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CBSE Question Paper 2014 Class 12 Hindi Core

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CBSE Question Paper 2014 Class 12 Hindi Core conducted by Central Board of Secondary Education, New Delhi in the month of March 2014. CBSE previous year question papers with the solution are available in myCBSEguide mobile app and website. The Best CBSE App for students and teachers is myCBSEguide which provides complete study material and practice papers to CBSE schools in India and abroad.

CBSE Question Paper 2014 Class 12 Hindi Core

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CBSE Question Paper 2014 Class 12 Hindi CoreCBSE Question Paper 2014 Class 12 Hindi Core


निर्देश:

  • कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न-पत्र में मुद्रित पृष्ठ 8 हैं।
  • कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न-पत्र में 14 प्रश्न हैं।
  • कृपया प्रश्न का उत्तर लिखना शुरू करने से पहले, प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।

खण्ड-‘क’

1. नीचे लिखे काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (1×5=5)

अचल खड़े रहते जो ऊँचा शीश उठाए तूफानों में,

सहनशीलता, दृढ़ता हँसती जिनके यौवन के प्राणों में।

वही पंथ बाधा को तोड़े बहते हैं जैसे हों निझर,

प्रगति नाम को सार्थक करता यौवन दुर्गमता पर चलकर।

आज देश की भावी आशा बनी तुम्हारी ही तरुणाई,

नए जन्म की श्वास तुम्हारे अंदर जगकर है लहराई।

आज विगत युग के पतझर पर तुमको नव मधुमास खिलाना,

नवयुग के पृष्ठों पर तुमको है नूतन इतिहास लिखाना।

उठो राष्ट्र के नवयौवन तुम दिशा-दिशा का सुन आमंत्रण,

जगो, देश के प्राण जगा दो नए प्राप्त का नया जागरण।

आज विश्व को यह दिखला दी हममें भी जागी। तरुणाई,

नई किरण की नई चेतना में हमने भी ली अँगड़ाई।।

(क) मार्ग की रुकावटों को कौन तोड़ता है और कैसे?

(ख) नवयुवक प्रगति के नाम को कैसे सार्थक करते हैं?

(ग) ‘विगत युग के पतझर’ से क्या आशय है?

(घ) कवि देश के नवयुवकों का आह्वान क्यों कर रहा है?

(ङ) कविता का मूल संदेश अपने शब्दों में लिखिए।

2. नीचे लिखे गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

बड़ी चीजें बड़े संकटों में विकास पाती हैं, बड़ी हस्तियाँ बड़ी मुसीबतों में पलकर दुनिया पर कब्ज़ा करती हैं। अकबर ने तेरह साल की उम्र में अपने पिता के दुश्मन को परास्त कर दिया था जिसका एकमात्र कारण यह था कि अकबर का जन्म रेगिस्तान में हुआ था और वह भी उस समय, जब उसके पिता के पास एक कस्तूरी को छोड़कर और कोई दौलत नहीं थी। महाभारत में देश के प्रायः अधिकांश वीर कौरवों के पक्ष में थे। मगर फिर भी जीत पांडवों की हुई, क्योंकि उन्होंने लाक्षागृह की मुसीबत झेली थी, क्योंकि उन्होंने वनवास के जोखिम को पार किया था। विंस्टन चर्चिल ने कहा है कि ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सिफ़त हिम्मत है। आदमी के और सारे गुण उसके हिम्मती होने से ही पैदा होते हैं। ज़िन्दगी की दो ही सूरतें हैं। एक तो यह कि आदमी बड़े-से-बड़े मकसद के लिए कोशिश करे, जगमगाती हुई जीत पर पंजा डालने के लिए हाथ बढ़ाए और अगर असफलताएँ कदम-कदम पर जोश की रोशनी के साथ अँधियाली का जाल बुन रही हों, तब भी वह पीछे को पाँव न हटाए। दूसरी सूरत यह है कि उन गरीब आत्माओं का हमजोली बन जाए जो न तो बहुत अधिक सुख पाती हैं और न जिन्हें बहुत अधिक दुख पाने का ही संयोग है, क्योंकि वे आत्माएँ ऐसी गोधूलि में बसती हैं जहाँ न तो जीत हँसती है और न कभी हार के रोने की आवाज़ सुनाई देती है। इस गोधूलि वाली दुनिया के लोग बँधे हुए घाट का पानी पीते हैं, वे ज़िन्दगी के साथ जुआ नहीं खेल सकते। और कौन कहता है कि पूरी ज़िन्दगी को दाँव पर लगा देने में कोई आनन्द नहीं है? अगर रास्ता आगे ही निकल रहा हो तो फिर असली मज़ा तो पाँव बढ़ाते जाने में ही है।

साहस की ज़िन्दगी सबसे बड़ी ज़िन्दगी होती है। ऐसी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी पहचान यह हैं किे बिलकुल निडर, बिलकुल बेखौफ़ होती है। साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है। अड़ोसपड़ोस को देखकर चलना, यह साधारण जीव का काम है। क्रांति करने वाले लोग अपने उद्देश्य की तुलना न तो पड़ोसी के उद्देश्य से करते हैं और न अपनी चाल को ही पड़ोसी की चाल देखकर मद्धिम बनाते हैं।

(क) गद्यांश में अकबर का उदाहरण क्यों दिया गया है? (2)

(ख) पांडवों की विजय का क्या कारण था? (1)

(ग) आशय स्पष्ट कीजिए – (2)

“जहाँ न तो जीत हँसती है और न कभी हार के रोने की आवाज़ सुनाई देती है।”

(घ) साहस की ज़िदगी को सबसे बड़ी जिंदगी क्यों कहा गया है? (2)

(ङ) दुनिया की असली ताकत किसे कहा गया है और क्यों? (2)

(च) क्रांतिकारियों के क्या लक्षण हैं? (1)

(छ) ज़िंदगी की कौन सी सूरत आपको अच्छी लगती है और क्यों? (2)

(ज) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)

(झ) निडर और बेखौफ़ में प्रयुक्त उपसर्ग लिखिए। (1)

(ञ) मिश्र वाक्य में बदलिए – साहस की ज़िंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। (1)

खड-‘ख’

3. नीचे लिखे विषयों में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए: (5)

(क) शिक्षा में खेलों का महत्व

(ख) परहित सरिस धर्म नहिं भाई

(ग) विज्ञापन और हम

(घ) कटते जंगल, बढ़ता प्रदूषण

4. पुरातात्विक महत्व के स्थानों पर हो रहे अनधिकृत कब्जे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए रोकने के समुचित उपाय करने हेतु क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी को पत्र लिखिए। (5)

अथवा

प्लास्टिक थैलियों के प्रयोग पर कानूनी पाबंदी लगाए जाने पर भी उनके बढ़ते प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए और एक सुझाव भी दीजिए।

5. (क) नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए: (1×5=5)

(i) भारत में पहला छापाखाना कब और कहाँ खुला?

(ii) किन्हीं दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों के नाम लिखिए।

(iii) पेज थ्री पत्रकारिता क्या है?

(iv) एनकोडिंग से आप क्या समझते हैं?

(v) फ़ीचर किसे कहा जाता है?

(ख) ‘महानगरों के विद्यालयों में प्रवेश की समस्या’ अथवा ‘केदारनाथ में जल प्रलय’ विषय पर एक फ़ीचर का आलेख लिखिए। (5)

6. ‘नक्सलवाद की समस्या’ अथवा ’उजड़ते गाँव-उमड़ते शहर’ विषय पर एक आलेख लिखिए। (5)

खण्ड-‘ग’

7. प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (2×4=8)

मैं जगजीवन का भार लिए फिरता हूँ,

फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ,

कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर,

मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ!

मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,

मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,

जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,

मैं अपने मन का गान किया करता हूँ!

(क) जगजीवन का भार लिए फिरने से कवि का क्या आशय है? ऐसे में भी वह क्या कर लेता है?

(ख) ‘स्नेह-सुरा’ से कवि का क्या आशय है?

(ग) आशय स्पष्ट कीजिए-

जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते।

(घ) ‘साँसों के तार’ से कवि का क्या तात्पर्य है? आपके विचार से उन्हें किसने झंकृत किया होगा?

अथवा

अट्टालिका नहीं है रे

आतंक-भवन

सदा पंक पर ही होता

जल-विप्लव-प्लाविन

क्षुद्र प्रफुल्ल जलज से

संदा छलकता नीर

रोग-शोक में भी हँसता है

शैशव का सुकुमार शरीर।

(क) कवि अट्टालिकाओं को आतंक भवन क्यों मानता है?

(ख) ‘पंक’ और ‘जलज’ का प्रतीकार्थ बताइए।

(ग) आशय स्पष्ट कीजिए – सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-प्लावन।

(घ) शिशु का उल्लेख यहाँ क्यों किया गया है?

8. नीचे लिखे काव्य खण्ड को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उतर लिखए: 2×3=6

सुत बित नारि भवन परिवारा। होहिं जाहिं जग बारहिं बारा।।

अस विचारि जियँ जागहु ताता। मिलइ न जगत सहोदर भ्राता।।

(क) काव्यांश में प्रयुक्त भाषा एवं छन्द का नाम लिखिए।

(ख) प्रयुक्त अलंकार का नाम और दो उदाहरण लिखिए।

(ग) कविता का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।

अथवा

जो मुझको बदनाम करे हैं काश वे इतना सोच सकें।

मेरा परदा खोले हैं या अपना परदा खोले हैं।।

(क) कविता का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।

(ख) काव्यांश की भाषा की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

(ग) ‘परदा खोलना’ का प्रयोग-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।

9. नीचे लिखे प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (3×2=6)

(क) कागज के पन्ने की तुलना छोटे चौकोने खेत से करने का आधार स्पष्ट कीजिए।

(ख) सिद्ध कीजिए कि ‘उषा’ कविता गाँव की सुबह का गतिशील चित्रण है।

(ग) कैमरे में बन्द अपाहिज कविता कुछ लोगों की संवेदनहीनता प्रकट करती है, कैसे?

10. नीचे लिखे गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (2×4=8)

बाज़ार में एक जादू है। वह जादू आँख की राह काम करता है। वह रूप का जादू है पर जैसे चुम्बक का जादू लोहे पर ही चलता है वैसे ही इस जादू की भी मर्यादा है। जेब भरी हो, और मन खाली हो, ऐसी हालत में जादू का असर खूब होता है। जेब खाली पर मन भरा न हो, तो भी जादू चल जाएगा। मन खाली है तो बाज़ार की अनेकानेक चीज़ों का निमन्त्रण उस तक पहुँच जाएगा। कहीं उस वक्त जेब भरी हो तब तो फिर वह मन किसकी मानने वाला है ! मालूम होता है यह भी लें, वह भी लें। सभी सामान ज़रूरी और आराम को बढ़ाने वाला मालूम होता है। पर यह सब जादू का असर है। जादू की सवारी उतरी कि पता चलता है कि फैसी चीजों की बहुतायत आराम में मदद नहीं देती, बल्कि खलल ही डालती है। थोड़ी देर को स्वाभिमान को ज़रूर सेंक मिल जाता है। पर इससे अभिमान की गिल्टी को और खुराक ही मिलती है। जकड़ रेशमी डोरी की हो तो रेशम के स्पर्श के मुलायम के कारण क्या वह कम जकड़ होगी?

(क) बाज़ार के जादू से क्या तात्पर्य है?

(ख) बाज़ार का जादू कब अधिक प्रभावी होता है और क्यों?

(ग) जादू का प्रभाव समाप्त होने पर क्या अनुभव होता है?

(घ) आशय स्पष्ट कीजिए ‘अभिमान की गिल्टी को और खुराक मिलती है।’

अथवा

दोनों ही लड़के राज-दरबार के भावी पहलवान घोषित हो चुके थे। अतः दोनों का भरण-पोषण दरबार से ही हो रहा था। प्रतिदिन प्रातःकाल पहलवान स्वयं ढोलक बजाकर दोनों से कसरत करवाता। दोपहर में, लेटे-लेटे दोनों को सांसारिक ज्ञान की भी शिक्षा देता – ‘समझे ! ढोलक की आवाज पर पूरा ध्यान देना। हाँ, मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही ढोल है, समझे ! ढोल की आवाज के प्रताप से ही मैं पहलवान हुआ। दंगल में उतरकर सबसे पहले ढोलों को प्रणाम करना, समझे !” ऐसी ही बहुत सी बातें वह कहा करता। फिर मालिक को कैसे खुश रखा जाता है, कब कैसा व्यवहार करना चाहिए, आदि की शिक्षा वह नित्य दिया करता था।

(क) पहलवान के बेटों का भरण-पोषण राज-दरबार से क्यों होता था?

(ख) पहलवान अपने पुत्रों को क्या शिक्षा दिया करता था?

(ग) लुट्टन किसे अपना गुरु मानता था और क्यों?

(घ) आज गाँवों में अखाड़े समाप्त हो रहे हैं, इसके क्या कारण हो सकते हैं?

11. नीचे लिखे प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (3×4=12)

(क) भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती हो गई कैसे? सोदाहरण लिखिए।

(ख) ‘गगरी फूटी-बैल पियासा’ से लेखक का क्या आशय है?

(ग) उन संघर्षों का उल्लेख कीजिए जिनसे टकराते-टकराते चाली चैप्लिन के व्यक्तित्व में निखार आता चला गया।

(घ) ‘नमक कहानी में क्या संदेश छिपा हुआ है? स्पष्ट कीजिए।

(ङ) डॉ. आम्बेडकर के मतानुसार दासता की व्यापक परिभाषा क्या है? स्पष्ट कीजिए।

12. नीचे लिखे प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखिए: 2×2=4

(क) ‘जो हुआ होगा’ की दो अर्थ छवियाँ लिखिए।

(ख) मुअनजो-दड़ो की सभ्यता को लो-प्रोफाइल सभ्यता क्यों कहा जाता है?

(ग) बालक आनंद यादव के पिता ने किन शर्तों पर उसे विद्यालय जाने दिया?

13. नीचे लिखे प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- (3×2=6)

(क) यशोधर पंत की तीन चारित्रिक विशेषताएँ सोदाहरण समझाइए।

(ख) ऐन की डायरी निजी कहानी न होकर तत्कालीन समाज का दर्पण है कैसे?

(ग) ‘जूझ’ के लेखक के कवि बनने की कहानी का वर्णन कीजिए।

14. ‘जूझ’ कहानी आधुनिक किशोर-किशोरियों को किन जीवन-मूल्यों की प्रेरणा दे सकती है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। (5)

अथवा

‘सिल्वर वेडिंग’ के आधार पर उन जीवन-मूल्यों की सोदाहरण समीक्षा कीजिए जो समय के साथ बदल रहे हैं।

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