भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास. पृथ्वी के धरातल के निर्माण में अपरदन के कारको का बहुत बड़ा योगदान होता है। इन अपरदन के कारकों में नदियां पवने, हिमानी तथा लहरे आदि है। ये भूतल की चट्टानों को तोड़ते है। उनसे प्राप्त अवसादों को लेकर चलते है एवं अन्य कही निक्षेपित कर देते है। इन प्रक्रियाओं से धरातल पर कई प्रकार की भू आकृतियों का निर्माण होता है।