वसंत सूर के पद इस पाठ में भक्त कवि सूरदास ने बालक श्री कृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन किया है। सूरदास को बाल मनोविज्ञान का बहुत ही गहरा ज्ञान था। इन पदों में बालक कृष्ण की लीलाओं में सहजता, मनोवैज्ञानिकता और स्वाभाविकता है। यह वर्णन अत्यंत सुंदर, हृदयस्पर्शी तथा सजीव है।