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CBSE Sample Question Paper for class 9 Hindi – in PDF
We at myCBSEguide provide CBSE Class 9 Sample Papers for Hindi Course-A for the session 2023 – 2024 with solutions in PDF format for free download. These CBSE Sample Papers are based on NCERT books and the latest syllabus issued by CBSE, New Delhi. We follow the marking scheme and blueprint issued by CBSE for the session 2023-24.
Class 9 Hindi A Sample Papers 2023-24 have two parts. The first part has objective questions and the second part has all subjective questions. This year CBSE is not only giving MCQs but you will find assertion & reason, statement and one-word answers with objective-type question categories.
Class 09 – Hindi A Sample Paper (2023-24)
Class 09 – हिंदी ए
Sample Paper – 01 (2023-24)
अधिकतम अंक: 80
निर्धारित समय : 3 hours
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं- खंड ‘क’ और ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पी और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड – अ (बहुविकल्पी प्रश्न)
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
आज का विद्यार्थी भविष्य की सोच में कुछ अधिक ही लग गया है। भविष्य कैसा होगा, वह भविष्य में क्या बनेगा, इस प्रश्न को सुलझाने में या दिवास्वप्न देखने में वह बहुत समय नष्ट कर देता है। भविष्य के बारे में सोचिए, लेकिन भविष्य को वर्तमान पर हावी मत होने दीजिए क्योंकि वर्तमान ही भविष्य की नींव बन सकता है। अतः नींव को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है कि भान तो भविष्य का भी हो, लेकिन ध्यान वर्तमान पर रहे। आपकी सफलता का मूलमंत्र यही हो सकता है कि आप एक स्वप्न लें, सोचों, कि आपको क्या बनना है और क्या करना है और स्वप्न के अनुसार कार्य करना प्रारम्भ करें। वर्तमान रूपी नींव को मजबूत करें और यदि वर्तमान रूपी नींव सबल बनती गई, तो भविष्य का भवन भी अवश्य बन जायेगा। जितनी मेहनत हो सके, उतनी मेहनत करें और निराशा को जीवन में स्थान न दें। यह सोचते हुए समय खराब न करें कि अब मेरा क्या होगा, मैं सफल भी हो पाऊँगा या नहीं ? ऐसा करने में आपका समय नष्ट होगा और जो समय नष्ट करता है, तो समय उसे नष्ट कर देता है। वर्तमान में समय का सदुपयोग भविष्य के निर्माण में सदा सहायक होता है। भविष्य के बारे में अधिक सोच या अधिक चर्चा करने से चिंताएँ घेर लेती हैं। ये चिंताएँ वर्तमान के कर्म में बाधा उत्पन्न करती हैं। ये बाधाएँ हमारे उत्साह को, लगन को धीमा करती हैं और लक्ष्य हमसे दूर होता चला जाता है। निःसन्देह भविष्य के लिए योजनाएँ बनानी चाहिए, किन्तु वर्तमान को विस्मृत नहीं करना चाहिए। भविष्य की नींव बनाने में वर्तमान का परिश्रम भविष्य की योजनाओं से अधिक महत्वपूर्ण है।- आज का विद्यार्थी अपना समय किन बातों में नष्ट कर देता है?
- भविष्य की सोच में
- दिखावा करने में
- दिवास्वप्न देखने में
- यथार्थ में जीने में
क) कथन i व ii सही हैंख) कथन i, iii व iv सही हैंग) कथन i, ii व iii सही हैंघ) कथन ii व iv सही हैं - हमारी सफलता का मूलमंत्र क्या हो सकता है?क) स्वप्न देखकर लक्ष्य निर्धारित करनाख) भविष्य की योजनाएँ बनाने में व्यस्त रहनाग) केवल दिवास्वप्न देखते रहनाघ) वर्तमान को भुला देना
- समय का हमारे जीवन में क्या महत्व बताया गया है?क) इनमें से कोई नहींख) भविष्य के निर्माण में सहायकग) वर्तमान के निर्माण में सहायकघ) भूतकाल के कार्यों में सहायक
- हम अंततः लक्ष्य से कैसे दूर होते जाते हैं?क) वर्तमान से चिंतित होकरख) इनमें से कोई नहींग) निराशापूर्ण स्थिति के कारणघ) भविष्य के विषय में सोचकर, चिंतित होने से
- कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए –
कथन (A): भविष्य की चिंताएँ वर्तमान के कर्म में बाधा उत्पन्न करती हैं।
कथन (R): वर्तमान का परिश्रम भविष्य में लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होता है।क) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।ख) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।घ) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही है।
और अधिक प्रश्नों का अभ्यास करने और परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने के लिए, myCBSEguide ऐप डाउनलोड करें। यह UP बोर्ड, NCERT, JEE (MAIN), NEET (UG) और NDA परीक्षाओं के लिए संपूर्ण अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। शिक्षक अपने नाम और लोगो के साथ ठीक ऐसे ही पेपर बनाने के लिए Examin8 ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
- आज का विद्यार्थी अपना समय किन बातों में नष्ट कर देता है?
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
मुँह ढाँककर सोने से बहुत अच्छा है,
कि उठो ज़रा,
कमरे की गर्द को ही झाड़ लो।
शेल्फ में बिखरी किताबों का ढेर,
तनिक चुन दो।
छितरे-छितराए सब तिनकों को फेंको।
खिड़की के उढ़के हुए,
पल्लों को खोलो।
ज़रा हवा ही आए।
सब रोशन कर जाए।
… हाँ, अब ठीक
तनिक आहट से बैठो,
जाने किस क्षण कौन आ जाए।
खुली हुई फिज़ा में,
कोई गीत ही लहरा जाए।
आहट में ऐसे प्रतीक्षातुर देख तुम्हें,
कोई फरिश्ता ही आ जाए।
माँगने से जाने क्या दे जाए।
नहीं तो स्वर्ग से निर्वासित,
किसी अप्सरा को ही,
यहाँ आश्रय दीख पड़े।
खुले हुए द्वार से बड़ी संभावनाएँ हैं, मित्र!
नहीं तो जाने क्या कौन,
दस्तक दे-देकर लौट जाए।
सुनो,
किसी आगत की प्रतीक्षा में बैठना,
मुँह ढाँककर सोने से बहुत बेहतर है।
— कीर्ति चौधरी- मुँह ढांककर सोने से तो अच्छा है, उठो ज़रा – पंक्ति में निहित अर्थ है / हैं –
- आस – पास घट रही घटनाओं पर ध्यान दो
- जीवन में सदा गतिशीलता रखो
- मुँह को ढंककर सोते रहो
- किसी की परवाह किए बिना सोते रहो
क) कथन i व iii सही हैंख) कथन i व ii सही हैंग) कथन i, ii व iii सही हैंघ) कथन ii व iv सही हैं - कमरे की गर्द को ही झाड़ लो इस पंक्ति द्वारा कवि कहना चाहता है किक) कमरे की सफ़ाई ही कर लोख) कमरे की धूल पर भी ध्यान दोग) कमरे के सौंदर्य को खराब मत करोघ) कम-से-कम कुछ तो रचनात्मक कार्य कर लो
- खिड़की के उढ़के हुए, पल्लों को खोलो पंक्ति में खिड़की का अर्थ हैक) मन की खिड़कीख) मस्तिष्क में आए विचारग) दिल में उठने वाले विचारघ) ह्दय में उठने वाले विचार
- दस्तक दे-देकर लौट जाए पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?क) यमकख) रूपकग) अनुप्रासघ) श्लेष
- कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए –
कथन (A): जीवन में आने वाली संभावनाओं का आदर करते हुए अपने मन के खिड़की – दरवाज़े खुले रखने चाहिए।
कथन (R): हमेशा सचेत और गतिशील रहने वाला मनुष्य ही सदा सफल होता है।क) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।ख) कथन (A) गलत है किन्तु कारण (R) सही है।ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।घ) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
- मुँह ढांककर सोने से तो अच्छा है, उठो ज़रा – पंक्ति में निहित अर्थ है / हैं –
- निर्देशानुसार ‘उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- पौराणिक शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग हुआ है?क) णकख) पौरग) णिकघ) इक
- पुराण शब्द में इक प्रत्यय लगने पर सही शब्द रूप होगा-क) पुराणिकख) पौराणिकग) पुराणइकघ) पोरानिक
प्रवचन शब्द में किस उपसर्ग का प्रयोग हुआ है?
क) पर्ख) परग) प्रघ) प्रव- सच्चरित्र शब्द में उपसर्ग है-क) सचख) सत्ग) सघ) सद्
- पंचायत शब्द में कौन-सा प्रत्यय हैं?क) आयतख) चायतग) तघ) यत
- पौराणिक शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग हुआ है?
- निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- रेलभाड़ा शब्द कौन-सा समास है?क) द्वन्द्व समासख) अव्ययीभाव समासग) तत्पुरुष समासघ) कर्मधारय समास
- कौन-सा समास समूह या समाहार का बोध कराता है?क) द्विगुख) द्वंद्वग) अव्ययी भावघ) बहुव्रीहि
- घनश्याम में कौन-सा समास है?क) अव्ययी समासख) द्वंद्वग) कर्मधारयघ) बहुव्रीहि समास
- परमानंद में कौन-सा समास है?क) बहुव्रीहि समासख) तत्पुरुष समासग) कर्मधारय समासघ) द्वंद्व
- निशाचर में कौन-सा समास है?क) अव्ययीभावख) बहुव्रीहिग) कर्मधारयघ) नञ्
- रेलभाड़ा शब्द कौन-सा समास है?
- निर्देशानुसार ‘अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए – ” उसने कोई उपाय नही छोड़ा। ”क) आज्ञावाचकख) निषेधवाचकग) विधानवाचकघ) इच्छावाचक
- अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
हो सकता है गिरीश का काम बन जाए।क) आज्ञावाचकख) इच्छावाचकग) संदेहवाचकघ) संकेतवाचक - अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
अगर लोग कोरोना का टीका नहीं लगवाएँगे तो सबको कोरोना हो जाएगा।क) संकेतवाचकख) आज्ञावाचकग) इच्छावाचकघ) संदेहवाचक - अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए-
भगवान करे तुम्हारी नौकरी लग जाए।क) प्रश्नवाचकख) इच्छावाचकग) संकेतवाचकघ) निषेधवाचक - अर्थ की दृष्टी से वाक्य भेद बताइए-
वह जयपुर गया होगा।क) संदेहवाचक वाक्यख) प्रश्नवाचक वाक्यग) विधानवाचक वाक्यघ) आज्ञावाचक वाक्य
- अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताइए – ” उसने कोई उपाय नही छोड़ा। ”
- निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- निम्नलिखित में कौन-सा अलंकार है?
“ चारु-चंद्र की चंचल किरणें
खेल रही थी जल-थल में । ”क) अनुप्रासख) मानवीकरणग) यमकघ) रूपक - केकी रव की नुपुर ध्वनि सुन,
जगती जगती की मूक प्यास।
पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?क) यमक अलंकारख) रूपक अलंकारग) उपमा अलंकारघ) अनुप्रास अलंकार - निम्नलिखित पंक्ति में अलंकार बताइए-
ज्यों-ज्यों बूढ़े स्याम रंग त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।क) भ्रांतिमानख) अनुप्रासग) विरोधाभासघ) अतिशयोक्ति - दिवसावसान का समय मेघमय आसमान से उतर रही है
वह संध्या-सुन्दरी परी-सी धीरे-धीरे-धीरे।
उक्त पद्य में कौन-सा अलंकार है?क) रूपक और मानवीकरण दोनोंख) उपमाग) यमक और श्लेष दोनोंघ) श्लेष - गुन करि मोहि सूर सँवारे को निरगुन निरबैहै। पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?क) यमक अलंकारख) रूपक अलंकारग) अनुप्रास अलंकारघ) उपमा अलंकार
- निम्नलिखित में कौन-सा अलंकार है?
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को परले दराजे का बेवकूफ़ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ़ है या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्युता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता। गायें सींग मारती हैं, ब्याई हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है। कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर है, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है; किंतु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा। जितना चाहो गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी।- प्रस्तुत गद्यांश में किसके सीधेपन के बारे में बताया गया है?क) गधे केख) कुत्ते केग) बैल केघ) भैंस के
- किस तरह के आदमी को गधे की संज्ञा दी जाती है?क) इनमें से कोई नहींख) बुद्धिमान व्यक्ति कोग) बिल्कुल बुद्धिहीन व्यक्ति कोघ) सीधे-साधे व्यक्ति को
- निरापद सहिष्युता से क्या अभिप्राय है?क) बुद्धिहीन व्यक्ति की सहनशीलताख) बुद्धिमान व्यक्ति की सहनशीलताग) किसी को विपदा में डालने वाली सहनशीलताघ) किसी को विपदा में न डालने वाली सहनशीलता
- किस जानवर को कभी क्रोध करते न देखा और न सुना गया?क) गधे कोख) कुत्ते कोग) गाय कोघ) बैल को
- निरापद में कौन-सा उपसर्ग है?क) निर्ख) निराग) निरघ) नि
- प्रस्तुत गद्यांश में किसके सीधेपन के बारे में बताया गया है?
- गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
- ‘सांवले सपनों की याद’ पाठ के इस वाक्य में किस नदी की ओर संकेत किया गया है ?
नदी का सांवला पानी उसे पूरे घटनाक्रम की याद दिला देगा।क) यमुनाख) कावेरीग) गंगाघ) कृष्णा - ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ निबंध में ‘टोपी’ व ‘जूते’ क्रमशः निम्न में से किनका प्रतीक हैं ?क) मान व समृद्धिख) उत्कृष्ट व निकृष्टग) प्रेम व घृणाघ) दिखावा व प्रेम
- ‘सांवले सपनों की याद’ पाठ के इस वाक्य में किस नदी की ओर संकेत किया गया है ?
- अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरते मिलिहौं, पल भर की तालास में।- पद्यांश में किसे ढूँढने की बात हो रही है?क) मस्जिद कोख) देवता कोग) कबीर कोघ) ईश्वर को
- लोग ईश्वर को प्राय: कहाँ ढूँढते हैं?क) अपने अंतर्मन मेंख) इनमें से कोई नहींग) मंदिर, मस्जिद, काबा और कैलाश मेंघ) अपने आसपास
- ईश्वर को बाहर खोजना क्यों व्यर्थ है?क) क्योंकि वह कैलाश पर निवास करता हैख) क्योंकि वह मस्जिद में हैग) क्योंकि वह मंदिर में निवास करता हैघ) क्योंकि ईश्वर सर्वव्यापी है
- सच्चा साधक ईश्वर को कैसे खोज सकता है?क) इनमें से कोई नहींख) बाह्य आडंबरों के बिनाग) बाह्य आडंबरों के बिना और सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए दोनोंघ) सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए
- सब स्वाँसों की स्वाँस में पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?क) श्लेषख) उपमाग) अनुप्रासघ) रूपक
- पद्यांश में किसे ढूँढने की बात हो रही है?
- पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
- ग्राम श्री किसके द्वारा रचित कविता है?क) सुमित्रानंदन पंतख) केदारनाथ अग्रवालग) महादेवी वर्माघ) राजेश जोशी
- लोगों को बच्चों का काम पर जाना अटपटा क्यों नहीं लगता?क) वे कर्म को ही पूजा मानते हैंख) उनका मानना है कि काम सभी को करना चाहिएग) वे संवेदना शून्य हो गए हैंघ) वे संवेदना शून्य नहीं हैं
- ग्राम श्री किसके द्वारा रचित कविता है?
खंड – ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
- गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
- लेखक ने अपने यात्रा-वृत्तांत में तिब्बत की भौगोलिक यात्रा का जो चित्र खींचा है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
- ‘तुम भी जूते और टोपी के आनुपातिक मूल्य के मारे हुए थे’ के माध्यम से लेखक हरिशंकर परसाई क्या कहना चाहता है?
- सुभद्रा कुमारी चौहान ने महादेवी की काव्य-प्रतिभा निखारने में किस प्रकार योगदान दिया?
- उपभोक्तावाद की संस्कृति पाठ के आधार पर पाँच सितारा सुविधाएँ लेने के क्या कारण हो सकते हैं?
- पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
- कवयित्री ललद्यद किसे साहब मानती है? वह साहब को पहचानने का क्या उपाय बताती है?
- प्राकृतिक रूप से किस श्रम की गाँठ खुलने की बात कही गई है? मेघ आए कविता के आधार पर लिखिए।
- ‘कैदी और कोकिला’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
- गोपी कृष्ण की मुरली को होंठों पर क्यों नहीं रखना चाहती है?
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- पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 -शब्दों में लिखिए-
- इस जल प्रलय में पाठ के अनुसार लेखक की बाढ़ से घिरे द्वीप पर टहलने की इच्छा अधूरी क्यों रह गई?
- सच, अकेलेपन का मज़ा ही कुछ और है – मेरे संग की औरतें पाठ के इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- रीढ़ की हड्डी एकांकी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि हमारे देश में लिंग-अनुपात की समस्या का मूल कारण क्या है?
- भारतीय किसान के कष्ट विषय पर दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।
- अन्नदाता की कठिनाइयाँ
- कठोर दिनचर्या
- सुधार के उपाय
अथवा
मन के हारे हार है मन के जीते जीत विषय पर दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।- निराशा अभिशाप
- दृष्टिकोण परिवर्तन
- सकारात्मक सोच
अथवा
आज़ादी अभी अधूरी है विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छेद लिखिए।- आज़ादी का महत्त्व
- पूर्ण आज़ादी से तात्पर्य
- आज़ादी की सुरक्षा कैसे?
- आपके मोहल्ले में विगत एक माह से चोरी की बहुत-सी वारदातें होती आ रही हैं। थानाध्यक्ष महोदय को कई पत्र लिखने पर भी कोई सुधार नहीं हुआ है। अतः अपने जिले के पुलिस अधीक्षक/आयुक्त महोदय को पत्र लिखकर तुरन्त कार्यवाही करने हेतु प्रार्थना कीजिए।
अथवा
आपके विद्यालय में शिक्षक दिवस अत्यंत हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में सब-कुछ नया जैसा हुआ। इसका वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए। - सोशल साइट्स की कहानी विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
अथवा
विद्यालय से दो दिन के अवकाश हेतु प्रधानाचार्य abcschool@gmail.com को एक ईमेल लिखिए क्योंकि आपको बुखार आ गया है। - दुकानदार और ग्राहक के बीच चीनी खरीदने को लेकर होने वाले संवाद को लिखिए।
अथवा
विद्यालय में छुट्टी के दिनों में भी प्रातःकाल में योग की अभ्यास कक्षाएँ चलने की सूचना देते हुए इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा अपना नाम देने हेतु सूचना-पट्ट के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में लिखिए।
Class 09 Hindi A Sample Paper Solution
CBSE के सैंपल पेपर्स को हल करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
- पहले से तैयारी: सैंपल पेपर्स को हल करने से पहले, आपको सभी नोट्स, पाठ्यक्रम, और पुस्तकें पूरी तरह से समझनी होगी। आपको पेपर में पूछे जाने वाले विषयों की समझना महत्वपूर्ण है।
- सैंपल पेपर्स की अध्ययन समय: सैंपल पेपर्स का समय सीमित होता है, इसलिए आपको समय का सही उपयोग करना होगा। एक समय सीमित समय में प्रश्नों का हल करने का प्रयास करें।
- पेपर पैटर्न समझें: पेपर पैटर्न को समझें ताकि आपको प्रश्नों का पैटर्न समझ में आ सके और आप इसे ध्यान में रख सकें।
- समय प्रबंधन: प्रत्येक प्रश्न के लिए समय बाँटें और प्रत्येक प्रश्न को समय पर हल करें।
- सही उत्तर दें: उत्तर लिखते समय स्पष्टता और व्याकरण का ध्यान रखें। यदि संभावना हो, तो उदाहरणों और आपातकालीन तथ्यों का सही उपयोग करें।
- सेल्फ-आवलोकन: पेपर के बाद, अपने उत्तरों का सुझावीकरण करें और अपनी गलतियों से सीखें।
- अभ्यास: नियमित अभ्यास करने से आपकी परीक्षा की तैयारी में सुधार होगा। सैंपल पेपर्स के साथ अधिक प्रैक्टिस पेपर्स को हल करने के लिए भी समय दें।
सैंपल पेपर्स के साथ इन निर्देशों का पालन करके, आप अधिक आत्म-आवलोकन कर सकते हैं और परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
खंड – अ (बहुविकल्पी प्रश्न) Solution
- (ग) कथन i, ii व iii सही हैं
व्याख्या: कथन i, ii व iii सही हैं - (क) स्वप्न देखकर लक्ष्य निर्धारित करना
व्याख्या: स्वप्न देखकर लक्ष्य निर्धारित करना - (ख) भविष्य के निर्माण में सहायक
व्याख्या: भविष्य के निर्माण में सहायक - (क) वर्तमान से चिंतित होकर
व्याख्या: वर्तमान से चिंतित होकर - (ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
व्याख्या: कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
- (ग) कथन i, ii व iii सही हैं
- (ख) कथन i व ii सही हैं
व्याख्या: कथन i व ii सही हैं - (घ) कम-से-कम कुछ तो रचनात्मक कार्य कर लो
व्याख्या: कवि कहता है कि स्वयं को गतिशील बनाए रखने के लिए स्वयं को किसी-न-किसी रचनात्मक क्रिया में संलग्न रखो। - (क) मन की खिड़की
व्याख्या: प्रस्तुत पंक्ति से रचनाकार का आशय मन के दरवाज़ों को खोलने से है, जिससे उसके भीतर स्वच्छ वायु एवं प्रकाश का आगमन हो सके और व्यक्ति अधिक ऊर्जावान होकर समांज में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सके। - (ग) अनुप्रास
व्याख्या: प्रस्तुत काव्य-पंक्ति में ‘द’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है। - (क) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
व्याख्या: कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
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- (ख) कथन i व ii सही हैं
- निर्देशानुसार ‘उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- (घ) इक
व्याख्या: इक - (ख) पौराणिक
व्याख्या: पुराण + इक = पौराणिक - (ग) प्र
व्याख्या: प्र + वचन - (ख) सत्
व्याख्या: सत् - (क) आयत
व्याख्या: आयत
- (घ) इक
- निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- (ग) तत्पुरुष समास
व्याख्या: तत्पुरुष समास - (क) द्विगु
व्याख्या: द्विगु - (घ) बहुव्रीहि समास
व्याख्या: बहुव्रीहि समास - (ग) कर्मधारय समास
व्याख्या: कर्मधारय समास - (ख) बहुव्रीहि
व्याख्या: बहुव्रीहि
- (ग) तत्पुरुष समास
- निर्देशानुसार ‘अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- (ख) निषेधवाचक
व्याख्या: ‘नही’ का प्रयोग निषेधवाचक वाक्य में किया जाता है । - (ग) संदेहवाचक
व्याख्या: संदेहवाचक - (क) संकेतवाचक
व्याख्या: संकेतवाचक - (ख) इच्छावाचक
व्याख्या: इच्छावाचक - (क) संदेहवाचक वाक्य
व्याख्या: संदेहवाचक वाक्य
- (ख) निषेधवाचक
- निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- (क) अनुप्रास
व्याख्या: यहाँ पर अनुप्रास अलंकार है।अनुप्रास अलंकार में एक वर्ण की आवृत्ति होती है।
उपरोक्त उदाहरण में ‘ च ’ वर्ण की आवृत्ति हुई है। - (क) यमक अलंकार
व्याख्या: यमक अलंकार - (ग) विरोधाभास
व्याख्या: विरोधाभास - (क) रूपक और मानवीकरण दोनों
व्याख्या: रूपक और मानवीकरण दोनों - (ग) अनुप्रास अलंकार
व्याख्या: अनुप्रास अलंकार
- (क) अनुप्रास
- (क) गधे के
व्याख्या: गधे के - (ग) बिल्कुल बुद्धिहीन व्यक्ति को
व्याख्या: बिल्कुल बुद्धिहीन व्यक्ति को - (घ) किसी को विपदा में न डालने वाली सहनशीलता
व्याख्या: किसी को विपदा में न डालने वाली सहनशीलता - (क) गधे को
व्याख्या: गधे को - (क) निर्
व्याख्या: निर्
- (क) गधे के
- गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
- (क) यमुना
व्याख्या: यमुना नदी वृंदावन में बहती है उसका रंग काला माना जाता है। - (क) मान व समृद्धि
व्याख्या: परसाई जी ने जूते को समृद्धि तथा टोपी को मान- सम्मान का प्रतीक माना ।
- (क) यमुना
- (घ) ईश्वर को
व्याख्या: ईश्वर को - (ग) मंदिर, मस्जिद, काबा और कैलाश में
व्याख्या: मंदिर, मस्जिद, काबा और कैलाश में - (घ) क्योंकि ईश्वर सर्वव्यापी है
व्याख्या: क्योंकि ईश्वर सर्वव्यापी है - (ग) बाह्य आडंबरों के बिना और सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए दोनों
व्याख्या: बाह्य आडंबरों के बिना और सच्चाई का मार्ग अपनाते हुए दोनों - (ग) अनुप्रास
व्याख्या: अनुप्रास
- (घ) ईश्वर को
- पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
- (क) सुमित्रानंदन पंत
व्याख्या: सुमित्रानंदन पंत - (ग) वे संवेदना शून्य हो गए हैं
व्याख्या: लोगों को बच्चों का काम पर जाना अटपटा इसलिए नहीं लगा क्योंकि वे संवेदना शून्य हो गए हैं।
- (क) सुमित्रानंदन पंत
खंड – ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
- गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
- तिब्बत भारत के उत्तर में स्थित पर्वतीय प्रदेश है। यहाँ के रास्ते बड़े ही दुर्गम हैं। ये रास्ते घाटियों से घिरे हुए हैं। यहाँ की जलवायु ठंडी है। यहाँ सर्दी अधिक पड़ती है। एक ओर दुर्गम चढ़ाई है तो दूसरी ओर गहरी-गहरी खाइयाँ हैं। चढ़ते समय जहाँ सूरज माथे पर रहता है वहीं उतरते समय पीठ भी ठंडी हो जाती है। इसके एक ओर बर्फ से ढकी हुई हिमालय की चित्ताकर्षक चोटियाँ हैं तो दूसरी ओर बर्फरहित भूरी पहाड़ियां। पहाड़ियों के मोड़ बड़े ही खतरनाक हैं। इन स्थानों पर डाकुओं का भय रहता है।
- इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने साहित्यकार प्रेमचंद की गरीबी एवं खराब स्थिति पर व्यंग्य किया है। प्रेमचंद उच्चकोटि के साहित्यकार थे, जिन्हें टोपी की तरह सिर पर धारण किया जाना चाहिए था। उन्हें भरपूर सम्मान मिलना चाहिए था। , पर समाज में टोपी के बजाए जूते की कीमत अधिक आँकी जाती थी। जो सम्मान के पात्र नहीं है उन्हें मानसम्मान दिया जाता है। यहाँ तो स्थिति यह है कि टोपी को जूते के सामने झुकना पड़ता है। प्रेमचंद की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। वे अपने दैनिक जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी कठिनाई से कर पाते थे। साहित्यकार होने के बाद भी उस समय समाज के कथित ठेकेदारों ने उनके सामने अनेक कठिनाई खड़ी की हुई थी।
- सुभद्रा कुमारी चौहान उम्र में महादेवी वर्मा से बड़ी थीं। वे पहले से ही कविताएँ लिखा करती थीं और कवि सम्मेलनों में जाया करती थीं । महादेवी वर्मा आरंभ में ब्रजभाषा में तुकबन्दियाँ किया करती थीं। एक दिन सुभद्रा जी ने महादेवी वर्मा की लिखी कुछ कविताएँ देख ली ।उन्हें पढ़कर उन्होंने जान लिया कि ये भी कविताएँ लिखती हैं। इसके बाद दोनों साथ-साथ तुकबंदियाँ करने लगीं। दोनों की कविताएँ ‘स्त्री-दर्पण’ में छपने लगीं। उनके प्रोत्साहन से महादेवी वर्मा का काव्य-लेखन निखरता गया।
- आज के आधुनिक युग में पाँच सितारा सुविधाएँ लेना आवश्यकता नहीं, बल्कि फ़ैशन हो गया है। पाँच सितारा स्कूल, होटल, अस्पताल आदि का इस्तेमाल करना सामाजिक प्रतिष्ठा के चिह्न बन गए हैं। लोग यह मानने लगे हैं कि महाँगी सुविधाएँ लेने से हम ज़्यादा सम्मानित लोगों की श्रेणी में गिने जाएँगे। यह सब महज़ दिखावे के लिए हो गया है। अपनी हैसियत से अधिक खर्च करना प्रतिष्ठा का सूचक है।
- पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
- कवयित्री परमात्मा को साहब मानती है, जो भवसागर से पार करने में समर्थ हैं। वह साहब को पहचानने का यह उपाय बताती है कि मनुष्य को आत्मज्ञानी होना चाहिए। वह अपने विषय में जानकर ही साहब को पहचान सकता है।
- ग्रामीण संस्कृति में बादलों का बहुत महत्त्व है। वहाँ कृषि-कार्य बादलों पर निर्भर करता है, इसलिए बादलों की प्रतीक्षा की जाती है। इस बार जब साल बीत जाने पर भी बादल नहीं आए तो लोगों के मन में यह भ्रम हो गया था कि इस साल अब बादल नहीं आएँगे। पर बादलों के आ जाने से उनके इस भ्रम की गाँठ खुल गई।
- ‘कैदी और कोकिला’ पाठ के माध्यम से पराधीन भारत में अंग्रेजी सरकार के शोषण, अन्याय और अत्याचार का मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। स्वयं कवि भी स्वतंत्रता-सेनानी के रूप में जेल में बंदी है और अंग्रेजों के अत्याचार को सहन करने को विवश है। इसमें कैदियों के साथ किए जाने वाले अत्याचारों का वर्णन किया है। उसने कोयल के माध्यम से जनता को यह संदेश देना चाहा है कि यह समय मधुर गीत गाने का नहीं बल्कि मुक्ति के गीत गाने का है। उसकी बातों से जनता में अंग्रेजों के प्रति आक्रोश और भड़क जाता है। यही संदेश लेकर दिन में मधुर, कर्णप्रिय गीत सुनाने वाली कोयल भी अर्धरात्रि में वेदनाभरी आवाज में चिल्ला रही है। वह भी सुप्त जनता में क्रांति की ज्वाला भड़का रही है।
- गोपी को महसूस होता है कि उसके और कृष्ण के बीच मुरली ही बाधक है। इस मुरली के कारण ही वह कृष्ण को सामीप्य पाने से वंचित रह जाती है। वह सोचती है कि कृष्ण उससे ज्यादा मुरली को चाहते हैं। यह मुरली ही कृष्ण और उसके बीच दूरी को कारण है।
- पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 -शब्दों में लिखिए-
- बाढ़ का पानी जब चारों ओर बढ़ रहा था तब लेखक की इच्छा हुई कि बाढ़ के पानी से घिरे द्वीप पर चलकर कुछ घूम-टहल ले, जिससे उसके पैरों को आराम मिल सके पर द्वीप पर साँप-बिच्छू, चींटी-चींटे, लोमड़ी-सियार आदि जानवरों के अलावा अन्य जीवों ने अपना अस्थाई आश्रय बना लिया था, जिससे लेखक की इच्छा अधूरी रह गई।
- लेखिका अपने जीवन में इस बात को बहुत पसंद करती थी कि ‘सच, अकेलेपन का मज़ा ही कुछ और है।’ लेखिका की बहन और लेखिका इसके उदाहरण हैं।
लेखिका की बहन रेणु जिस काम को सोचती थी, उसे करके ही रहती थी। कोई कितना भी समझाता रहे पर वह नहीं मानती थी। इसमें उसकी ज़िद्द कम दृढ़ निश्चय अधिक झलकता है। एक बार वह बारिश में दो मील दूर स्कूल जाने की ज़िद्द पर पैदल जाने के लिए अड़ी रही। बारिश में गई और स्कूल बंद देखकर वापस आ गई। इस तरह वह मंजिल की ओर अकेले बढ़ने की दिशा में उत्सुक दिखती है। लेखिका भी जीवन की राह पर अकेले चलते हुए डालमिया नगर में स्त्री-पुरुषों के नाटक खेलकर सामाजिक कार्य हेतु धन एकत्र किया तथा कर्नाटक में अथक प्रयास से अंग्रेज़ी-कन्नड़-हिंदी तीन भाषाएँ पढ़ाने वाला स्कूल खोलकर उसे मान्यता दिलाना उनके स्वतंत्र सोच रखने तथा लीक से हटकर चलने वाले व्यक्तित्व की ओर संकेत करता है। - हमारे देश में लड़के-लड़की के बीच भेदभाव ही जनसंख्या में लिंग-अनुपात की समस्या का मूल कारण है। प्रस्तुत एकांकी में उमा के पिता के सामने शर्त रखी थी कि उन्हें अधिक पढ़ी-लिखी लड़की नहीं चाहिए और उमा के पिता ने भी उमा को कम पढ़ा-लिखा ही बताया अर्थात् लड़केवालों के समक्ष उमा की पढ़ाई-लिखाई को छिपा लिया। कहने का तात्पर्य यह है कि उन्होंने उमा को कम पढ़ी-लिखी बताकर घरेलू लड़की की संज्ञा प्रदान की, जबकि उमा एक पढ़ी-लिखी समझदार एवं स्वाभिमानी लड़की थी। उसे इस प्रकार के झूठ से घृणा थी। जो उसके घरवालों ने लड़केवालों से बोला। उसका मानना यह था कि लड़कियों को भी ऊँची शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि पढ़ी-लिखी लड़की अच्छी गृहिणी सिद्ध नहीं हो सकती।
शंकर उमा को देखने आया है। वह कम पढ़ा-लिखा है साथ ही उसकी रीढ़ की हड्डी कमजोर है। वह पिता का आज्ञाकारी पुत्र होने के कारण उनकी पुरानी और गली-सड़ी परंपराओं और विचारों को मानता आ रहा है। उसमें आत्मविश्वास की कमी है। वह अपने पिता की भाँति लड़कियों को केवल घर तक ही सीमित रखना चाहता है। कहने का तात्पर्य यह है कि ‘शंकर’ एक ऐसा लोभी लड़का है, जो अपने पिता की उँगली पकड़कर चलता है। इस एकांकी के माध्यम से इस ओर संकेत किया गया है कि लड़के और लड़की के बीच पनप चुकी इस असमानता की दृष्टि को दूर करके ही लिंग-अनुपात की समस्या से निपटा जा सकता है।
- गाँधीजी ने कहा था- ‘भारत का हृदय गाँवों में बसता है। गाँवों में ही सेवा और परिश्रम के अवतार किसान बसते हैं। ये किसान ही नगरवासियों के अन्नदाता हैं, सृष्टि-पालक हैं।’ निरक्षरता भारतीय कृषक की पतनावस्था का मूल कारण है। शिक्षा के अभाव के कारण वह अनेक कुरीतियों से घिरा है। अंधविश्वास और रूढ़ियाँ उसके जीवन के अभिन्न अंग बन गए हैं। आज भी वह शोषण का शिकार है। वह धरती की छाती को फाड़कर, हल चलाकर अन्न उपजाता है किन्तु उसके परिश्रम का फल व्यापारी लूट ले जाता है। उसकी मेहनत दूसरों को सुख-समृद्धि प्रदान करती है। भारत में कृषि और किसानों की हालत दिनों-दिन बदतर होती जा रही है, जिसके कारण अनेक किसान आत्महत्या तक करने पर मजबूर हो जाते हैं। भारत का किसान बड़ा ही परिश्रमी है। वह गर्मी-सर्दी तथा वर्षा की परवाह किए बिना अपने कार्य में जुटा रहता है। जेठ की दुपहरी, वर्षा ऋतु की उमड़ती-घुमड़ती काली मेघ-मालाएँ तथा शीत ऋतु की हाड़ कँपा देने वाली वायु उसे कर्त्तव्य से रोक नहीं पाती। भारतीय किसान का जीवन कड़ा तथा कष्टपूर्ण है। दिन-रात कठिन परिश्रम करने के बाद वह जीवन की आवश्यकताएँ नहीं जुटा पाता, न उसे पेट-भर भोजन मिलता है और न शरीर ढँकने के लिए पर्याप्त वस्त्र। अभाव और विवशता के बीच ही वह जन्मता है तथा इसी दशा में मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। भारत में बहुत से ऐसे लघु उद्योग हैं जो किसान आसानी से अपने घर से कर सकते हैं। इसके लिए सरकार को जागरूक होना चाहिए। कभी खराब बीजों की वजह से तथा फसलों की कम कीमत और खराब मौसम की दोहरी मार से किसानों की बुरी दुर्दशा हो जाती है। किसानों की दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए सरकार को किसानों का कर्ज माफ कर देना चाहिए तथा किसानों के लिए सरकार को लघु उद्योग लगाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
अथवा
मनुष्य का जीवन चक्र अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा होता है जिसमें सुख-दुःख, आशा-निराशा तथा जय-पराजय के अनेक रंग समाहित होते हैं। वास्तविक रूप में मनुष्य की हार और जीत उसके मनोयोग पर आधारित होती है। मन के योग से उसकी विजय अवश्यंभावी है परन्तु मन के हारने पर अर्थात् निराश होने पर निश्चय ही उसे पराजय का मुँह देखना पड़ता है। मनुष्य की समस्त जीवन प्रक्रिया का संचालन उसके मस्तिष्क द्वारा होता है। मन का सीधा संबंध मस्तिष्क से है। मन में हम जिस प्रकार के विचार धारण करते हैं हमारा शरीर उन्हीं विचारों के अनुरूप ढल जाता है। हमारा मन-मस्तिष्क यदि निराशा व अवसादों से घिरा हुआ है तब हमारा शरीर भी उसी के अनुरूप शिथिल पड़ जाता है। हमारी समस्त चैतन्यता विलीन हो जाती है। निराशा हमारे लिए एक अभिशाप बन जाती है।
परन्तु दूसरी ओर यदि हम आशावादी हैं और हमारे मन में कुछ पाने व जानने की तीव्र इच्छा हो तथा हम सदैव भविष्य की ओर देखते हैं तो हम इन सकारात्मक विचारों के अनुरूप प्रगति की ओर बढ़ते जाते हैं। अतः हमारा दृष्टिकोण निराशावादी नहीं रहना चाहिए।
कर्मवीर व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी जीत के लिए निरंतर संघर्ष करते रहते हैं और अंत में विजयश्री भी उन्हें अवश्य मिलती है। इसलिए हमें भी भाग्य पर नहीं अपितु कर्म में आस्था रखनी चाहिए, जिससे हम अपने मनोबल तथा दृढ़, इच्छा-शक्ति से असंभव को भी संभव कर सकें।अथवा
आज़ादी का महत्व – स्वतंत्रता मनुष्य की स्वाभाविक वृत्ति है। स्वतंत्रता मनुष्य को ही नहीं बल्कि जीव-जंतुओं तथा पक्षियों को भी प्रिय है। कहा भी गया है- पराधीन सपनेहुँ सुख नाहिं।
अंग्रेजों की गुलामी को भारतवासी कैसे सहन कर सकते थे! वे इस गुलामी की जंजीरों को काटने का अनवरत प्रयास करते रहे और अंततः 15 अगस्त, 1947 को शताब्दियों से खोई स्वतंत्रता हमें पुनः प्राप्त हो गई। इस दिन को हम ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने लगे।
पूर्ण आज़ादी से तात्पर्य – हमें यह आज़ादी अनेक बलिदानों के पश्चात् प्राप्त हुई है। परन्तु यह अभी पूर्ण आज़ादी नहीं है। हम आज भी मानसिक तौर पर गुलाम हैं। हमें इस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सदैव सजग रहना चाहिए। स्वार्थवश कोई ऐसा कार्य न करें, जिससे भारत कलंकित हो अथवा इसकी स्वतंत्रता को कोई हानि पहुँचे।
आज़ादी की सुरक्षा कैसे?- भारतीयों को न सिर्फ बाहरी ताकतों से अपितु देश के भीतर छिपे गद्दारों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें सभी को देशभक्ति की भावना को जाग्रत करना होगा। अपने अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना होगा। अपनी कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा, तभी हम अपनी आज़ादी को सुरक्षित रख पायेंगे।
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पुलिस अधीक्षक महोदय
नजफगढ़, नई दिल्ली
विषय: चोरी की बढ़ती वारदातों के सन्दर्भ में कार्यवाही करने हेतु प्रार्थना।
महोदय,
बहुत ही खेद का विषय है कि गत एक माह से थाना पालम क्षेत्र के अन्तर्गत साध नगर में कुछ असामाजिक तत्वों ने डेरा डाल लिया है और सक्रिय होकर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।सारा दिन वे अलग-अलग समूह में घूमते रहते हैं और रात होते ही किसी भारी चोरी को अंजाम देते हैं | आए दिन किसी-न-किसी के घर या दुकान में चोरी हो रही है। स्थानीय पुलिस सोती रहती है। इस सन्दर्भ में पालम थाना के थानाध्यक्ष महोदय को कई पत्र लिखे गये | परन्तु कोई संतोषजनक सार्थक कार्यवाही नहीं की गयी। पुलिस की इस निष्क्रियता के परिणामस्वरूप चोरों का दुस्साहस निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। यहाँ तक कि अब तो दिन-दहाड़े ये लोग किसी घटना को अंजाम देने से नहीं चूक रहे हैं।चारों ओर अत्यधिक असुरक्षा एवं भय का वातावरण हैं।
अतः आपसे निवेदन है कि हमारे क्षेत्र की इस समस्या को प्रथम वरीयता पर लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें और उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ ऐसा कदम उठायेँ कि अन्य लोगों को सबक मिल सकें।
सधन्यवाद।
भवदीय
क ख ग
मन्त्री
पालम साध नगर
नई दिल्ली
दिनांक : 17 जनवरी, 2019अथवा
पी-28/25,
एकता मार्ग,
सदर बाजार, दिल्ली-110006
27 फरवरी, 2019
प्रिय गौरव,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर सब हालचाल मालूम किया। तुम्हारी कुशलता जानकर प्रसन्नता हुई। इस पत्र में मैं तुम्हें अपने विद्यालय में मनाए गए शिक्षक दिवस के बारे में बता रहा हूँ।
मित्र, हमारे कक्षाध्यापक ने 4 सितंबर को ही बता दिया कि कल अर्थात् 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। हम छात्र प्रतिदिन की तरह उचित परिधान में विद्यालय आए किंतु छात्रों में से कुछ को अध्यापक, प्रधानाचार्य और व्यायाम शिक्षक बना दिया था। उन्होंने अध्यापकों के समान ही हमें पढ़ाया। हमारी पढ़ाई सुचारु रूप से चलती रही। मध्यांतर में अनेक छात्रों ने अध्यापकों को कलम, डायरी जैसी वस्तुएँ उपहारस्वरूप भेंट कीं। अंतिम दो पीरियड में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। छात्रों द्वारा अध्यापकों का दायित्व उचित ढंग से निर्वहन करने के कारण उन्हें पुरस्कृत किया गया। अंत में जलपान के आयोजन के साथ विद्यालय बंद हुआ। इस तरह यह शिक्षक दिवस यादगार बन गया।
अपने माता-पिता को प्रणाम तथा संगीता को स्नेह कहना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
लक्ष्य - सोशल साइट्स की कहानी मैं आज आपको सोशल साइट्स की कहानी उनकी ही जुबानी सुनाने जा रहा हूँ।
मुझसे (सोशल साइट्स) तो आप भली भाँति परिचित होंगे। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो मेरा उपयोग आज के दौर में नहीं करता हो। मैं आप सभी के मोबाइल फोन में विभिन्न रूपों में पाया जाता हूँ। जैसे कि मेरे कुछ रूप हैं फेसबुक, व्हाट्सप्प, ट्विटर, इन्स्टाग्राम आदि। जब से मैंने आपके जीवन में प्रवेश किया, आपकी अनेक मुश्किलों का समाधान कर दिया। आप मेरे जरिए अपने मित्रों, सगे-संबंधियों से आसानी से जुड़ सकते हैं। साथ ही आप देश-दुनिया की गतिविधियों की भी जानकारी पाते हैं। लेकिन इसके साथ कुछ लोगों ने विभिन्न रूपों में मेरा गलत इस्तेमाल किया है और इसके कारण मुझे गलत कार्यों के लिए जिम्मेदार बना दिया गया है। मैं सभी के फायदे और अच्छे के लिए ही बनाया गया था। अब ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप मेरा उपयोग किसके लिए करते हैं।अथवा
From: pawan@mycbseguide.com
To: abcschool@gmail.com
CC …
BCC …
विषय – विद्यालय से दो दिन के अवकाश हेतु
महोदय,
मैं कक्षा 10 का नियमित छात्र हूँ। जैसा कि आप जानते हैं कि आजकल मौसम तेजी से परिवर्तित हो रहा है और आस-पास काफी लोग बीमार पड़ रहे हैं, उसी बदलते मौसम के कारण मुझे भी सर्दी का भयंकर प्रकोप होने से तेज बुखार आ गया है। इसी वजह से मैं कक्षा में उपस्थिति दर्ज कराने में असमर्थ हूँ। डॉक्टर ने दो दिन की नियमित दवाई के साथ आराम करने की सलाह भी दी है।
अतः मैं दिनांक 17.04.22 एवं 18.04.22 का अवकाश चाहता हूँ। कृपया उक्त दो दिनों का अवकाश स्वीकृत करने का कष्ट करे।
पवन - ग्राहक – सेठ जी! चीनी है क्या?
दुकानदार – हाँ, है।
ग्राहक – चीनी साफ़ होनी चाहिए। पिछली बार वाली चीनी साफ़ नही थी |
दुकानदार – भाई साहब! खुली चीनी थोड़ी सी पीली है।
ग्राहक – तो फिर कौन-सी चीनी अच्छी है?
दुकानदार – उत्तम चीनी पैकेट में आई है। इस पर एगमार्क का चिह्न भी है।
ग्राहक – यह चीनी महँगी होगी।
दुकानदार – अब सामान्य चीनी से तो थोड़ी महँगी ही है। पर हाँ एक-एक किलो के पैकेट में आई है।
ग्राहक – सेठ जी! जरा भाव तो बताओ। अब सेहत के साथ खिलवाड़ तो कर नहीं सकते।
दुकानदार – आपका कहना बिलकुल सही है और वैसे भी आप तो हमारे नियमित ग्राहक हैं। इसलिए आपको पैंतालिस रुपये किलो लगेगी।अथवा बाल भारती पब्लिक स्कूल, दिल्ली
सूचना दिनांक: 20 दिसंबर, 20XXयोग कक्षाओं के आयोजन हेतु
समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि ‘बाल भारती पब्लिक स्कूल’ की ओर से ग्रीष्मावकाश में दिनांक 25 मई , 2019 से 10 जून 2019 तक प्रतिदिन प्रातःकाल 8 बजे से 9 बजे तक विद्यालय प्रांगण में योग की कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। इच्छुक विद्यार्थी अपने नाम, कक्षा व रोल नं. का ब्योरा योगा कॉर्डिनेटर को लिखवा दें।
चाँ शर्मा
योग कॉर्डिनेटर
Class 9 CBSE Sample Papers 2024
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Vivek rang
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