धर्मनिरपेक्षता. आज के दौर में धर्मनिरपेक्षता का सिद्धान्त सभी समाजों में स्वीकार्य है। इसके अनुसार धर्म को व्यक्तिगत मामला माना गया है। राज्य इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करता। राज्य द्वारा सभी धर्मो को आदर देना तथा धर्म प्रभावी समूहों को राजनीति व सत्ता से स्वतंत्र व अलग रखना पंथनिरपेक्षता कहलाता है।