वायुमंडल का संघटन तथा संरचना. पृथ्वी के चारों और वायु के आवरण को वायुमण्डल कहते है। यह वायु का आवरण पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी के चारों तरफ कम्बल के रूप में चिपका हुआ है तथा पृथ्वी का एक अभिन्न अंग है। पृथ्वी पर जीवन इसी वायुमण्डल के कारण ही सम्भव है। जीवित रहने के लिए वायु सभी जीवों के लिए आवश्यक है। वायुमण्डल का 99 प्रतिशत भाग भू पृष्ठ से 32 किलोमीटर की ऊचाई तक सीमित है।