के अन्तर्गत आता है। बाह्य स्त्रोत के अन्तर्गत साहूकार बैंक, ग्राहक, विक्रेता, वित्तीय संस्थाएँ आदि से ऋर्ण लेकर व्यापार करना बाह्य स्त्रोत के अन्तर्गत आता है।