वसंत अकबरी लोटा. ‘अकबरी लोटा’ नामक इस कहानी में काल्पनिकता का सहारा लेते हुए कहानिकार ने लाला झाऊलाल की समस्या का हल अत्यंत रोचक ढंग से किया है। उसने अपने मित्र और एक अंग्रेज़ पात्र के माध्यम से यह भी बताने का प्रयास किया है कि दूसरे को नीचा दिखाने के लिए व्यक्ति कुछ भी कर सकता है। लाला झाऊलाल का बेढंगा लोटा किस तरह से ऐतिहासिक लोटा बनकर अंग्रेज़ के संग्रहालय का अंग बन जाता है, इसका वर्णन मन को गुदगुदाता है।