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अवतार सिंह पाश यह कविता पंजाबी भाषा से अनूदित है | यह दिनोदिन अधिकाधिक नृशंस और क्रूर होती जा रही दुनिया की विद्रूपताओं के चित्रण के साथ खौफनाक स्थिति की और इशारा करती है, जहाँ प्रतिकूलताओं से जूझने के संकल्प क्षीण पड़ते जा रहे है |
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