ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था
ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था
ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था. परिवर्तन किसी समाज का सर्वाधिक चिरस्थाई अभिलक्षण हैं। सामाजिक परिवर्तन लोगो की चिंतन-पद्धति और कार्यशैली में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसका संबंध मूलतः समाज की सामाजिक संरचना और सामाजिक संबंधों में परिवर्तनों से है।