वसंत टोपी. इस पाठ में लेखक ने एक लोककथा का पुनर्सर्जन किया है। सामाजिक सरोकारों से युक्त यह कथा राजा और प्रजा के बीच संबंधों का ज्ञान कराती हैं। राजतंत्र तथा प्रजातंत्र के बीच अंतर समझने में यह कहानी बहुत ही सहायक सिद्ध होती है। एक नन्हीं-सी गौरैया के माध्यम से लेखक संपूर्ण मानव-जाति को कर्तव्यनिष्ठ होने के लिए प्रेरित कर रहा है।