लोकतंत्र और विविधता समरूप समाज - एक ऐसा समाज जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक या जातीय विभिन्नताएँ ज्यादा गहरी नहीं होती। दलित - भारत के निर्धन, भूमिहीन और समाज में सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति से पिछड़े लोग।अपवर्जक भेदभाव - समाज के किसी वर्ग या जाति से दूरी बनाए रखना या अपने समूह से निष्कासित करना। जैसे छुआछूत।