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निर्मला पुतुल

निर्मला पुतुल स कविता में दोनों पक्षों का यथार्थ चित्रण हुआ है | बृह्त्तर संदर्भ में यह कविता समाज में उन चीजों को बचाने की बात करती है जिनका होना स्वस्थ सामाजिक-प्राकृतिक परिवेश के लिए जरुरी है | प्रकृति के विनाश और विस्थापन के कारण आज आदिवासी समाज संकट में है, जो कविता का मूल स्वरुप है |

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